अप्रैल में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) से लेनदेन मार्च 2024 की तुलना में संख्या व मूल्य के हिसाब से क्रमशः 1 प्रतिशत और 0.7 प्रतिशत कम हुआ है। मूल्य के हिसाब से 19.64 लाख करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ, जो मार्च के 19.78 लाख करोड़ रुपये की तुलना में कम है। संख्या के हिसाब से देखें तो अप्रैल में 13.3 अरब लेनदेन हुआ था, जो मार्च में 13.44 अरब था।
ग्रांट थॉर्नटन भारत में पार्टनर विवेक अय्यर ने कहा, ‘सालाना आधार पर यूपीआई से लेनदेन की संख्या व मूल्य में वृद्धि से देश भर में डिजिटल स्वीकार्यता पर ध्यान और यूपीआई की पेशकशों से दी जा रही सुविधा का पता चलता है।
हालांकि पिछले महीने से तुलना करना महत्वपूर्ण नहीं है, क्योंकि सामान्यतया मार्च में लेनदेन ज्यादा होता है, जिसकी वजह से मार्च 2024 की तुलना में अप्रैल 2024 में लेनदेन घटा हुआ नजर आ रहा है।’
पिछले साल की समान अवधि की तुलना में अप्रैल में यूपीआई से लेनदेन संख्या के हिसाब से 50 प्रतिशत और मूल्य के हिसाब से 40 प्रतिशत बढ़ा है। फरवरी 2024 में लेनदेन, संख्या व मूल्य के हिसाब से क्रमशः 12.10 अरब और 18.28 लाख करोड़ रुपये था।
अप्रैल में इमीडिएट पेमेंट सर्विस (आईएमपीएस) लेनदेन मार्च की तुलना में मूल्य के हिसाब से 7 प्रतिशत और संख्या के हिसाब से 5 प्रतिशत कम हुआ है। यह मूल्य के हिसाब से 5.92 लाख करोड़ रुपये रहा, जो मार्च के 6.35 लाख करोड़ रुपये की तुलना में कम है।
अप्रैल में फास्टैग लेनदेन संख्या के हिसाब से 3 प्रतिशत और मूल्य के हिसाब से 6 प्रतिशत कम हुआ है। अप्रैल में फास्टैग से लेनदेन घटकर 5,592 करोड़ रुपये रह गया, जो मार्च में 5,939 करोड़ रुपये था। अप्रैल में आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (एईपीएस) में मार्च की तुलना में संख्या के हिसाब से 13 प्रतिशत और मूल्य के हिसाब से 10 प्रतिशत गिरावट आई है।
एईपीएस से लेनदेन अप्रैल में 25,172 करोड़ रुपये था, जो मार्च के 27,996 करोड़ रुपये की तुलना में कम है। इससे अप्रैल में 9.4 करोड़ लेनदेन हुआ, जो मार्च के 10.8 करोड़ की तुलना में कम है।