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भारतीय कंपनियों के लिए ESG बॉन्ड जारी करने हेतु मजबूत नियामकीय ढांचा जरूरी: RBI

आरबीआई की मुख्य महा प्रबंधक डिंपल भांडिया ने कॉर्पोरेट बॉन्ड बाजार के विकास और ESG बॉन्ड जारी करने के लिए सक्षम नियामकीय ढांचे की आवश्यकता पर बल दिया

Last Updated- August 09, 2024 | 10:21 PM IST
Bank Holiday

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) में मुख्य महा प्रबंधक डिंपल भांडिया ने शुक्रवार को कहा कि भारत की कंपनियों को पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ईएसजी) बॉन्ड जारी करने में मदद के लिए मजबूत और सक्षम नियामकीय ढांचा विकसित किया जाना जरूरी है।

उन्होंने कहा, ‘हम वैश्विक बैंकों के साथ बातचीत करते रहते हैं। हमने पाया कि हमारी तमाम कंपनियां विदेश जा रही हैं और ईएसजी बॉन्ड जारी कर रही हैं। ऐसे में मुझे लगता है कि यह ऐसा क्षेत्र है, जहां हमें कंपनियों के लिए मजबूत ढांचा बनाने की जरूरत है, जिससे कंपनियां यहां इसे जारी करने में सक्षम हो सकें।’

हालांकि, उन्होंने स्वैच्छिक धारण मार्ग (वीआरआर) की सुविधा को लेकर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की मजबूत प्रतिक्रिया का भी उल्लेख किया और कहा कि इस योजना के तहत 99 फीसदी धन कॉर्पोरेट बॉन्डों में निवेश किया जाता है।

उन्होंने कहा, ‘एक और माध्यम स्वैच्छिक धारण मार्ग में उल्लेखनीय रुचि नजर आ रही है, जो हम 2019 में लाए थे। मुझे नहीं पता कि आप लोगों में से कितने लोग इसके बारे में जानते हैं, लेकिन यह ऐसा मार्ग है, जिसके तहत विदेशी निवेशक धन ला सकते हैं। योजना के मुताबिक वे कॉर्पोरेट बॉन्डों और सरकारी प्रतिभूतियों दोनों में ही धन लगा सकते हैं।’

उन्होंने कहा, ‘लेकिन मैं आपको बताना चाहती हूं कि इस मार्ग से आया 99 फीसदी धन कॉर्पोरेट बॉन्डों में लगाया गया है। इस तरह से इसने आकार ले लिया है और हम खुश हैं। दरअसल इसकी लोकप्रियता को देखते हुए हम दो बार सीमा बढ़ाने को मजबूर हुए थे।’

भांडिया ने कहा कि कॉर्पोरेट बॉन्ड बाजार के लिए पूरक बाजारों को विकसित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सरकारी बॉन्ड बाजार में नकदी को समर्थन देने वाले प्रमुख कारकों में से एक अत्यधिक सक्रिय रीपो बाजार की मौजूदगी है।

उन्होंने कहा, ‘कॉर्पोरेट बॉन्ड बाजार को वास्तव में पूरक बाजारों के विकास की जरूरत है। ध्यान रहे कि जब आप सरकार के बॉन्ड बाजार की ओर देखते हैं तो सरकार के प्रतिभूति बाजार में नकदी को समर्थन देने में रीपो बाजार की सक्रिय भूमिका होती है।’

First Published - August 9, 2024 | 10:11 PM IST

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