रोजगार के मामले में विपक्ष की चुनौती झेल रही उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बड़ी योजना लेकर आ रही है। लोकसभा चुनावों के मद्देनजर युवाओं को साधने के लिए प्रदेश की योगी सरकार 7.5 लाख शिक्षित युवाओं को ट्रेनिंग देगी। एक साल तक चलने वाले इस ट्रेनिंग के दौरान शिक्षित बेरोजगारों को 8,000 से 9,000 रुपये का मासिक भत्ता भी दिया जाएगा। राज्य सरकार इस योजना को लागू करने के लिए 2,460 करोड़ रुपये खर्च करेगी जबकि केंद्र सरकार 3,825 करोड़ रुपये देगी।
इस योजना का ऐलान मंगलवार को आयोजित होने वाले यूपी दिवस में किया जा सकता है। प्रदेश सरकार का कहना है कि इस तरह से साढ़े सात लाख युवा तकनीकी रूप से दक्ष होंगे जिन्हें सरकारी व निजी क्षेत्र में एक वर्ष का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसका प्रस्ताव मुख्यमंत्री प्रशिक्षण योजना के तहत दिया गया है। योजना के तहत प्रत्येक जिले से 10-10 हजार स्नातक उत्तीर्ण युवा चुने जाएंगे। इसे लोकसभा चुनाव से पहले बेरोजगार युवाओं के लिए बड़ा तोहफा माना जा रहा है।
उच्च शिक्षा विभाग की ओर से तैयार प्रस्ताव के मुताबिक प्रदेश के 7.5 लाख इंटर पास व डिग्रीधारी युवाओं को एक साल की ट्रेनिंग दिलाकर उन्हें नौकरी करने लायक बनाया जाएगा। यह ट्रेनिंग निजी व सरकारी दोनों क्षेत्रों में दिलाई जाएगी। ट्रेनिंग के दौरान युवाओं को मासिक भत्ता भी दिया जाएगा। बीते सप्ताह मुख्य सचिव के सामने इस योजना का प्रस्तुतीकरण दिया गया था। योजना प्रदेश के सभी 75 जिलों में एक साथ लागू की जाएगी।
उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक मुख्यमंत्री प्रशिक्षुता पोर्टल पर युवा बेरोजगार इस योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन करेंगे। प्रशिक्षण लेने वाले डिप्लोमा धारक युवाओं को प्रतिमाह 8,000 रुपये का भत्ता दिया जाएगा जबकि डिग्री प्राप्त युवाओं को 9,000 रुपये मासिक भत्ता दिया जाएगा।
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गौरतलब है कि केंद्र सरकार की ओर से राज्य औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (ITI) के प्रशिक्षुओं को बीते सात सालों से प्रतिमाह 4,000 रुपये का मासिक भत्ता दिया जा रहा है। अब तक आईटीआई के करीब 1.75 लाख प्रशिक्षुओं को इस योजना का लाभ मिल चुका है। अब इसी तरह की योजना इंटर व डिग्री की उपाधि वाले युवाओं के लिए भी शुरू की जा रही है।