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नवाबी दौर की शानो शौकत की गवाह रही लखनऊ की आधा दर्जन कोठियां अब हेरिटेज होटल बनेंगी। उत्तर प्रदेश की नई पर्यटन नीति के लागू होने के बाद अब इन इमारतों की काया पलट की जा रही है और उन्हें नवाबी दौर का एहसास दिलाने वाले होटलों में बदला जा रहा है। होटल बनाए जाने के बाद करीब 200 साल पुरानी इन इमरातों में राजस्थान की तर्ज पर आलीशान शादियां व अन्य आयोजन हो सकेंगे।
उत्तर प्रदेश की नई पर्यटन नीति में पुरानी कोठियों, हवेलियों व महलों को होटल बनाने के लिए सरकार की ओर से विशेष प्रोत्साहन का ऐलान किया गया है। नीति के लागू हो जाने के बाद पुरातत्व विभाग की देखरेख में रही लखनऊ की कई इमारतों को अब पर्यटन विभाग को सौंप दिया गया है।
इनमें नवाबी काम की छतर मंजिल, रौशनउद्दौला कोठी, गुलिस्ताने इरम, कोठी दर्शन विलास और फरहत बख्श शामिल हैं। यह सभी इमारतें लखनऊ के मुख्य बाजार कैसरबाग में मौजूद हैं। पुरातत्व विभाग ने इन इमारतों को डी-नोटिफाई कर पर्यटन विभाग के हवाले कर दिया है। नवाबी इमारतों को हेरिटेज होटल में बदलने का प्रस्ताव पर्यटन विभाग ने तैयार कर मंत्रिपरिषद की मंजूरी के लिए भेज दिया है।
पर्यटन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक हेरिटेज होटल निजी सार्वजनिक सहभागिता (PPP) के आधार पर विकसित किया जाएगा। मंत्रिपरिषद से मंजूरी मिलने के बाद इसके लिए निजी क्षेत्र से प्रस्ताव मांगे जाएंगे। प्रस्ताव के लिए ई टेंडर जारी किए जाएंगे। सबसे पहले छतर मंजिल, रोशनउद्दौला कोठी, कोठी गुलिस्तान-ए-इरम और दर्शन विलास कोठी को बतौर हैरिटेज होटल तैयार किया जाएगा। इन इमारतों पर अधिकार पर्यटन विभाग का ही रहेगा जबकि व्यवस्था की देख-रेख व संचालन निजी क्षेत्र करेगा।
गौरतलब है कि हेरिटेज होटल की शक्ल लेने वाली सभी इमारतें अलग-अलग नवाबों के दौरा में बनाई गई थी। छतर मंजिल का निर्माण 238 साल पहले किया गया था और आजादी के बाद इसे सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट को सौंप दिया गया था। करीब 60 साल बाद सीडीआरआई ने इसे खाली कर पुरातत्व विभाग को सौंप दिया।
रौशनउद्दौला कोठी में अभी तक पुरातत्व विभाग का कार्यालय चल रहा था। वहीं कोठी दर्शन विलास में पहले स्वास्थ्य महानिदेशालय का कार्यालय खुला था पर इन दिनों खाली है। गुलिस्ताने इरम में भी स्वास्थ्य विभाग का दफ्तर था जो बाद में खाली कर दिया गया था।
हालांकि प्रदेश सरकार ने स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत कुछ पुरानी इमारतों का भी रख-रखाव किया पर इनका उपयोग नहीं हो सका। अब इन्हें हेरिटेज होटल में बदलने के बाद यहां न केवल राजस्थान की तर्ज पर बड़ी तादाद में पर्यटक आएंगे बल्कि शादी व अन्य समारोहों का आयोजन भी हो सकेगा।