देश में होटल के कमरों का किराया अब तक के सर्वाधिक स्तर पर चल रहा है। देश के भीतर पर्यटन में उछाल और नवंबर- दिसंबर के दौरान रिकॉर्ड संख्या में शादी- विवाह और सप्ताहांत की छुट्टियां बढ़ने से साल के अंत में यह किराया और चढ़ने की उम्मीद है। इसके परिणामस्वरूप देश के आतिथ्य उद्योग की औसत दैनिक दर (एडीआर) साल 2024 में अपने सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई। पिछले दिसंबर में साल की सबसे ज्यादा औसत दैनिक दर दर्ज की गई थी। आतिथ्य-सत्कार क्षेत्र की सलाहकार कंपनी होटेलिवेट को आशा है कि साल 2025 में भी ऐसा ही रुझान बना रहेगा।
होटेलिवेट के संस्थापक और चेयरमैन मानव थडानी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि मांग-आपूर्ति के गणित के कारण इस साल होटल के कमरों की दरों में बढ़ोतरी का रुख रहा है। इस साल आपूर्ति में कोई खासा इजाफा नहीं होने से होटलों ने अपनी औसत दैनिक दर में सुधार जारी रखा है। थडानी ने कहा, ‘साफ तौर पर पिछले साल की तुलना में इस साल औसत दैनिक दर में वृद्धि धीमी है, जिसकी प्रमुख वजह बड़े आयोजन हैं।’
जी20 सम्मेलन और भारत के आईसीसी पुरुष क्रिकेट विश्व कप की मेजबानी करने जैसे आयोजनों के कारण साल 2023 में होटल कमरों की दरों में काफी वृद्धि होने के बाद यह नरमी नजर आई है। अलबत्ता इस साल के अंत तक होटलों का किराया संगीत समारोहों और अनंत अंबानी की हाई-प्रोफाइल शादी से भी प्रभावित हुआ है।
ऑनलाइन ट्रैवल कंपनी ईजमाईट्रिप के मुख्य कार्य अधिकारी और सह-संस्थापक निशांत पिट्टी ने कहा, ‘आर्थिक विकास और घरेलू यात्रा में उछाल के कारण जनवरी में पिछले साल की तुलना में दरों में 7 से 10 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई।’ उन्होंने कहा, ‘गोवा, दिल्ली, जयपुर और उदयपुर जैसे लोकप्रिय गंतव्यों में दरें दिसंबर में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गईं।’
ईजमाईट्रिप ने बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ आंकड़े साझा किए हैं। इनके अनुसार त्योहारों के चरम समय के दौरान लक्जरी आवासों में प्रति रात सात लाख रुपये तक वसूले गए। कुल मिलाकर औसत प्रीमियम होटल के कमरे का किराया प्रति रात लगभग 7,200 से 7,400 रुपये था। हालांकि अन्य प्रमुख देशों की तुलना में भारत में होटल के कमरों का किराया प्रतिस्पर्धी रहता है। लेकिन, देश की सामर्थ्य क्षमता यात्रा के विविध अनुभवों के साथ मिलकर इसे देसी और अंतरराष्ट्रीय दोनों ही यात्रियों के लिए आकर्षक गंतव्य बना देती हैं।
उदाहरण के लिए ईजमाईट्रिप के अनुसार अमेरिका में किराया 150 और 200 डॉलर (लगभग 12,500 से 16,700 रुपये) के बीच रहा जबकि ब्रिटेन में औसत किराया 100 से 150 पॉउंड (करीब 10,300 से 15,500 रुपये) था। जापान में किराया 15,000 से 20,000 येन (लगभग 8,600 से 11,500 रुपये) कुछ अधिक है जबकि ऑस्ट्रेलिया में किराया 150 से 200 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (लगभग 8,000 से 10,700 रुपये) करीब-करीब एक समान ही है।
रेडिसन होटल्स के मामले में नवंबर महीना कमरों के किराये के लिहाज से सबसे दमदार रहा है। सामाजिक और कॉर्पोरेट समूह श्रेणियों की मांग में तेजी के कारण ऐसा हुआ है। रेडिसन होटल ग्रुप के प्रबंध निदेशक और क्षेत्र के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (दक्षिण एशिया) निखिल शर्मा ने कहा, ‘हमने जनवरी से दिसंबर के बीच कमरे की दरों में औसतन 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी।’ इस अंतरराष्ट्रीय होटल ब्रांड के पास भारत में नौ ब्रांड हैं।
एपीजे सुरेंद्र ग्रुप के लक्जरी पांच सितारा बूटीक होटल्स चेन के कमरों के किराए में भी रिकॉर्ड उछाल देखी गई। एपीजे सुरेंद्र पार्क होटल्स के कॉरपोरेट निदेशक और सेल्स ऐंड मार्केटिंग प्रमुख यजद मरफातिया ने कहा, ‘इस साल नवंबर और दिसंबर में उनके होटल में कमरों का किराया अन्य महीनों से अच्छा रहा।’
इसी प्रकार कामत होटल्स के कार्यकारी निदेशक विशाल कामत कहते हैं कि उनके यहां कमरों की किराया दर में अलग-अलग स्तर पर 4 से 10 प्रतिशत तक इजाफा हुआ।
क्रिमसन होटल के संस्थापक और निदेशक संदीप मैत्रये ने कहा, ‘क्रिमसन होटल्स के भीलवाड़ा (राजस्थान) स्थित होटल के कमरों के किराये में 10 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई जबकि पूरे साल में अब तक कमरे फुल होने की दर में भी 16 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। कंपनी भीलवाड़ा का पहला पांच सितारा डिलक्स रिजॉर्ट शुरू करने जा रही है।’
भारत और मालद्वीप में पुणे की कंपनी पंचशील रियल्टी और ब्लैक स्टोन के साझा वेंचर के जरिए प्रीमियम लक्जरी सेवाएं देने वाले वेंटिव होस्पीटैलिटी ने महामारी के बाद किरायों में 40 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी कर दी है।