प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
वित्तीय संकट के बीच दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) ने सोमवार को मेट्रो का किराया स्लैब के हिसाब से 1 से 4 रुपये बढ़ाने का ऐलान किया। डीएमआरसी के अनुसार 8 वर्षों के बाद किराये में लगभग 7 प्रतिशत वृद्धि की गई है। इसी के साथ एयरपोर्ट लाइन पर भी किराया बढ़ाया गया है।
यात्रियों से मेट्रो से तय की गई दूरी के आधार पर शुल्क लिया जाता है। आज से प्रभावी बढ़ोतरी के बाद नोएडा सिटी सेंटर से राजीव चौक तक मेट्रो के सफर के लिए यात्रियों को 43 रुपये चुकाने होंगे। पहले यह किराया 40 रुपये था।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर किराये में बढ़ोतरी की घोषणा करते हुए डीएमआरसी ने कहा कि किराये में न्यूनतम बढ़ोतरी की गई है। सबसे निचले स्लैब (0-2 किमी) में 10 रुपये का टिकट अब 11 रुपये का होगा, जबकि उच्चतम यात्रा स्लैब (32 किमी से अधिक) के लिए 60 रुपये की जगह अब 64 रुपये देने होंगे।
डीएमआरसी के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘पिछले कुछ वर्षों से डीएमआरसी को काफी वित्तीय चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। कोविड अवधि के दौरान कंपनी को काफी नुकसान हुआ और जापान इंटरनैशनल को-ऑपरेशन एजेंसी (जीका) को ऋण चुकाने की प्रतिबद्धताओं की वजह से गंभीर चुनौती खड़ी है।’
डीएमआरसी ने बताया कि चौथी किराया निर्धारण समिति ने स्वचालित किराया संशोधन फॉर्मूले के माध्यम से किराया वृद्धि की सिफारिश की थी। किराये में बढ़ोतरी वैधानिक प्रावधानों और समिति की सिफारिशों के आधार पर ही की गई है।
एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा, ‘वर्ष 2023-24 में डीएमआरसी को 1,781.69 करोड़ रुपये का कर पूर्व नुकसान हुआ। इसके बाद 2024-25 में यह नुकसान 1,598 करोड़ रुपये (अनुमानित) होने की संभावना है। किराये में यह मामूली वृद्धि डीएमआरसी को हो रहे नुकसान को मामूली रूप से ही कम करेगी।’
भारत के ‘मेट्रो मैन’ कहे जाने वाले ई श्रीधरन के नेतृत्व में वर्ष 1995 में शुरू किए गए डीएमआरसी ने मेट्रो संचालन से 6,800 करोड़ रुपये कमाए, लेकिन 2023-24 के लिए अपनी वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार 2023-24 में 5,104 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ।
राष्ट्रीय राजधानी में मेट्रो के संचालन के लगभग 23 वर्षों में छठी बार किराया बढ़ाया गया है। पहली बार किराया 2004 में बढ़ा था, जबकि किराये में दूसरा संशोधन 2005 और तीसरा संशोधन 2009 में किया गया था। इसके बाद 2017 में दो बार मई और अक्टूबर में मेट्रो के किराये में वृद्धि की गई थी। विभिन्न नई सुविधाओं और टेक्नॉलजी अपग्रेड जैसे ऑटोमैटिक रेल चेक सिस्टम और व्हील फ्लेंज लुब्रिकेटर करने के साथ-साथ ट्रेनों के नवीनीकरण और उन्हें बदलने जैसे तमाम काम किए गए।