facebookmetapixel
पांच साल में 479% का रिटर्न देने वाली नवरत्न कंपनी ने 10.50% डिविडेंड देने का किया ऐलान, रिकॉर्ड डेट फिक्सStock Split: 1 शेयर बंट जाएगा 10 टुकड़ों में! इस स्मॉलकैप कंपनी ने किया स्टॉक स्प्लिट का ऐलान, रिकॉर्ड डेट जल्दसीतारमण ने सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों को लिखा पत्र, कहा: GST 2.0 से ग्राहकों और व्यापारियों को मिलेगा बड़ा फायदाAdani Group की यह कंपनी करने जा रही है स्टॉक स्प्लिट, अब पांच हिस्सों में बंट जाएगा शेयर; चेक करें डिटेलCorporate Actions Next Week: मार्केट में निवेशकों के लिए बोनस, डिविडेंड और स्प्लिट से मुनाफे का सुनहरा मौकाEV और बैटरी सेक्टर में बड़ा दांव, Hinduja ग्रुप लगाएगा ₹7,500 करोड़; मिलेगी 1,000 नौकरियांGST 2.0 लागू होने से पहले Mahindra, Renault व TATA ने गाड़ियों के दाम घटाए, जानें SUV और कारें कितनी सस्ती हुईसिर्फ CIBIL स्कोर नहीं, इन वजहों से भी रिजेक्ट हो सकता है आपका लोनBonus Share: अगले हफ्ते मार्केट में बोनस शेयरों की बारिश, कई बड़ी कंपनियां निवेशकों को बांटेंगी शेयरटैक्सपेयर्स ध्यान दें! ITR फाइल करने की आखिरी तारीख नजदीक, इन बातों का रखें ध्यान

ऊर्जा मंत्रालय: ऊर्जा सुरक्षा और बढ़ती मांग के बीच संतुलन अहम

देश में बिजली की मांग बीते दो दशकों की तरह अब कोयले पर पूरी तरह आश्रित नहीं रही है। हालांकि हर साल बिजली की मांग रिकॉर्ड स्तर को तोड़ रही है।

Last Updated- June 09, 2024 | 10:29 PM IST
Power Grid's board of directors approves raising up to Rs 5,000 crore through bonds पावर ग्रिड के निदेशक मंडल ने बॉन्ड के जरिये 5,000 करोड़ रुपये तक जुटाने की दी मंजूरी

नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार के बीते दो कार्यकालों में स्वच्छ ऊर्जा, ऊर्जा में बदलाव ने आर्थिक विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। भारत ने अपने को विकासशील देशों की आवाज के रूप में स्थापित किया है और भारत के हरित वृद्धि की ओर बढ़ने की उम्मीद कायम है।

हालांकि बढ़ती मांग के कारण भारत की ऊर्जा बास्केट का झुकाव जीवाश्म ईंधन आधारित कोयले से तेल व प्राकृतिक गैस की तरफ हो सकता है। देश में बिजली की मांग बीते दो दशकों की तरह अब कोयले पर पूरी तरह आश्रित नहीं रही है। हालांकि हर साल बिजली की मांग रिकॉर्ड स्तर को तोड़ रही है और कोयला ही बिजली की मांग को पूरा करने का दारोमदार निभा रहा है।

केंद्रीय विद्युत मंत्रालय ने अधिशेष बिजली की आपूर्ति के लिए अपनी तरफ से सभी प्रयास किए हैं। इसमें आयातित कोयले से लेकर गैस आधारित इकाइयों का संचालन है। अधिकारियों के अनुसार इन प्रयासों के कारण प्रचंड गर्मी के मुश्किल दिनों से बिना किसी परेशानी के निपटने में मदद मिली।

इसका इस साल घरेलू कोयले, आयातित कोयले और प्राकृतिक गैस की आपूर्ति पर भी प्रभाव पड़ा था। भारत के राष्ट्रीय खनिक कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) की इस साल कोयले की सबसे अधिक आपूर्ति पर नजर है।

केंद्रीय कोयला मंत्रालय ने इस गर्मी में 15 दिन से अधिक (आमतौर पर यह 10 दिन या उससे कम हो जाती है) तक कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित की है। कोयला के नए मंत्री को इस पहल को आगे लेकर जाना है और उन्हें रेलवे, राज्यों, विद्युत मंत्रालय और बिजली निर्माण संयंत्रों से मदद की जरूरत है।

लिहाजा इन दो मंत्रालयों के समक्ष चुनौती यह है कि वह पर्याप्त ईंधन की आपूर्ति करें जबकि वैश्विक स्तर पर कोयले का खनन और इस्तेमाल कम करने का दबाव है।

विद्युत मंत्रालय के लिए ऊर्जा सुरक्षा की चुनौती कई गुना ज्यादा है। मंत्रालय को बीते दशकों के दौरान कई गुना बढ़ी हरित ऊर्जा के साथ तालमेल स्थापित करने की जरूरत है और यह हरित ऊर्जा 24 घंटे उपलब्ध नहीं रहती है। मोदी सरकार के सभी विद्युत मंत्रियों ने नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय का कार्यभार भी संभाला है।

भारत इस सदी के अंत तक 500 गीगावॉट हरित ऊर्जा उत्पादन के लिए प्रतिबद्ध है। लिहाजा विद्युत मंत्रालय तथा नवीन और नवीकरण ऊर्जा मंत्रालय को भरसक प्रयास करने होंगे और बिजली बनाने से लेकर उसके भंडारण तक से जुड़े आधारभूत ढांचे का विकास करना होगा।

विद्युत मंत्रालय के नए मंत्री को नई बिजली वितरण सुधारों की मुश्किल डगर पर आगे बढ़ना होगा। इन सुधारों को संकटग्रस्त बिजली आपूर्ति के पारिस्थितिकीतंत्र को दुरुस्त करने के लिए सभी राज्यों की मदद की आवश्यकता है।

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने किफायती परिवहन के लिए सतत विकल्प योजना का विस्तार करने का लक्ष्य रखा है।

First Published - June 9, 2024 | 10:29 PM IST

संबंधित पोस्ट