Ayodhya spiritual destination: राम मंदिर (Ram Mandir) के निर्माण के बाद से अयोध्या (Ayodhya) का कायाकल्प हो गया है। पर्यटकों की संख्या को देखते हुए शहर के इंफास्ट्रक्चर में तेजी से सुधार किया जा रहा है। अयोध्या दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक केंद्र (spiritual destination) बनने की राह पर है।
इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (IHCL) के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी पुनीत छतवाल (Puneet Chhatwal) ने कहा कि अयोध्या दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक केंद्र बनने की राह पर है। राम मंदिर के निर्माण के बाद से शहर के इंफास्ट्रक्चर में सुधार हो रहा है। भारी संख्या में रामलला के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का आगमन अयोध्या में हो रहा है।
उन्होंने इस धारणा को खारिज कर दिया कि लॉकडाउन के हटने के बाद लोगों के मन में घूमने की ललक बढ़ी है। इस कारण से पयटर्न उद्योग में हालिया उछाल देखी गई। उन्होंने कहा, लोग यात्रा कर रहे हैं क्योंकि उनके पास खर्च करने योग्य आय अधिक है, उनकी प्राथमिकताएं बदल गई हैं और एक फील-गुड फैक्टर है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन किया। प्रीमियम ताज होटल और रिसॉर्ट्स का स्वामित्तव रखने वाली IHCL ने अयोध्या में सेलेक्शन्स (SeleQtions), विवांता (Vivanta) और जिंजर ब्रांडों (Ginger brands) में तीन होटलों पर हस्ताक्षर किए हैं।
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चटवाल ने सोमवार रात चार्टर्ड अकाउंटेंसी फर्म पीकेएफ श्रीधर एंड संथानम की 45वीं वर्षगांठ समारोह में एक भाषण में कहा, “देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, स्मारकों या मंदिरों को देखें। आध्यात्मिक पर्यटन (Spiritual tourism) बहुत बढ़ रहा है। मैं हाल ही में अयोध्या गया था और मैंने जो देखा उस पर विश्वास नहीं कर सका। ईमानदारी से कहूं तो अगर सब कुछ उसी तरह होता है जैसा मैं समझता हूं तो अयोध्या दुनिया के उन सबसे बड़े आध्यात्मिक स्थलों से भी बड़ा होगा जिनके बारे में आप जानते हैं।”
जनवरी में, अयोध्या के मंडलायुक्त गौरव दयाल ने घोषणा की कि लगभग 50 प्रतिष्ठित होटलों ने अयोध्या में बड़ी परियोजनाओं में निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है और निर्माण कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा था कि इन होटलों में ताज, मैरियट, जिंजर, ओबेरॉय, ट्राइडेंट और रेडिसन शामिल हैं और ये जल्द ही पूरे हो जाएंगे और चालू हो जाएंगे।
छतवाल ने कहा कि पयटर्न को संविधान की समवर्ती सूची में जगह नहीं मिली क्योंकि उस समय देश गरीब था और प्राथमिकताएं अलग थीं। उन्होंने आगे कहा,
“यदि आप दुनिया भर में पयटर्न को समग्र रूप से देखें, तो ग्लोबल GDP में 10 प्रतिशत योगदान पयटर्न से आता है। सभी नौकरियों में से 10 प्रतिशत पयटर्न से आती हैं। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि सृजित सभी नई नौकरियों में से 20 प्रतिशत टूरिज्म सेक्टर से आ रही हैं।’’
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उन्होंने कहा, “पयटर्न भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में लगभग छह प्रतिशत का योगदान देता है और आठ प्रतिशत नौकरियों प्रदान करता है। यह बहुत कम है और इसमें तेजी से वृद्धि दिखनी चाहिए।’’
छतवाल ने आगे कहा ‘पिक्चर अभी शुरू हुई है।’ यह वैसा नहीं है जिसे लोग ‘रिवेंज टूरिज्म’ कहते हैं, जिसमें लोग अधिक यात्रा कर रहे हैं क्योंकि कोविड खत्म हो गया है। नहीं, लोग यात्रा कर रहे हैं क्योंकि उन्हें यात्रा करना पसंद है। लोग यात्रा कर रहे हैं क्योंकि उनके पास खर्च करने योग्य आय अधिक है, उनकी प्राथमिकताएं बदल गई हैं और एक फील-गुड फैक्टर है। इसलिए, जीवनशैली में बदलाव आ रहा है और यह रुकने वाला नहीं है।”