चालू वित्त वर्ष के शुरुआती सात महीनों में एक साल पहले की इसी अवधि के मुकाबले यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) से जुड़े रुपे क्रेडिट कार्ड से लेनदेन दोगुना हो गया है। वित्त मंत्रालय से मिले आंकड़ों से इसका खुलासा हुआ है। वित्त वर्ष 2025 के अक्टूबर तक 63,825.8 करोड़ रुपये के 75 करोड़ लेनदेन हुए हैं। बीते साल यानी वित्त वर्ष 2024 में यूपीआई रुपे क्रेडिट कार्ड के जरिये कुल मिलाकर 33,439.24 करोड़ रुपये मूल्य के 36.28 करोड़ लेनदेन किए गए थे।
वित्त वर्ष 2023 की दूसरी छमाही में इस व्यवस्था से 134.67 करोड़ रुपये मूल्य मूल्य के 86 हजार लेनदेन दर्ज किए गए थे। रियल टाइम पेमेंट सिस्टम यूपीआई चलाने वाले भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम ने साल 2017 में रुपे क्रेडिट कार्ड की शुरुआत की थी।
इसकी पेशकश के करीब पांच साल बाद भुगतान के शीर्ष निकाय ने सितंबर 2022 में यूपीआई पर रुपे क्रेडिट कार्ड को शामिल करने का कार्यक्रम शुरू किया। उपयोगकर्ता भुगतान के लिए अपने रुपे क्रेडिट कार्ड को यूपीआई आधारित ऐप पर जोड़ सकते हैं।
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्य सभा में कहा, ‘मझोले शहरों और उसके बाद के इलाकों में वित्तीय समावेशन को प्रोत्साहन देने के लिए समय-समय पर विभिन्न पहल की गई हैं। उसी में एक पहल यूपीआई से जुड़े रुपे क्रेडिट कार्ड के शुरुआत की है, जिससे यूपीआई का उपयोग करने वाले उपयोगकर्ताओं को ऋण सुविधा के अतिरिक्त मौके मिलते हैं।’
छोटे कारोबारियों के लिए 2 हजार रुपये तक के लेनदेन पर यूपीआई से जुड़े रुपे क्रेडिट कार्ड पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) और इंटरचेंज शुल्क नहीं लगता है। एमडीआर एक ऐसा शुल्क है, जो भुगतान करने वाली कंपनी कारोबारियों से किसी खास क्रेडिट अथवा डेबिट लेनदेन को संसाधित करने के लिए वसूलती है। यूपीआई के जरिये साल 2024 में कुल मिलाकर 155.44 अरब लेनदेन हुए हैं।