Air India Plane Crash Probe: 12 जून को अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हुए एयर इंडिया के बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान की शुरुआती जांच रिपोर्ट सामने आई है। इसमें खुलासा हुआ है कि उड़ान भरने के कुछ ही क्षण बाद विमान के दोनों इंजनों में ईंधन की आपूर्ति बंद हो गई थी। इसके चलते विमान का जोर (thrust) खत्म हो गया और वह सीधे ज़मीन पर आ गिरा। इस हादसे में विमान में सवार 241 यात्रियों और ज़मीन पर मौजूद 19 लोगों की मौत हो गई थी।
रिपोर्ट में बताया गया है कि टेकऑफ के तुरंत बाद दोनों इंजनों के फ्यूल कंट्रोल स्विच कट-ऑफ पोज़िशन में चले गए थे, जिससे ईंधन आपूर्ति रुक गई। यह स्पष्ट नहीं है कि यह कार्रवाई जानबूझकर की गई थी या गलती से। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर की बातचीत के अनुसार, एक पायलट ने दूसरे से पूछा भी कि उसने ईंधन क्यों बंद किया, लेकिन उसने इससे इनकार कर दिया।
करीब 10 सेकंड बाद दोनों स्विच दोबारा रन पोज़िशन में किए गए, जिससे दोनों इंजनों को फिर से चालू करने की कोशिश की गई। हालांकि, केवल एक इंजन पूरी तरह से दोबारा स्टार्ट हो पाया, जबकि दूसरा पर्याप्त पावर नहीं बना सका। दुर्घटना से कुछ सेकंड पहले पायलट ने “मेडे, मेडे, मेडे” की आपात कॉल दी, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
सिर्फ 30 सेकंड में टेकऑफ से क्रैश तक की यह पूरी घटना हुई। विमान ने रनवे छोड़ने के कुछ ही देर में पेड़ों को छूते हुए एक छात्रावास से टकरा कर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
जांच एजेंसी के मुताबिक, इस समय तक ऐसी कोई तकनीकी खामी सामने नहीं आई है, जिससे बोइंग 787-8 विमान या उसके GE GEnx-1B इंजन के संचालन पर कोई निर्देश जारी करना पड़े।
रिपोर्ट में 2018 में अमेरिका की FAA द्वारा जारी एक एयरवर्थिनेस बुलेटिन का भी हवाला दिया गया है। इसमें चेतावनी दी गई थी कि बोइंग 737 और 787 विमानों के फ्यूल स्विच बिना लॉकिंग मैकेनिज्म सक्रिय हुए ही रन से कट-ऑफ में जा सकते हैं। एयर इंडिया के विमान की इस पहलू पर कभी जांच नहीं हुई क्योंकि वह अनिवार्य नहीं थी।
इस जांच में विमान के दोनों पायलटों की पृष्ठभूमि भी देखी जा रही है। विमान की कमान कैप्टन सुमीत सभरवाल के पास थी, जिनके पास 8,500 घंटे का उड़ान अनुभव था। को-पायलट क्लाइव कुंदर 1,100 घंटे का अनुभव रखते थे और वही विमान उड़ा रहे थे, जबकि कैप्टन निगरानी की भूमिका में थे।
एक एयरोस्पेस इंजीनियर और फाइटर पायलट ब्योर्न फेहरम ने सवाल उठाया कि स्विच को रन पोज़िशन में दोबारा लाने में इतनी देर क्यों की गई। उन्होंने इसे “असामान्य” बताया और कहा कि ऐसे में तुरंत प्रतिक्रिया दी जानी चाहिए थी।
रिपोर्ट में कंट्रोल सिस्टम के जले हुए हिस्सों और ब्लैक बॉक्स के फोटो भी शामिल हैं। हालांकि यह रिपोर्ट अभी प्रारंभिक है और पूरी जांच रिपोर्ट आने में कई महीने लग सकते हैं।
यह हादसा बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान का पहला पूर्ण नुकसान था और पिछले एक दशक में भारत का सबसे भीषण विमान हादसा माना जा रहा है। हादसे के बाद से टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयर इंडिया संकट में घिर गई है, जो इन दिनों अपने पुनर्गठन की प्रक्रिया में है। बोइंग कंपनी ने इस हादसे के बाद सार्वजनिक रूप से कोई बयान नहीं दिया है और जांच एजेंसी के साथ सहयोग कर रही है।