अधिकांश भारतीयों का मानना है कि अगले 5 साल में दुनिया में आर्थिक अनिश्चितता बढ़ेगी। यह जानकारी आदित्य बिड़ला सन लाइफ इंश्योरेंस की ‘अनिश्चित इंडेक्स’ रिपोर्ट से मिली है।
रिपोर्ट के अनुसार, 7,978 लोगों से बात की गई, जिनमें 5,320 नौकरीपेशा और 2,658 व्यापारी शामिल थे। इनमें से 87 प्रतिशत लोगों का कहना है कि परिवार के खर्चे, जैसे बच्चों की पढ़ाई, अगले 5 साल में आर्थिक अनिश्चितता का सबसे बड़ा कारण बन सकते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय अनिश्चितता से तनाव और चिंता बढ़ती है, जिसका कारण आय में बदलाव, कर्ज, एकाएक आए खर्चे या खराब निवेश हो सकते हैं।
लोग लगातार अपनी प्राथमिकताओं पर फिर से सोच रहे हैं और अपने दीर्घकालिक लक्ष्यों को बदल रहे हैं। ऐसे समय में एक मजबूत वित्तीय सुरक्षा तैयार करना, कर्ज को समझदारी से संभालना, और बजट और बचत की अच्छी आदतें अपनाना जरूरी है।
अभी, 78 के अनिश्चितता स्कोर के साथ परिवार के खर्चे भारतीयों के लिए सबसे बड़ी चिंता बने हुए हैं, इसके बाद स्वास्थ्य और जीवन से जुड़ी चिंताएं आती हैं। इसके अलावा, आर्थिक, नौकरी, जलवायु परिवर्तन और राजनीतिक अनिश्चितताएं भी लोगों के लिए बड़ी चिंताएं हैं।
स्वास्थ्य और जीवन को 75 के अनिश्चितता सूचकांक के साथ दूसरी सबसे बड़ी चिंता माना गया है। रिपोर्ट के अनुसार, 59 प्रतिशत कामकाजी लोग अपने और अपने परिवार की सेहत और भलाई को लेकर चिंतित हैं। स्वास्थ्य से जुड़ी चिंताओं में, गंभीर बीमारियां और चोट सबसे ज्यादा चिंता का कारण हैं, और मानसिक स्वास्थ्य की चिंताएं भी लोगों के लिए महत्वपूर्ण हैं।
वित्तीय अनिश्चितता के मामले में, आर्थिक हालात और तकनीकी बदलाव लोगों की मुख्य चिंताएं हैं। शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव भी एक नई चिंता के रूप में उभर रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, 84 प्रतिशत लोग मानते हैं कि आर्थिक अनिश्चितता से निपटने के लिए वित्तीय योजना बनाना जरूरी है। लेकिन 35 प्रतिशत लोग अब तक किसी वित्तीय सलाहकार से सलाह नहीं ले पाए हैं।
इस बीच, लोग इस अनिश्चितता से निपटने के लिए कई तरीकों के बारे में जानते हैं। ज्यादातर लोग आपात स्थिति के लिए बचत खातों का उपयोग करते हैं और जोखिम को कम करने के लिए जीवन और स्वास्थ्य बीमा में निवेश करते हैं।
इसके अलावा, लोग मानते हैं कि आज के समय में जीवन बीमा एक पूरी वित्तीय योजना का जरूरी हिस्सा बन गया है। रिपोर्ट के अनुसार, जीवन बीमा अब मानसिक शांति के लिए जरूरी बन गया है, इसलिए यह लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हो गया है।