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भारत को चाहिए श्रम-आधारित वृद्धि मॉडल, कारोबार लागत घटाना जरूरी: नागेश्वरन

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सालाना कारोबार सम्मेलन में मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि भारत को वैश्विक अनिश्चितताओं में नहीं फंसना चाहिए।

Last Updated- May 29, 2025 | 10:36 PM IST
It is necessary to reduce business costs: Nageshwaran

मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा है कि भारत को अगर मझोली आय वाले देश की पहचान से छुटकारा पाना है तो उसे विश्वास, विनियमन और पारस्परिक भरोसे पर खास ध्यान देना होगा। उन्होंने गुरुवार को कहा कि कभी-कभी आवश्यकता से अधिक नियामकीय हस्तक्षेप इसलिए होता है क्योंकि निजी क्षेत्र सरकार पर उतना भरोसा नहीं दिखाता, जितना सरकार उस पर दिखाती है।

नागेश्वरन ने कहा कि अमेरिका में ट्रंप प्रशासन ने शुल्कों पर 90 दिन की जो रोक लगाई, उससे कुछ क्षेत्रों में भारत को फायदा हो सकता है। उन्होंने कहा, ‘कुछ ऐसे क्षेत्र जरूर होंगे जहां पहले भारत को फायदा नहीं होता मगर अब शुल्कों के लिहाज से वह फायदा ले सकता है।’

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सालाना कारोबार सम्मेलन में मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि भारत को वैश्विक अनिश्चितताओं में नहीं फंसना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस दिश में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में निजी खपत की 60 फीसदी हिस्सेदारी हो, उसे दुनिया भर में चल रही अनिश्चितताओं की फिक्र नहीं करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि 6.3 फीसदी से 6.8 फीसदी की आर्थिक वृद्धि दर हासिल करना और लंबे समय तक वही रफ्तार बनाए रखना मुमकिन है क्योंकि ईंधन सस्ता है, 2024 के मुकाबले अधिक उदार मौद्रिक नीति है और सामान्य से अधिक वर्षा के अनुमान हैं।

नागेश्वरन ने कहा कि कारोबारी सुगमता से ज्यादा जरूरी कारोबार की लागत घटाना है। उन्होंने कहा, ‘उपलब्ध जमीन का इस्तेमाल हो, फ्लोर स्पेस इंडेक्स हो या कुछ खास क्षेत्रों में महिलाओं के काम करने पर रोक लगाना हो, इन सबमें हमें काफी ढील देनी चाहिए और उत्पादन तथा रोजगार बढ़ाने के लिए ऐसा करना चाहिए।’

नागेश्वरन ने कहा कि अधिक पूंजी का इस्तेमाल कर आर्थिक वृद्धि हासिल करने का जो मॉडल दुनिया भर में चलता है वह भारत की ताकत के साथ मेल नहीं खाता। उन्होंने कहा कि पूंजी और श्रम के हितों के बीच किसी तरह के तुलना की जरूरत नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में पूंजी की जरूरत पूरी करने के लिए परिवारों की आय और बचत में बढ़ोतरी जरूरी है। नागेश्वरन ने कहा कि श्रम बल को पर्याप्त रोजगार नहीं मिले तो निजी क्षेत्र कभी आगे नहीं बढ़ सकता।

नागेश्वरन ने कहा, ‘हमारे देश में हर साल कम से कम 80 लाख रोजगार तैयार होने जरूरी हैं। इनमें कृषि क्षेत्र शामिल नहीं है। लिहाजा हमें पूंजी के बल पर वृद्धि वाली नीतियां तैयार करनी चाहिए। इसके निजी क्षेत्र में ऐसी नीतियों की जरूरत है जो श्रम आधारित विनिर्माण को भी बढ़ावा दे सकें।’

First Published - May 29, 2025 | 10:28 PM IST

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