राजधानी दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के खिलाफ बीते रविवार को सैकड़ों लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। पिछले तीन हफ्तों के दौरान इस महानगर का वायु गुणवत्ता सूचकांक आधिकारिक तौर पर 300 और 400 के बीच रहा है, जो यह पहले ही पीएम2.5 प्रदूषक कणों के मामले में विश्व स्वास्थ्य संगठन की सुरक्षित सीमा से 20 से 30 गुना अधिक है।
सरकारी आंकड़ों से इतर आईक्यूएयर जैसे निजी वायु गुणवत्ता ट्रैकर्स के मुताबिक दिल्ली के कई हिस्सों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 600 के स्तर को भी पार कर गया है। शहर में हर साल अक्टूबर-नवंबर में प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंच जाता है, लेकिन इस बार लोग यह आरोप लगाते हुए सड़कों पर उतरे कि प्रदूषण के स्तर को कृत्रिम रूप से कम करने के लिए जिम्मेदार एजेंसियां सरकारी वायु प्रदूषण निगरानी केंद्रों के आसपास ही धुआंधार पानी का छिड़काव कर रही हैं, ताकि उपकरण कम से कम प्रदूषण दर्ज करे।
दिल्ली का औसत एक्यूआई अक्टूबर-नवंबर के दौरान कुछ सुधर के साथ 2020 के बाद से 260 और 300 के बीच रहा है। प्रदूषित हवा केवल दिल्ली की समस्या नहीं है। ताजा लाइव रैंकिंग से पता चलता है कि 13 नवंबर तक दुनिया के दस सबसे प्रदूषित शहरों में से सात उत्तर प्रदेश के हैं। इनमें फतेहपुर, फैजाबाद और नोएडा भी शामिल हैं, जबकि दिल्ली छठे स्थान पर है। शीर्ष प्रदूषित सभी 10 शहर भारत के ही हैं।