White paper in Andhra Pradesh: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार को कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में जरूरी खर्चों के लिए राज्य को अतिरिक्त 19,107 करोड़ रुपये की जरूरत है। राज्य की वित्तीय स्थिति पर श्वेत पत्र जारी करते हुए उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती वाईएसआर कांग्रेस की सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन के कारण राज्य ऋण के जाल में फंस गया है।
श्वेत पत्र में नायडू ने दावा किया वित्त वर्ष 25 के लिए राज्य को जरूरी खर्चों से निपटने के लिए 1.64 लाख करोड़ रुपये चाहिए, जबकि उसका कुल राजस्व (राज्य का अपना राजस्व और कर हस्तांतरण) 1.45 लाख करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा कि राज्य का ऋण 31 मार्च, 2019 को 3.75 लाख करोड़ रुपये था जो 12 जून, 2024 को बढ़कर 9.74 लाख करोड़ रुपये हो गया। इस दौरान राज्य में वाईएस जगनमोहन रेड्डी की सरकार थी।
नायडू ने कहा कि राज्य की आर्थिक वृद्धि दर जो 2014 से 19 के बीच 13.5 प्रतिशत थी, वह 2019 से 24 के बीच घट कर 10.5 पर आ गई। इसी अवधि में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 16 प्रतिशत से घटकर 10.5 प्रतिशत रह गई। उन्होंने कहा कि पूंजीगत खर्च 60,879 करोड़ रुपये था, वह पूर्ववर्ती सरकार में 60 प्रतिशत घटकर 24,267 करोड़ रुपये हो गया।
उन्होंने यह भी कहा कि परिवहन, सड़क और भवन एवं जल संसाधन जैसे विभागों में धन की भारी कमी हो गई। मालूम हो कि 2014 से 19 के बीच चंद्रबाबू नायडू आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, जबकि 2019 से 24 के दौरान राज्य की बागडोर वाईएस जगनमोहन रेड्डी के हाथ में थी। इस साल हुए विधान सभा चुनाव में फिर चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने जीत दर्ज कर सत्ता अपने हाथ में ले ली।
मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि पिछले एक महीने में वह प्रधानमंत्री मोदी और वित्त मंत्री समेत अन्य केंद्रीय मंत्रियों से दो बार मिल चुके हैं। इसी का नतीजा रहा कि बजट में उनके राज्य की राजधानी के पुनर्निर्माण समेत अन्य विकास कार्यों के लिए वित्तीय सहायता के रूप में 15,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य की पोलावरम परियोजना को शीघ्र पूरा करने के लिए मदद, राज्य के पिछड़े क्षेत्रों के लिए अनुदान तथा कोपार्थी और ओरवाकल (हैदराबाद-बेंगलूरु औद्योगिक कॉरिडोर) में बुनियादी ढांचा विकास के लिए फंड मुहैया कराने का भरोसा दिया है।
नायडू की तेलुगू देशम पार्टी आंध्र प्रदेश में राजग सरकार का नेतृत्व कर रही है, जो केंद्र में सत्तासीन राजग का महत्त्वपूर्ण घटक दल है। पिछले 12 जून को सत्ता में आने के बाद यह नायडू सरकार का 7वां श्वेत पत्र है, जिसमें पूर्ववर्ती वाईएसआर सीपी सरकार पर राज्य को वित्तीय संकट में धकेलने का आरोप लगाया गया है।