रंजन सिन्हा (बदला नाम) को यह मुश्किल फैसला लेना है कि वह अपनी 10 साल पुरानी वॉशिंग मशीन को बदल लें या उसकी मरम्मत करा लें। पिछले कुछ साल से उन्हें अक्सर उसकी सर्विस पर रकम खर्च करनी पड़ रही है। मशीन का डैशबोर्ड भी वह तीन बार बदलवा चुके हैं, जिस पर हर बार 3,000 रुपये खर्च आया है।
अब ऐसा लगता है कि मशीन में कपड़े घुमाने वाला हिस्सा यानी स्पिनन बदलवाना पड़ेगा, जिस पर 7,000 रुपये खर्च आएगा। सिन्हा ने मशीन 14,000 रुपये में खरीदी थी। उतना ही पैसा वह इसकी मरम्मत पर भी लगा चुके हैं। अगर उनके सामने चार महीने पहले यह स्थिति आती तो वह मशीन को बदलने का फैसला लेते। मगर वेतन में बड़ी कटौती के बाद वह यह फैसला नहीं ले पा रहे हैं कि उन्हें नई मशीन पर 20,000 रुपये से ज्यादा खर्च करने चाहिए या नहीं। इस वजह से उन्होंने न मशीन की मरम्मत कराई और न ही नई मशीन खरीदी। सिन्हा जैसे बहुत से लोग हैं, जिन्हें इस दुविधा का सामना करना पड़ रहा है। कोविड संकट के कारण ज्यादातर लोग घर से काम कर रहे हैं और लैपटॉप, टेलीविजन, एयर-कंडीशनर जैसी चीजों का उपयोग काफी बढ़ गया है। ज्यादा इस्तेमाल के कारण कुछ चीजों को मरम्मत या बदलने की जरूरत है। मगर लोग खर्च को लेकर चिंतित हैं और अपने कार्ड को स्वाइप करने से पहले बहुत सोच-विचार करना चाहेंगे। ऐसे में सवाल पैदा होता है कि लोगों को इन चीजों की मरम्मत करानी चाहिए या इन्हें बदल लेना चाहिए।
खर्च 50 फीसदी से ज्यादा तो बदल लें
यह पहली और सबसे महत्त्वपूर्ण पड़ताल है। घर से काम और पढ़ाई करना सामान्य हो गया है, इसलिए डिजिटल तकनीक पर निर्भरता में चार गुना बढ़ोतरी हुई है। अगर आप किसी खराब गैजेट से जूझ रहे हैं तो इसे बदलने के अलावा अन्य कोई चारा नहीं है। व्यूूसोनिक इंडिया के कारोबार प्रमुख मुनीर अहमद ने कहा, ‘गैजेट की मरम्मत या बदलने का प्रमुख नियम यह है कि अगर आपको मरम्मत पर उसकी कीमत के 50 फीसदी से अधिक राशि खर्च करने की जरूरत है तो नया गैजेट ही खरीद लें।’
बार-बार खराब हो रहा है तो बदल लें
एक सामान्य नियम यह है कि अगर कोई उत्पाद पहले भी खराब हो चुका है तो उसे बदलना ज्यादा बेहतर रहेगा। अन्यथा आप उसकी मरम्मत में फंसे रहेंगे। इसलिए अपने आप से यह सवाल करें कि क्या यह खर्च एक बार आएगा और क्या वह चीज मरम्मत हो सकने लायक है?
अगर उत्पाद पुराना है तो नया ले लें
अहमद कहते हैं, ‘यह फैसला लेने में गैजेट की उम्र की भी अहम भूमिका होती है।’ अगर आपके गैजेट की उम्र खत्म होने जा रही है तो इसकी मरम्मत कराने के बजाय इसे बदलना ज्यादा बेहतर होगा। अहमद कहते हैं, ‘नए गैजेट की वारंटी होती है, जिससे आपको पुराने डिवाइस से जूझने के बजाय मानसिक शांति मिलेगी।’ इसके अलावा आपको नए डिवाइस में नई खूबियां भी मिलेंगी।
वारंटी में है उपकरण तो मरम्मत कराएं
गैजेट के वारंटी कागजात जांचें और यह पता लगाएं कि आपका गैजेट अभी वारंटी में है या नहीं। बहुत सी कंपनियों ने वारंटी खत्म होने की तारीख मार्च से जून तक के लॉकडाउन के महीनों में पडऩे पर खुद ही उत्पादों की वारंटी बढ़ा दी है।
सहूलियत हो तो ही मरम्मत कराएं
मरम्मत के बहुत से विकल्प हैं। आज सर्विस सेंटर पर जाने से लेकर डोर-स्टेप सेवाएं तक उपलब्ध हैं। डिलिवरी ऐप आपसे उत्पाद लेकर मरम्मत सेंटर पर डाल देते हैं और मरम्मत होने पर आप तक पहुंचा देते हैं। ये ऐप एक तरफ का शुल्क कम से कम 40 रुपये लेते हैं। ऐसे में आपको घर से बाहर निकलने की जरूरत नहीं होती।
एक अन्य विकल्प रिफर्बिश्ड डिवाइस खरीदना है। कैशिफाई के सह-संस्थापक और सीओओ नकुल कुमार ने कहा, ‘यह संभव है कि कोई फोन किसी ग्राहक के लिए उपयोगी न रह गया हो, मगर यह किसी दूसरे के लिए उपयोगी हो सकता है।’ रिफर्बिश्ड फोन केवल पुराना फोन है। कई बार ग्राहक बेहतर फोन के लिए इसे खुदरा विक्रेता को बेच देते हैं। इस तरह संक्षेप में कहें तो ब्रांडेड नया फोन खरीदने की तुलना में रिफर्बिश्ड फोन काफी सस्ता पड़ता है। अगर आप पुराना फोन या रिफर्बिश्ड डिवाइस खरीदने को लेकर सहज नहीं हैं तो कुछ कम फीचर वाला फोन खरीद सकते हैं। लेकिन बड़े ब्रांडों में ऐसा मुमकिन नहीं हो पाता।
बड़े उत्पादों के मामले में क्या करें?
जब कार की बात करते हैं तो सुरक्षा सबसे ऊपर होती है। ओएलएक्स समूह के उपाध्यक्ष सनी कटारिया ने कहा, ‘आप ऐसे मुकाम पर पहुंच सकते हैं, जहां आप पुरानी कार को बदलना चाहेंगे। मगर बदलने से पहले इसकी मरम्मत कराने पर आपको काफी पैसा खर्च करना होगा। अब कैश, माई कार और अन्य कई आसान विकल्प हैं।’ ये कंपनियां आपकी कार खरीदती हैं, उसे ठीक करती हैं और पुरानी कार के बाजार में बेच देती हैं। यह उस वाहन को बेचने का सबसे बेहतर तरीका है, जो सिरदर्द दे रहा है। इस पैसे का दूसरी कार खरीदने में इस्तेमाल किया जा सकता है। लॉकडाउन के बाद ओएलएक्स पर यात्री वाहनों की दैनिक सूचीबद्धता छह गुनी और उपयोगकर्ताओं की रुचि 3.5 गुना बढ़ी है।
कटारिया ने कहा, ‘जिन लोगों के पास बहुत अधिक पुरानी कार हैं, वे उन्हें बेचकर कम पुरानी कार खरीद रहे हैं।’ इसमें आप 8 साल पुरानी कार से पीछा छुड़ा लेते हैं और आपको ब्रांड नई कार भी नहीं खरीदनी पड़़ती। आप अपनी पसंद का चार साल पुराना मॉडल खरीद लेते हैं। भवन्स एसपीजेआईएमआर में मार्केटिंग की एसोसिएट प्रोफेसर राखी ठाकुर ने कहा, ‘आज कीमत के साथ सहूलियत को भी अहमियत दी जाती है।’ इसके अलावा कोविड संकट के कारण ऐसे परिवार जिनमें वरिष्ठ नागरिक हैं, वे लोगों को मरम्मत के लिए घर में बुलाने से डर रहे हैं। ऐसे में बहुत से परिवार कम कीमत के उत्पादों को बदलना पसंद कर रहे हैं।
जिग्सॉ ब्रांड कंसल्टेंट्स की संस्थापक निदेशक ऋतु मोदी कामदार कहती हैं, ‘हालांकि बहुत जल्दी-जल्दी नहीं लेकिन लोग इलेक्ट्रॉनिक गैजेट, इलेक्ट्रॉनिक किचन गैजेट और कुछ अन्य उत्पादों की खरीदारी कर रहे हैं। वे उन चीजों की खरीदारी कर रहे हैं, जो उनके जीवन को आसान बनाएंगी और उन्हें बेहतर अहसास कराएंगी।’