facebookmetapixel
AI की एंट्री से IT इंडस्ट्री में बड़ा बदलाव, मेगा आउटसोर्सिंग सौदों की जगह छोटे स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट‘2025 भारत के लिए गौरवपूर्ण उपलब्धियों का वर्ष रहा’, मन की बात में बोले प्रधानमंत्री मोदीकोल इंडिया की सभी सब्सिडियरी कंपनियां 2030 तक होंगी लिस्टेड, प्रधानमंत्री कार्यालय ने दिया निर्देशभारत में डायग्नॉस्टिक्स इंडस्ट्री के विस्तार में जबरदस्त तेजी, नई लैब और सेंटरों में हो रहा बड़ा निवेशजवाहर लाल नेहरू पोर्ट अपनी अधिकतम सीमा पर पहुंचेगा, क्षमता बढ़कर 1.2 करोड़ TEU होगीFDI लक्ष्य चूकने पर भारत बनाएगा निगरानी समिति, न्यूजीलैंड को मिल सकती है राहतपारेषण परिसंपत्तियों से फंड जुटाने को लेकर राज्यों की चिंता दूर करने में जुटी केंद्र सरकार2025 में AI में हुआ भारी निवेश, लेकिन अब तक ठोस मुनाफा नहीं; उत्साह और असर के बीच बड़ा अंतरवाहन उद्योग साल 2025 को रिकॉर्ड बिक्री के साथ करेगा विदा, कुल बिक्री 2.8 करोड़ के पारमुंबई एयरपोर्ट पर 10 महीने तक कार्गो उड़ान बंद करने का प्रस्वाव, निर्यात में आ सकता है बड़ा संकट

उत्पादकता बढ़ाने के लिए डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर की सिफारिश: World Bank

DPI: भारत ने वित्तीय समावेशन का लक्ष्य केवल छह साल में हासिल कर लिया है जबकि इसमें कम से कम 47 वर्ष लग सकते थे

Last Updated- September 08, 2023 | 11:09 PM IST
World Bank's suggestion to India to reconsider joining RCEP is flawed: GTRI World Bank का भारत को RCEP में शामिल होने पर पुनर्विचार करने का सुझाव त्रुटिपूर्ण: GTRI

वित्तीय समावेशन की जी20 वैश्विक साझेदारी दस्तावेज में डिजिटल सार्वजनिक आधारभूत ढांचे (डीपीआई) का उपयोग बढ़ाने की सिफारिश की गई है। विश्व बैंक द्वारा तैयार इस दस्तावेज में डीपीआई का उपयोग कर वित्तीय क्षेत्र के लिए उत्पादकता बढ़ाने, नियमन पर आधारित समुचित जोखिम को बढ़ावा देने, निरीक्षण और समझौते पर नजर रखने के बारे में कहा गया है।

इसके बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘विश्व बैंक द्वारा तैयार जी20 के दस्तावेज में भारत के विकास के बारे में रोचक तथ्य बताया गया है। भारत ने वित्तीय समावेशन का लक्ष्य केवल छह साल में हासिल कर लिया है जबकि इसमें कम से कम 47 वर्ष लग सकते थे।’

इस रिपोर्ट में जन धन बैंक खातों, आधार और मोबाइल से धन हस्तांतरण आदि का उदाहरण दिया गया है। रिपोर्ट के अनुसार मोबाइल से धन हस्तांतरण ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वर्ष 2008 में एक चौथाई वयस्कों के मोबाइल से धन हस्तांतरण करने वाले खाते थे और यह संख्या अब 80 फीसदी से अधिक हो गई है।

रिपोर्ट में डिजिटल सार्वजनिक आधारभूत ढांचे को शामिल करने के उदाहरण दिए गए हैं। इनमें भारत के यूपीआई की तर्ज पर सिंगापुर के सिंगपास, फिलिपींस के फिलसिस, यूएई – पास व त्वरित भुगतान प्रणाली के बारे में जानकारी दी गई है। रिपोर्ट में ब्राजील के पिक्स, टर्की के पिक्स सहित अन्य का भी उल्लेख है।

इस रिपोर्ट में सांकेतिक, स्वैच्छिक और गैर बाध्यकारी सिफारिशें की गई हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि देशों को बेहतरीन डीपीआई विकसित करनी चाहिए। इसकेल लिए व्यापक सक्षम वातावरण भी विकसित किया जाना चाहिए। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘सक्षम डीपीआई को ऐसे उत्पाद और सेवाएं मुहैया करवानी चाहिए कि कोई भी इस सुविधा से वंचित नहीं हो और उपभोक्ता के अधिकारों की सुरक्षा हो।’

रिपोर्ट के अनुसार डीपीआई से कुछ कानूनी और नियामकीय जोखिम भी आ सकते हैं। यदि इसके कुछ महत्त्वपूर्ण घटक वित्तीय रूप से अस्थिर हो जाते हैं तो दिवालिया के जोखिम के कारण बड़े पारिस्थितिकीतंत्र पर प्रभाव पड़ सकता है। डीपाई के दुरुपयोग से वित्तीय उपभोक्ता संरक्षण जोखिम बढ़ सकता है। रिपोर्ट के अनुसार डीपीआई का समुचित ढंग से प्रबंधन किए जाने की स्थिति में लेन-देन की लागत को कम किया जा सकता है। इससे नवाचार और प्रतिस्पर्धा को बढ़ाया जा सकता है।

First Published - September 8, 2023 | 11:09 PM IST

संबंधित पोस्ट