रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव (आरआईसी) के चौथे संस्करण का आयोजन मध्य प्रदेश के सागर जिले में शुक्रवार को हो रहा है। आरआईसी प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में औद्योगिक गतिविधियों के लिए निवेश जुटाने के प्रयासों का हिस्सा है। इससे पहले उज्जैन, जबलपुर और ग्वालियर में आरआईसी का आयोजन किया जा चुका है।
उद्योग विभाग के अधिकारियों के मुताबिक आयोजन में उद्योगपतियों, विभिन्न औद्योगिक समूहों के प्रतिनिधियों समेत करीब 2,500 प्रतिभागी हिस्सा लेंगे। अनुमान है कि इस आरआईसी की मदद से बुंदेलखंड क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
इस कॉन्क्लेव के जरिये मध्य प्रदेश सरकार औद्योगिक विकास के क्षेत्र में क्षेत्रीय असमानता को दूर करने का प्रयास कर रही है। इसके तहत प्रदेश के अलग-अलग इलाकों की औद्योगिक क्षमताओं को उद्योगपतियों और निवेशकों के सामने रखा जा रहा है।
आरआईसी सागर को लेकर हो रही तैयारियों का जायजा लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार चाहती है कि स्थानीय स्तर पर लोगों को अधिक से अधिक रोजगार दिलाए जा सकें। इसके लिए सरकार लघु उद्वोगों को बढ़ावा दे रही है और सागर संभाग के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों मसलन पीतल, अगरबत्ती, खाद्य उद्योग, फर्नीचर आदि को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास करने की तैयारी है।
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सागर जिले में फिलहाल पांच औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जा रहे हैं: सिधगवां, नौगांव बीना औद्योगिक क्षेत्र, सुभाष नगर औद्योगिक क्षेत्र, बीमा अर्द्ध शहरी औद्योगिक संस्थान और ग्रामीण कर्मशाला राहली।
अधिकारियों के मुताबिक आरआईसी सागर में मंगोलिया, थाईलैंड, ईरान, केन्या, अल्जीरिया आदि देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं।
अब तक प्रदेश में आयोजित आरआईसी तथा अन्य प्रदेशों में आयोजित निवेश जुटाने संबंधी चार रोड शो में 2.22 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिल चुके हैं जिनसे 2.73 लाख रोजगार के अवसर तैयार होने की उम्मीद है।