सरकार आईडीबीआई बैंक में बहुलांश हिस्सेदारी खरीदने वाली कंपनी को कुछ कर प्रावधानों में कुछ छूट देने की योजना बना रही है। दो सरकारी अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार को दरअसल बैंक की बिक्री के लिए ठंडी प्रतिक्रिया मिली थी। इसलिए अधिक बोलीदाताओं को आकर्षित करने के लिए यह कदम उठाया जा सकता है। इससे पहले सरकार ने पिछले सप्ताह शुरुआती बोलियों की समय सीमा बढ़ा दी थी।
अधिकारियों में से एक ने कहा कि वित्त मंत्रालय टैक्स के किसी एक धारा में ढील देने की संभावना तलाश रहा है। इस धारा के तहत आईडीबीआई बैंक के खरीदार को शेयर की कीमत अंतिम बोली के बाद बढ़ने की स्थिति में अतिरिक्त टैक्स का भुगतान करना होता है। टैक्स फर्म एएमआरजी ऐंड एसोसिएट्स के पार्टनर ओम राजपुरोहित ने बताया कि अगर वित्तीय बोलियों के औपचारिक रूप से रखे जाने के बाद आईडीबीआई बैंक के शेयर की कीमतों में वृद्धि होती है, तो शेयर की कीमतों में अंतर को खरीदार के लिए ‘अन्य आय’ के रूप में माना जा सकता है।
बता दें कि सरकार की नियोजित कर छूट या माफी संभावित खरीदार को इस टैक्स से बचने में मदद करेगा। सरकार और जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की आईबीआई बैंक में लगभग 95 फीसदी हिस्सेदारी है। उन्होंने बैंक में 60.72 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए निवेशकों से शुरुआती बोली मांगी है। पिछले सप्ताह बैंक के लिए शुरुआती बोलियां जमा करने की समय सीमा सात जनवरी तक बढ़ा दी थी।