उत्तराखंड में चल रही चार धाम यात्रा के दौरान कई सुरक्षा दुर्घटनाओं के कारण नागरिक विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने सोमवार को राज्य में शटल और चार्टर सेवाएं संचालित करने वाले हेलीकॉप्टर ऑपरेटरों की विशेष ऑडिट और निगरानी बढ़ाने का आदेश दिया।
विमानन नियामक ने एक बयान में यह भी कहा कि वह सुरक्षा आकलन के परिणाम के आधार पर चार धाम के लिए हेलीकॉप्टरपरिचालन को पूरी तरह से निलंबित करने की जरूरत की समीक्षा कर रहा है।
यह कदम हाल ही में हुई कई घटनाओं के बाद उठाया गया है, जिसमें आपात कालीन लैंडिंग और एक घातक दुर्घटना शामिल है, जिससे ऊंचाई वाले तीर्थयात्रा मार्गों पर हेलीकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा के बारे में गंभीर सवाल उठे हैं। डीजीसीए ने कहा कि उसने हर घटना की जांच शुरू कर दी है ताकि तकनीकी खराबी, पायलट की गलती और मौसम की स्थिति जैसे कारणों का पता लगाया जा सके।
तत्काल सुरक्षा उपायों के तहत डीजीसीए ने उत्तराखंड में सभी हेलीकॉप्टर ऑपरेटरों को अगले आदेश तक केवल आउट-ऑफ-ग्राउंड इफेक्ट (ओजीई) स्थितियों में ही उड़ान भरने का निर्देश दिया है। ओजीई स्थितियों में उड़ान भरने का मतलब है कि हेलीकॉप्टर को ऐसी ऊंचाई पर रहना चाहिए, जहां वे मंडराने के लिए जमीन के कुशनिंग प्रभाव पर निर्भर न रह सकें। हालांकि इसके लिए अधिक इंजन शक्ति की आवश्यकता होती है, लेकिन इसे पहाड़ी और ज्यादा ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सुरक्षित माना जाता है क्योंकि यह उड़ान के दौरान बेहतर नियंत्रण की अनुमति देता है।
वास्तविक समय की निगरानी को मजबूत करने के लिए डीजीसीए ने कहा कि वह अब उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूसीएडीए) द्वारा प्रदान किए गए केदारनाथ हेलीपैड से लाइव वीडियो फीड की सक्रिय रूप से निगरानी कर रहा है। सोमवार को दो हेलीकॉप्टर ऑपरेटरों को पार्किंग प्रोटोकॉल से संबंधित मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का उल्लंघन करते हुए पाया गया, जिसके कारण उनके परिचालन को दो घंटे के लिए निलंबित कर दिया गया।