महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को पुलिस को निर्देश दिया कि ठाणे के बदलापुर में एक स्कूल में दो छात्राओं के कथित यौन उत्पीड़न के मामले में आरोपी पर बलात्कार का प्रयास करने का आरोप लगाया जाए। सीएम ने इस मामले को तेजी से निपटाने के लिए एक विशेष लोक अभियोजक (special public prosecutor) की नियुक्ति की भी घोषणा की।
शिंदे ने कहा, “मैंने ठाणे की पुलिस आयुक्त से बात की है। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। मैंने निर्देश दिया है कि इस मामले को तेजी से निपटाया जाए और आरोपी पर बलात्कार का प्रयास करने साथ ही साथ बच्चों के यौन अपराधों से संरक्षण [Pocso] अधिनियम के तहत भी के प्रावधान के तहत आरोप लगाया जाएं।”
बदलापुर में क्या हुआ?
मामला तीन और चार साल की दो किंडरगार्टन छात्राओं के एक पुरुष स्कूल अटेंडेंट द्वारा यौन उत्पीड़न का है। यह घटना हाल ही में स्कूल के शौचालय में हुई, जहां आरोपी ने कथित तौर पर लड़कियों का उत्पीड़न किया। आरोपी, 23 वर्षीय अक्षय शिंदे, को 1 अगस्त, 2024 से कॉन्ट्रैक्ट पर सफाई कर्मचारी के रूप में नियुक्त किया गया था।
जब पीड़ितों में से एक ने अपने प्राइवेट पार्ट में दर्द की शिकायत की और अपने माता-पिता को दुर्व्यवहार के बारे में बताया तो इस बात का खुलासा हुआ। आगे की जांच से पता चला कि उसकी दोस्त का भी इसी तरह उत्पीड़न हुआ था। दोनों लड़कियों के माता-पिता उन्हें एक लोकल डॉक्टर के पास ले गए, जिन्होंने पुष्टि की कि उनका यौन उत्पीड़न हुआ था।
खुलासा के बाद, गुस्साए माता-पिता और स्थानीय लोगों ने मंगलवार को स्कूल पर धावा बोल दिया, विरोध में संपत्ति तहस-नहस कर दी। प्रदर्शनकारियों ने सुबह 8.30 बजे से बदलापुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन सेवाओं को भी बाधित किया, कुछ ने तो प्रदर्शन के दौरान पत्थर भी फेंके। स्थिति को आखिरकार पुलिस ने संभाल लिया।
घटना के बाद, स्कूल मैनेजमेंट ने प्रिंसिपल, एक क्लास टीचर और एक महिला अटेंडेंट को सस्पेंड कर दिया है। महाराष्ट्र सरकार ने इस मामले की जांच में कथित लापरवाही के लिए एक वरिष्ठ पुलिस इंस्पेक्टर सहित तीन पुलिस अधिकारियों को भी सस्पेंड करने का आदेश दिया है।
उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक्स पर पोस्ट किया, “लापरवाही के लिए बदलापुर पुलिस स्टेशन से जुड़े वरिष्ठ पुलिस इंस्पेक्टर, सहायक सब इंस्पेक्टर और हेड कॉन्सटेबल के तत्काल सस्पेंशन के आदेश जारी कर दिए गए हैं।”
महाराष्ट्र सरकार ने क्या किया?
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक कड़ी चेतावनी जारी की, जिसमें कहा गया कि यदि स्कूल मैनेजमेंट को लापरवाह पाया जाता है तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा है कि इस मामले को बहुत जल्दी और गंभीरता से सुलझाया जाए। उन्होंने ठाणे के पुलिस कमिश्नर को इस मामले की जांच तेजी से करने के लिए कहा है।
साथ ही, उन्होंने यह भी कहा है कि सभी स्कूलों में बच्चियों की सुरक्षा के लिए बनाई गई ‘सखी सावित्री समितियां’ ठीक से काम कर रही हैं या नहीं, इसकी जांच की जाएगी। इन समितियों का काम बच्चियों को किसी भी तरह के गलत काम से बचाना है।
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा है कि हम स्कूलों को और सुरक्षित बनाना चाहते हैं, ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। इसके लिए उन्होंने कुछ नए नियम बनाए हैं:
हर स्कूल में शिकायत बॉक्स: अब हर स्कूल में एक बॉक्स लगाया जाएगा, जिसमें बच्चे अपनी शिकायत डाल सकेंगे। अगर किसी बच्चे के साथ कुछ गलत हो रहा है, तो वो इस बॉक्स में बता सकता है।
स्कूल के कर्मचारियों की जांच: जो लोग बच्चों के साथ रहते हैं, उनकी बहुत अच्छी तरह से जांच होगी।
विशेष जांच दल: इस मामले की पूरी सच्चाई जानने के लिए एक खास टीम (SIT) बनाई गई है। यह टीम इस बात का पता लगाएगी कि आखिर हुआ क्या था और जो लोग दोषी हैं, उन्हें सजा मिलेगी।