आर आर नायर दूसरी सबसे बडी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस के नए निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त हुए हैं।
जीवन बीमा निगम और इसकी सहायक विदेशी शाखाओं में काम करने के बाद फाइनेंस उनके लिए अपेक्षाकृत नया क्षेत्र होगा। नायर ने अपनी कंपनी की योजनाओं के बारे में फलकनाज़ सैयद से बातचीत की।
आप उन कर्जदाताओं में शामिल है जिन्होंने रिजर्व बैंक द्वारा कड़ी मौद्रिक नीति के बाद भी अपनी ब्याज दरों में इजाफा नहीं किया है। आप ये कैसे कर पा रहे हैं?
यह मुश्किलों का दौर है क्योकि ऐसे में फंडों पर आ रही लागत और ग्राहकों की उम्मीदों केबीच संतुलन स्थापित करना होता है। ग्राहक कम दरों पर कर्ज चाहते हैं। इस वित्तीय वर्ष में हमने अपने मौजूदा ग्राहकों केलिए ब्याज की दरों में 0.75 प्रतिशत की ही बढ़ोतरी की है जबकि हमारे खर्चों में 3 प्रतिशत तक का इजाफा हो गया है।
खर्च में आई तेजी से निपटने के लिए हम अपने कार्य करने के तरीकों को और कारगर बनाने की कोशिश कर रहें हैं। हम बेहतर उत्पादन क्षमता और खर्चों में कटौती के जरिए अपने परिचालन लागत में 0.50 प्रतिशत की कटौती करने की कोशिश कर रहे हैं और इस लाभ को हम ग्राहकों में बांटना चाहते हैं।
हम जितना उधार लेते हैं उनमें से 50 प्रतिशत दीर्घ अवधि केलिए होते हैं जिससे हमे बफर की सुविधा देता है। हमारे पास लगभग 11 लाख एलआईसी अभिकर्ता हैं जिसमें से कुछ को अलग नेटवर्क विकसित करने की बजाय मार्केटिंग के कामों में लगाया जा सकता है। मांग और आपूर्ति केबीच में संतुलन नहीं है क्योंकि अभी भी 2 करोड़ चालीस लाख इकाइयों की जरूरत है।
क्या आप विकास के लक्ष्य को घटा रहे हैं?
बिल्कुल नहीं, बल्कि हम कर्ज बांटने में 40 प्रतिशत के इजाफे का लक्ष्य तय करके चल रहे हैं। पिछले साल हमने प्रोजेक्ट लोन शुरू किया और इसके तहत 1,200 करोड रुपये वितरित किए और इस साल हमारा 2000 करोड रुपये तक वितरित करने का लक्ष्य है। पिछले साल हमारा कुल वितरण 7,100 करोड रुपये था। इस साल हमारा 40 प्रतिशत तक का विकास करने का लक्ष्य है।
एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस वेंचर कैपिटल के कारोबार में भी उतरने की सोच रही है?
हम 300 करोड रुपये वाले फंड की शुरुआत करने की सोच रहें हैं और यह इसके लिए सेबी से मंजूरी मिलनी बाकी है। एलआईसी फाइनेंस और एलआईसी वेंचर कैपिटल कंपनी में 51 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखेगी और बाकी पर दूसरे साझेदरों का नियंत्रण होगा।
वेंचर कैपिटल कारोबार में प्रो-रेट बेसिस पर अधिक रिटर्न के साथ लाभ में सीधी हिस्सेदारी मिलती है। हमारी योजना अगले 18 महीनों केभीतर 50 परियोजनाओं को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने की है और इसके लिए एक समिति की स्थापना की जा रही है जो बेहतर परियाजनाओं का चयन करेंगी।
डिफाल्टरों की संख्या में तेजी आई है?
तीन साल पहले डिफॉल्ट रेट 4 प्रतिशत का था लेकिन फिलहाल यह घटकर 1.7 प्रतिशत रह हो गया है।