इस वर्ष प्रदूषण के चलते खराब गुणवत्ता वाली हवा के दिनों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में बढ़ गई है। 1 जनवरी से 18 नवंबर तक करीब 122 दिन ऐसे थे जब वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 201 के आंकड़े को पार कर गया जबकि पिछले वर्ष समान अवधि के दौरान 116 दिन वायु गुणवत्ता खराब देखी गई। इसकी तुलना में 0 और 200 के बीच के एक्यूआई वाले दिनों की संख्या इस वर्ष 201 थी जो पिछले वर्ष के 206 दिनों की तुलना में थोड़ा कम है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक 0 और 200 के बीच एक्यूआई स्तर को तीन श्रेणियों, अच्छा (0-50), संतोषजनक (51-100) और मध्यम (101-200) में बांटा जाता है। हालांकि ये स्तर कम हानिकारक हैं लेकिन इनका स्वास्थ्य पर प्रभाव अलग-अलग पड़ता है और यह संवेदनशील लोगों को न्यूनतम असहजता महसूस कराने से लेकर फेफड़े, अस्थमा या ह्दय की बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए सांस लेने में परेशानी का सबब बन सकता है।
हालांकि खराब (201-300), बेहद खराब (301-400) और गंभीर (400 से ऊपर) श्रेणी की वायु गुणवक्ता स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरे की स्थिति बनाता है। लंबे समय तक वायु की खराब गुणवत्ता बने रहने पर अधिकांश लोगों को सांस लेने में परेशानी हो सकती है और इससे भी खराब स्थिति में सांस संबंधी बीमारी हो सकती है। एक्यूआई के गंभीर स्तर से न केवल सेहतमंद लोगों पर असर पड़ता है बल्कि उन लोगों पर इसका गंभीर प्रभाव पड़ता है जिन्हें पहले से ही स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हैं।
एक्यूआई के हानिकारक स्तर वाले दिनों की संख्या बढ़ने पर वायु प्रदूषण पर नियंत्रण करने की चुनौतियां भी बढ़ रही हैं। अब भारत दुनिया में सबसे अधिक प्रदूषित शीर्ष 100 शहरों की सूची में सबसे आगे है और इसने चीन को भी बड़े अंतर से पीछे छोड़ दिया है। हाल में एसऐंडपी ग्लोबल मोबिलिटी वेब प्रेजेंटेशन के मुताबिक इस सूची में भारत के 39 शहर शामिल हैं जबकि इसकी तुलना में इसके निकटतम प्रतिद्वंद्वी चीन के 30 शहर शामिल हैं।
सीपीसीबी के डेटा के मुताबिक दिल्ली भारत में सबसे अधिक प्रदूषित शहर है। 18 नवंबर को दिल्ली का औसतन एक्यूआई 494 रहा जो देश में सबसे ज्यादा है। दिल्ली के अधिकांश मॉनिटरिंग स्टेशनों की एक्यूआई 500 रही जो भारत के एक्यूआई पैमाने की उच्चतम सीमा है। हालांकि अंतरराष्ट्रीय वायु गुणवत्ता मॉनिटरिंग ऐप आईक्यूएयर ने उस दिन दिल्ली का एक्यूआई 1600 दर्ज किया। देश भर में वायु गुणवत्ता के माप के अलग-अलग पैमाने से अंतर दिखाई देता है।