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IDBI Bank के निजीकरण की प्रक्रिया मार्च 2025 तक पूरी होने की उम्मीद: वित्त मंत्रालय

सरकार और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की आईडीबीआई बैंक में 60.72 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की योजना है।

Last Updated- October 28, 2024 | 6:21 AM IST
FinMin may complete privatisation process of IDBI Bank by March 2025 IDBI Bank के निजीकरण की प्रक्रिया मार्च 2025 तक पूरी होने की उम्मीद: वित्त मंत्रालय

केंद्रीय वित्त मंत्रालय मार्च 2025 तक आईडीबीआई बैंक के निजीकरण की प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद कर रहा है। मामले से अवगत एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी। उक्त अधिकारी ने कहा, ‘भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा छांटे गए बोलीकर्ताओं को ‘उचित एवं उपयुक्त’ प्रमाणपत्र देने के बाद सरकार आईडीबीआई बैंक के विनिवेश की प्रक्रिया पर तेजी से काम कर रही है और पूरी प्रक्रिया के चालू वित्त वर्ष में पूरा होने की उम्मीद है। हम बोलीकर्ताओं को नवंबर के दूसरे हफ्ते तक वर्चुअल डेटा तक पहुंच मुहैया कराएंगे।’

सरकार और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की आईडीबीआई बैंक में 60.72 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की योजना है। 31 दिसंबर, 2023 तक आईडीबीआई बैंक में एलआईसी की 49.24 फीसदी और सरकार की 45.48 फीसदी हिस्सेदारी थी।

उक्त अधिकारी ने कहा, ‘इस सौदे में लेनदेन सलाहकार की जिम्मेदारी केपीएमजी के पास है। उसके पास मूल्यांकन और किसी भी तरह की पूछताछ का जवाब देने के लिए बैंक के डेटा रूम तक पहुंच है। इसके बाद वह बोलीकर्ताओं के साथ मिलकर शेयर खरीद करार के मसौदे को अंतिम रूप दे रहा है।’

वित्त वर्ष 2017 के आम बजट में सरकार ने आईडीबीआई बैंक में अपनी हिस्सेदारी 50 फीसदी से कम करने का प्रस्ताव किया था और अक्टूबर 2022 में अभिरुचि पत्र आमंत्रित करने के लिए प्रारंभिक सूचना ज्ञापन जारी किया था।

विनिवेश का जिम्मा संभालने वाला निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) को शेयर बिक्री और आईडीबीआई बैंक के प्रबंधन नियंत्रण हस्तांतरित करने के प्रस्ताव में कई कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई। सरकार ने जनवरी 2023 में भारतीय रिजर्व बैंक को बोलीकर्ताओं का विवरण भेजा था।

अधिकारी ने कहा, ‘विनिवेश में लंबा समय लगने की एक वजह यह भी कि इसके लिए बैंकों के अलावा निजी इक्विटी फर्में, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां और एक कंसोर्टियम ने भी दिलचस्पी दिखाई थी।’
सरकार को 2 जनवरी, 2023 को कई बोलीकर्ताओं से अभिरुचि पत्र प्राप्त हुए थे। भारतीय रिजर्व बैंक से मंजूरी मिलने के बाद पात्र बोलीकर्ता बैंक की जांच-परख करेंगे।

चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में आईडीबीआई बैंक का शुद्ध मुनाफा 39 फीसदी बढ़कर 1,836 करोड़ रुपये रहा, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 1,323 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में बैंकों की शुद्ध ब्याज आय 26 फीसदी बढ़कर 3,875 करोड़ रुपये रही। इस दौरान शुद्ध ब्याज मार्जिन 4.87 फीसदी रहा जो वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही से 54 आधार अंक अधिक है।

सूत्रों के अनुसार अगर कोई बैंक आईडीबीआई बैंक का अधिग्रहण करता है तो बैंकिंग नियामक की आवश्यकता को पूरा करने के लिए उसके प्रवर्तकों को दोनों इकाइयों के विलय हेतु पर्याप्त मोहलत दी जाएगी क्योंकि किसी भी प्रवर्तक के पास एक ही बैंक का लाइसेंस हो सकता है।

यह सरकारी स्वामित्व वाले बैंक का पहला रणनीतिक विनिवेश होगा, जो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक से निजी क्षेत्र का बैंक बनेगा। सार्वजनिक क्षेत्र की अन्य इकाइयों के आगे विनिवेश के बारे में एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में विनिवेश की गति धीमी रहेगी।

अधिकारी ने कहा, ‘इस साल विनिवेश की रफ्तार धीमी रह सकती है। विनिवेश प्रक्रिया में कई चीजों पर ध्यान देना होता है। इसके बजाय हम कंपनियों की वृद्धि पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा कि शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के निजीकरण प्रक्रिया में देर हो सकती है और यह शायद चालू वित्त वर्ष में पूरा न हो क्योंकि इसकी गैर-मुख्य संपत्तियों को अलग करने के बाद केंद्र राज्यों के साथ दस्तावेजीकरण के मुद्दे को अभी सुलझा नहीं पाया है।

First Published - October 28, 2024 | 6:21 AM IST

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