मौसम विभाग ने फिर दोहराया है कि भारतीय मॉनसून के लिए खतरनाक कहलाने वाला अल नीनो अभी भी तटस्थ स्थिति में है। मौसम विभाग का मानना है कि जून के मध्य से सितंबर के मॉनसून सीजन में अल नीनो अधिक से अधिक मध्यम स्थिति में पहुंच सकता है। मौसम विभाग ने जोर देकर कहा है कि अधिकतर मॉडलों पर दक्षिण-पश्चिम मॉनसून को प्रभावित करने वाले हिंद महासागर डायपोल (आईओडी) के सकारात्मक रहने की भविष्यवाणी की गई है।
मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने भी मई महीने के लिए तापमान एवं बारिश का पूर्वानुमान जारी करते हुए कहा कि मई 2023 में मासिक अधिकतम तापमान पूर्व-मध्य एवं पूर्वी भारत, पूर्वोत्तर और प्रायद्वीपीय भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से अधिक रहने की उम्मीद है।
हालांकि, उत्तर-पश्चिम और पश्चिम-मध्य भारत में इसके सामान्य से कम अथवा सामान्य रहने की संभावना है। प्रभावी तौर पर इसका मतलब यह हुआ कि पूर्वी और दक्षिण भारत में अगले महीने भीषण गर्मी पड़ सकती है जबकि देश के एक प्रमुख तापमान क्षेत्र यानी उत्तरी राज्यों में इस साल गर्मी के अधिकांश महीनों में तापमान अपेक्षाकृत कम रहने के आसार हैं।
मगर, अभी निश्चित तौर पर कहा नहीं जा सकता है कि लोगों को लू के थपेड़े कब झेलने पड़ेंगे। इस साल मार्च और अप्रैल के दौरान उत्तर भारत में तापमान आमतौर पर सामान्य से कम रहा। मौसम विभाग ने कहा है कि अगले एक सप्ताह से 10 दिनों के दौरान देश के अधिकांश हिस्सों में गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है।
महापात्र ने कहा, ‘आंधी-तूफान की कमजोर गतिविधि, बंगाल की खाड़ी के ऊपर कमजोर चक्रवात-रोधी स्थिति और देश के उत्तर में पूर्वी क्षेत्र की ओर उत्पन्न पश्चिमी विक्षोभ के कमजोर प्रभाव के कारण पूर्वी और उत्तर-पूर्वी भारत में इस साल भीषण लू पड़ने की आशंका है।’ उन्होंने कहा कि मई महीने के दौरान देश के अधिकांश हिस्सों में बारिश सामान्य (दीर्घावधि औसत की 91 से 109 फीसदी) रहने की उम्मीद है।
मौसम विभाग ने कहा है कि उत्तर-पश्चिम भारत, पश्चिम-मध्य भारत के कई हिस्सों और प्रायद्वीपीय भारत के उत्तरी भाग में बारिश सामान्य से अधिक होने की उम्मीद है। मगर, पूर्वोत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों, पूर्व-मध्य भारत के कई हिस्सों और दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत में बारिश सामान्य से कम होने की आशंका है।
मॉनसून के बारे में महापात्र ने कहा कि अगला बड़ा पूर्वानुमान मई के मध्य में जारी किया जाएगा जब मॉनसून शुरू होने की तारीख की घोषणा की जाएगी। मौसम विभाग ने कहा कि अप्रैल में उत्तर-पश्चिम एवं मध्य भारत में सामान्य से अधिक बारिश हुई जबकि दक्षिणी प्रायद्वीप भारत और पूर्वोत्तर भारत में बारिश सामान्य से कम हुई। महापात्र ने कहा, ‘अप्रैल महीने में तापमान एवं बारिश के लिए जारी लगभग 80 फीसदी पूर्वानुमान सही साबित हुए।’
मौसम विभाग द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, साल 2022 में खराब मौसम के कारण देश भर में करीब 2,770 लोगों की मौत हो गई थी। इसमें से करीब 1,580 लोगों को बिजली और आंधी-तूफान के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी थी। बाढ़ एवं भारी बारिश के कारण करीब 1,050 लोगों की मौत हुई। जबकि लू और ओलावृष्टि आदि के कारण शेष लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। खराब मौसम के कारण सबसे अधिक मौत उत्तर प्रदेश में हुई और उसके बाद बिहार, असम, महाराष्ट्र एवं ओडिशा का स्थान रहा।