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कहते हैं विश्लेषक

Last Updated- December 05, 2022 | 9:21 PM IST

समाप्त तिमाही में फाइजर का प्रदर्शन फरवरी में आशाजनक नहीं रहा और इस पर फार्मास्यूटिकल उद्योग में चल रही मंदी का असर पड़ा।


इसकी एक अन्य वजह उपभोक्ताओं ब्रांडों का आंशिक रुप से कमजोर रहना भी रहा। उपभोक्ता बिजनेस से आंशिक रुप से निकलने से कंपनी का दवा व्यापार 5.7 फीसदी गिर गया और शुध्द बिक्री 3.6 फीसदी घटकर 150 करोड़ रुपए पर आ गई।


इस सबके बावजूद कंपनी का दवा व्यापार दो फीसदी बढ़ा है। इस मंदी का एक हिस्सा पशु स्वास्थ्य उत्पादों में 19 फीसदी की बढ़त  से कम किया गया। फाइजर के पास वर्तमान में 600 से 700 करोड़ की नगदी है। यह उसके बाजार पूंजीकरण की 30 फीसदी है। नगदी को विभिन्न जगह लगाने के विकल्प उसके पास हैं।


इसमें ब्रांड अधिग्रहण और शेयर बायबैक शामिल है। अपनी पितृ कंपनी की मजबूती के कारण कंपनी भारत में बढ़ रहे आईपीआर व्यवस्था का बढ़िया फायदा उठाने की स्थिति में है। आशा है कि फाइजर अगले कुछ सालों में अपनी दो अंकों की मुनाफा बढ़त को बरकरार रखेगी। शेयर बाजार में कंपनी के शेयरों के मूल्यों अभी खरीदने लायक भाव पर है लेकिन बाजार की अनिश्चितता का असर कंपनी के शेयरों पर पड़ सकता है।


फाइजर
सिफारिश-680 रुपये
मौजूदा भाव-680 रुपये
लक्ष्य-720 रुपये
बढ़त-7 फीसदी
ब्रोकरेज-मोतीलाल ओसवाल


2007 के वित्तीय वर्ष के दौरान एचयूएल ने घरेलू उपभोक्ता बाजार में बेहतर प्रदर्शन किया और इसकी सालाना वृध्दि दर 14 फीसदी तक रही।


कंपनी के कोर बिजनेस एचपीसी में सालाना आधार पर 12.3 फीसदी की वृध्दि देखी गई जबकि पर्सनल केयर में 9 फीसदी और साबुन और डिटरजेंट सेगमेंट में 14 फीसदी की बढ़त देखी गयी। कंपनी ने उच्च वृध्दि दर केनये क्षेत्रों पर ध्यान देना शुरु किया है।


इनमें त्वचा, हेयर केयर, खाद्य और पानी जैसे उत्पाद प्रमुख हैं। आईटीसी की कड़ी चुनौती के कारण कंपनी को विज्ञापन मद में काफी खर्च करना पड़ सकता है। कंपनी ने जल-शोधन क्षेत्र पर काफी खर्च किया है और इसी साल वह पानी को बाजार में उता रही है।


कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोत्तरी से कंपनी के लाभ पर असर पड़ेगा। अक्टूबर 2007 से जनवरी 2008 के बीच कंपनी ने तीन करोड़ इक्विटी शेयरों की खरीदारी की है। कंपनी के खरीदे शेयरों का मूल्य 207.13 रुपये है जबकि उसने 230 रुपये का ऊंचा भाव तय किया था।   इस पर कंपनी ने 626 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।


एचयूएल
सिफारिश -244 रुपये
मौजूदा भाव-240 रुपये
लक्ष्य-238 रुपये
बढ़त – एक फीसदी
ब्रोकरेज- इंडिया इंफोलाइन


सीएंडसी कंस्ट्रक्शन को जेपी एसोसिएट्स से जीरकपुर से परवाणू तक जाने वाली सड़क का ठेका मिला है जो कि हिमाचल, हरियाणा और पंजाब से होकर गुजरेगी।


इस पर 574 करोड़ रु.की लागत की संभावना है। इस ठेके के बाद कंपनी के पास कुल 1,730 करोड़ रु.के ठेके हो गये है। ब्रोकरेज फर्म की माने तो कंपनी को वित्तीय वर्ष 2008 में 700 करोड़ रुपये के और ठेके मिलने की संभावना है।


कंपनी को अफगानिस्तान से भी ठेके मिलने की उम्मीद है। कंपनी का कर बाद लाभ वित्तीय वर्ष 2009 के दौरान 16 फीसदी और वित्तीय वर्ष 2010 के दौरान 26 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है।  


सीएंडसी कंस्ट्रक्सन
सिफारिश-197 रुपये
मौजूदा भाव-200.80 रुपये
लक्ष्य-280 रुपये
बढ़त -39 फीसदी
ब्रोकरेज- आनंद राठी


सोलर एक्सप्लोसिव(एसईएल) विस्फोटकों का विनिर्माण करती है और वह अपनी सहायक कंपनियों के जरिये डेटोनेटर और उसके हिस्से बनाती है। कंपनी भारी विस्फोटक भी बनाती है।


सोलर एक्सप्लोसिव
सिफारिश-449 रुपये
वर्तमान भाव-435 रुपये
लक्ष्य-उपलब्ध नहीं
ब्रोकरेज-आईसीआईसीआई डॉयरेक्ट

First Published - April 14, 2008 | 12:00 AM IST

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