मेरी उम्र 35 वर्ष है और मैं कुछ इस तरह निवेश करना चाहता हूं कि मुझे 15 वर्षों बाद अच्छी राशि प्राप्त हो।
मेरे निवेश प्रबंधक ने कहा कि मुझे डीएसपीएमएल टाइगर, रिलायंस ग्रोथ, रिलायंस डाइवर्सिफायड पावर, एचडीएफसी इक्विटी, एसबीआई मैग्नम कॉन्ट्रा और कोटक लाइफस्टाइल फंडों में प्रतिमाह 2,000 रुपये के सिप की शुरुआत करनी चाहिए। उन्होंने मुझसे कोटक स्मार्ट एडवांटेज यूलिप में प्रति वर्ष एक लाख रुपये के निवेश की भी सलाह दी।
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि एक साल के बाद सिप से एक लाख रुपये निकाल कर यूलिप में (100 प्रतिशत इक्विटी विकल्प का चुनाव करते हुए) कम से कम पांच वर्षों के लिए निवेश करना चाहिए। क्या यह सुझाव सही है? क्या फंडों और यूलिप का चुनाव बेहतर है? क्या 15 वर्षों बाद मुझे अच्छी राशि मिल पाएगी?
– अमोल लांबे
आइए हम शुरूआत संख्याओं से करते हैं। अगर आप प्रति महीने 12,000 रुपये का निवेश करते हैं और आपको प्रति वर्ष 20 प्रतिशत का प्रतिफल प्राप्त होता है तो 15 वर्षों में आप 1.10 करोड़ रुपये का कोष बनाने में सफल होंगे। यह एक बड़ी राशि है। लेकिन इसे प्राप्त करने के लिए हम यूलिप का रास्ता अपनाने की सलाह नहीं देंगे। यूलिप के शुरूआती शुल्क काफी अधिक होते हैं जो आरंभिक वर्षों में आपके निवेश के एक बड़े हिस्से को चट कर जाते हैं।
उदाहरण के लिए, कोटक स्मार्ट एडवांटेज के मामले में पहले वर्ष के प्रीमियम का आवंटन निवेश के लिए नहीं किया जाता है। यह प्रीमियम (योजना-पुस्तिका के अनुसार)पहले साल के प्रीमियम की शत प्रतिशत गारंटी देता है अगर पॉलिसी की अवधि पांच वर्ष चुनी गई है। इसका मतलब हुआ कि अगर आप इसमें एक लाख रुपये का निवेश करते हैं तो पहले वर्ष इक्विटी में किसी प्रकार का निवेश नहीं किया जाएगा। अब आप खुद ही यह निर्णय लें कि यह निवेश आपके लिए अच्छा है या नहीं।
अब आपके फंड चयन की बात पर आते हैं। आपको जिन फंडों की सलाह दी गई है उनमें से अधिकांश अच्छे हैं। लेकिन हमारा मानना है कि 12,000 रुपये के सिप के लिए आपको छह फंडों की जरुरत नहीं है। आप 3-4 फंडों में निवेश कर भी अपना लक्ष्य पा सकते हैं। आप कोटक लाइफस्टाइल और रिलायंस डाइवर्सिफायड पावर को छोड़ भी सकते हैं और शेष बचे चार फंडों में आराम से निवेश कर सकते हैं।
क्या मैं नए फंड ऑफर की समाप्ति के बाद जेएम कोर 11 सीरीज 1 सरीखे नियतकालिक म्युचुअल फंडों में निवेश कर सकता हूं? अगर हां तो किस प्रकार? निवेश के बाद किस प्रकार की जटिलताएं आ सकती हैं? – दीपक खरबंदा
नियतकालिक फंडों में नए फंड ऑफर के दौरान ही निवेश किया जा सकता है। हालांकि, ये फंड योजना से बाहर निकलने के लिए आवधिक अंतराल पर विकल्प उपलब्ध कराते हैं। कुछ नियतकालिक फंड जिनके तहत बाहर निकलने की व्यवस्था नहीं है (जैसे फ्रैंकलिन इंडिया कैपिटल प्रोटेक्शन प्लान) वे स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबध्द हैं ताकि निवेशक अपनी यूनिटों को खरीदार के मिलने पर भुना सकें।
अगर कोई नियतकालिक फंड स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबध्द है और उनका कारोबार किया जाता है तो निवेशक जब चाहें यूनिटों की खरीद-बिक्री कर सकते हैं। जेएम कोर 11 फंड किसी स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबध्द नहीं होने जा रहा और आप इसके यूनिटों की खरीदारी नए फंड ऑफर की समाप्ति के बाद नहीं कर सकते हैं।
मैं एक गोल्ड ईटीएफ खरीदना चाहता हूं। कृपया अल्पावधि और दीर्घावधि के निवेश की कर संरचना पर प्रकाश डालें। कृपया यह भी स्पष्ट करें कि अगर एनएसई से अपने डीमैट खाते के जरिये इसकी खरीदारी करुं तो क्या वेल्थ टैक्स लगाया जाएगा? – महेन्द्र पटेल
गोल्ड ईटीएफ को वित्तीय परिसंपत्तियों की तरह ही देखा जाता है। गोल्ड ईटीएफ से प्राप्त होने वाले लाभों पर उसी प्रकार कर लगाया जाता है जिस प्रकार इक्विटी और ऋण फंडों पर। गोल्ड ईटीएफ के मामले में कोई निवेशक इंडेक्सेशन बेनिफिट का लाभ उठा कर अपने कर चुकाने का दायित्व कम कर सकता है। अगर आप भैतिक तौर पर सोने में निवेश करते हैं तो आपको 15 लाख से अधिक के भौतिक निवेश पर एक प्रतिशत का वेल्थ टैक्स अदा करना होगा।
इस प्रकार का वेल्थ टैक्स गोल्ड ईटीएफ पर नहीं लगाया जाता है। अगर आप सोना खरीदने के तीन वर्षों के भीतर उसे बेच डालते हैं तो आपको अल्पावधि का पूंजीगत अभिलाभ कर चुकाना होगा। गोल्ड ईटीएफ के मामले में यह अवधि एक साल की है। एक साल से कम अवधि पर 10 प्रतिशत का कर और एक साल से अधिक अवधि के मामले में इंडेक्सेशन के साथ 20 प्रतिशत और बिना इंडेक्सेशन के 10 प्रतिशत का कर लगाया जाता है।
मैनें द्वितीयक बाजार से मॉर्गन स्टेनली ग्रोथ फंड के यूनिटों की खरीदारी की क्योंकि वे शुध्द परिसंपत्ति मूल्य (एनएवी) पर छूट के साथ उपलब्ध थे। अब मॉर्गन स्टेनली ने इस फंड को सतत खुली योजना में बदलने का निर्णय लिया है। अगर मेरे यूनिटों को सतत खुले यूनिटों में बदला जाता है तो मुझे क्या करना चाहिए? – शांतनु
मॉर्गन स्टेनली ग्रोथ फंड (एमएसजीएफ) की असूचीबध्दता (डीलिस्टिंग) की प्रक्रिया में लगभग 5-6 महीने लगेंगे। एएमसी द्वारा नियामक की जरुरतों को पूरी करने के बाद यह फंड स्टॉक एक्सचेंजों से डीलिस्ट होगा और एक सतत खुली योजना में परिवर्तित होगा। निवेशकों को सीधे तौर पर फंड हाउस से यूनिटों की पुनर्खरीद और खरीदने की छूट होगी। एक निवेशक के तौर पर यूनिटों को सतत खुले में परिवर्तित करने के लिए आपको कुछ भी करने की जरुरत नहीं है। एक बार डीलिस्ट हो जाने के बाद ऐसा संभव है कि मॉर्गन स्टेनली आपको एक खाता-सार भेजे जिसमें आपकी खाता और फोलियो संख्या होगी।
क्या केवल टैक्स सेविंग योजनाओं, जैसे एचडीएफसी टैक्स सेवर और मैग्नम टैक्स गेन जिन्हें वैल्यू रिसर्च द्वारा पांच सितारे की रेटिंग दी गई है, में निवेश करने में कोई हानि है? मेरी उम्र 40 वर्ष है और मैं विशाखित इक्विटी फंडों में और अधिक निवेश करना चाहता हूं। मेरा निवेश फ्रैंकलिन प्राइमा, एचडीएफसी प्रूडेंस और फ्रैंकलिन के फ्लेक्सी कैप में है। मेरी क्या नीति होनी चाहिए? – संदीप जैन
जब आपको आयकर बचाने की जरुरत ही नहीं है तो आप टैक्स सेविंग म्युचुअल फंडों में निवेश क्यों करेंगे? टैक्स सेविंग फंड और गैर टैक्स सेविंग फंडों में केवल लॉ-इन अवधि का अंतर होता है। हांलांकि, टैक्स सेविंग फंडों में निवेश करने में कोई घाटा नहीं है लेकिन गैर टैक्स सेविंग फंडों में अधिक तरलता होती है और जरूरत पड़ने पर इनके यूनिटों को आप भुना सकते हैं।
गैर टैक्स सेविंग फंडों में एक और सुविधा है कि अगर एकाध वर्षों में इसका प्रदर्शन बेहतर नहीं होता है तो आप इनसे बाहर हो सकते हैं। लेकिन टैक्स सेविंग फंडों के मामले में आप ऐसा नहीं कर सकते क्योंकि इनकी एक निश्चित लॉक-इन अवधि होती है।पांच सितारा रेटिंग वाले कई सारे इक्विटी म्युचुअल फंड हैं जिनमें से आप अपने लायक फंड का चुनाव कर सकते हैं। जिन फंडों में आपने निवेश किया हुआ है उनका प्रदर्शन भी लगातार अच्छा रहा है।
सही इक्विटी और ऋण आवंटन के साथ एक संतुलित पोर्टफोलियो बनाएं। दैनिक आधार पर अपने म्युचुअल फंडों के एनएवी का प्रदर्शन न देखें। अपने इक्विटी और ऋण में आवंटन के अनुपात की प्रति वर्ष समीक्षा करें और उन्हें संतुलित करें।
मैं अपनी पत्नी और बेटियों के जीवन बीमा के प्रीमियम का भुगतान करता हूं। कुल मिला कर इसकी राशि 45,000 रुपये है। क्या मैं आयकर की धारा 80सी के तहत कर में छूट का दावा कर सकता हूं? क्या आयकी की किसी और धारा के तहत मैं दावा कर सकता हूं? – एस श्रीनिवासन
हां। आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत अपनी कुल बचत की गणणा करते समय आप इस राशि को शामिल कर सकते हैं। आयकर की और किसी धारा के तहत आप परिवार के सदस्यों के लिए बीमा प्रीमियम का भुगतान कर आयकर में छूट नहीं पा सकते हैं।