दिल्ली हवाई अड्डा कोहरे व अन्य प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों और तकनीकी खामियों के कारण विमानों में तीन घंटे से ज्यादा वक्त तक फंसे यात्रियों को लाने के लिए अपने टर्मिनल पर विशेष स्थान तैयार कर रहा है।
यह जानकारी सोमवार को दिल्ली हवाई अड्डे की संचालक दिल्ली इंटरनैशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) ने दी है। उल्लेखनीय है कि कुछ महीने पहले ही नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) ने टर्मिनल पर ऐसे यात्रियों के उतरने के संबंध में नियमों में काफी ढील दी है।
पहले के नियम में कहा गया था कि अगर ऐसे यात्री विमान से उतर जाते हैं तो फिर से आगमन क्षेत्र में लाना होगा और बोर्डिंग गेट पर लाने से पहले दोबारा सुरक्षा जांच की जाएगी।
चूंकि इस पूरी प्रक्रिया में करीब ढाई घंटे का वक्त लग जाता था इसलिए विमानन कंपनियां अपने यात्रियों को विमान से नहीं उतारती थीं। इससे यात्रियों को घंटों तक विमान में ही फंसे रहना पड़ता था।
जीएमआर समूह की डायल ने कहा, ‘यात्रियों को होने वाली परेशानी को कम करते हुए सरकार ने सुरक्षा प्रोटोकॉल में ढील दी है और अब कोहरे अथवा खराब मौसम एवं तकनीकी समस्याओं के कारण तीन घंटे से ज्यादा वक्त से विमान में बैठे अथवा रद्द हुई विमानों के यात्रियों को विमान से उतरने और टर्मिनल लौटने की मंजूरी दी गई है।’ डायल ने कहा कि वह दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के टर्मिनल 3पर ऐसे यात्रियों को उतारने के खास जगह बना रही है ताकि उन्हें आसनी से टर्मिनल के अंदर फिर से भेजा जा सके।
उसने कहा, ‘ऐसे यात्रियों को सीधे रिवर्स एंट्री पॉइंट पर भेजने से डीबोर्डिंग और बोर्डिंग में लगने वाला समय काफी कम हो जाएगा और यह ढाई घंटे से कम होकर कुछ मिनटों का ही रह जाएगा। ये सुविधा टर्मिनल 3 के बस बोर्डिंग गेट और कुछ एरोब्रिज के पास है। इसके अलावा टर्मिनल 2 के ट्रांसफर एरिया और टर्मिनल 1 के बस बोर्डिंग गेट के पास जगह तैयार की गई है। यह सुविधा सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए है।’
250 से 450 वर्ग मीटर में फैले इन स्थानों पर एक समय में 55 से 120 यात्रियों के रुकने की क्षमता है। इसका उद्देश्य सुरक्षा जांच की सुविधा देना है, जिससे यात्रियों को टर्मिनल के सिक्योरिटी होल्ड एरिया (सीएचए) में आसानी से जाने की अनुमति मिल सके।
डायल ने कहा है, ‘इन स्थानों के भीतर जहां संभव होगा डायल वहां यात्रियों के लिए शौचालय और वेंडिंग मशीन जैसी जरूरी सुविधाएं देने के लिए भी काम कर रही है। इन स्थानों का उपयोग केवल सुरक्षा प्रक्रिया पूरी करने के तौर पर किया जाएगा जिसके बाद यात्री एसएचए में चले जाएंगे, जहां यात्रियों को वहां मौजूद सभी सुविधाएं मिलेंगी।’
सुरक्षा कारणों से केवल फंसे हुए विमानों के यात्रियों और विमानन कंपनी के कर्मचारियों को ही उस स्थान में जाने की अनुमति दी जाएगी। डायल ने कहा है, ‘सुरक्षा बरकरार रखने के लिए एसएचए में जांच किए गए यात्रियों में शामिल होने की अनुमति देने से पहले देर वाले अथवा फंसे हुए उड़ानों से लौटने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग करने के लिए सीआईएसएफ कर्मियों को खास स्थान पर तैनात किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, निजी सुरक्षा एजेंसी (पीएसए) के कर्मी कोहरे अथवा अन्य मौसम परिस्थितियों और तकनीकी समस्याओं से प्रभावित यात्रियों के दस्तावेज जांचेंगे।’