facebookmetapixel
जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने सरकार से पूरे 6G स्पेक्ट्रम की नीलामी की मांग कीतेजी से बढ़ रहा दुर्लभ खनिज का उत्पादन, भारत ने पिछले साल करीब 40 टन नियोडिमियम का उत्पादन कियाअमेरिकी बाजार के मुकाबले भारतीय शेयर बाजार का प्रीमियम लगभग खत्म, FPI बिकवाली और AI बूम बने कारणशीतकालीन सत्र छोटा होने पर विपक्ष हमलावर, कांग्रेस ने कहा: सरकार के पास कोई ठोस एजेंडा नहीं बचाBihar Assembly Elections 2025: आपराधिक मामलों में चुनावी तस्वीर पिछली बार जैसीरीडेवलपमेंट से मुंबई की भीड़ समेटने की कोशिश, अगले 5 साल में बनेंगे 44,000 नए मकान, ₹1.3 लाख करोड़ का होगा बाजारRSS को व्यक्तियों के निकाय के रूप में मिली मान्यता, पंजीकरण पर कांग्रेस के सवाल बेबुनियाद: भागवतधर्मांतरण और यूसीसी पर उत्तराखंड ने दिखाई राह, अन्य राज्यों को भी अपनाना चाहिए यह मॉडल: PM मोदीधार्मिक नगरी में ‘डेस्टिनेशन वेडिंग’, सहालग बुकिंग जोरों पर; इवेंट मैनेजमेंट और कैटरर्स की चांदीउत्तराखंड आर्थिक मोर्चे पर तो अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, लेकिन पारिस्थितिक चिंताएं अभी भी मौजूद

RBI का FI Index मार्च 2025 में बढ़कर 67 पर, मार्च 2024 में था 64.2 पर 

रिजर्व बैंक ने बयान में कहा, ‘वित्त वर्ष 2025 में वित्तीय समावेशन सूचकांक में सुधार उपयोग और गुणवत्ता के कारण हुआ है।

Last Updated- July 22, 2025 | 10:46 PM IST
RBI

भारतीय रिजर्व बैंक का वित्तीय समावेशन सूचकांक (एफआई इंडेक्स) मार्च 2025 में बढ़कर 67 पर पहुंच गया है, जो मार्च 2024 में 64.2 पर था। केंद्रीय बैंक ने मंगलवार को कहा कि पहुंच, इस्तेमाल और गुणवत्ता सहित इसके सभी संकेतकों में वृद्धि दर्ज की गई है। इस सूचकांक से देश में वित्तीय समावेशन की स्थिति का पता चलता है।

रिजर्व बैंक ने बयान में कहा, ‘वित्त वर्ष 2025 में वित्तीय समावेशन सूचकांक में सुधार उपयोग और गुणवत्ता के कारण हुआ है, जो वित्तीय समावेशन की गहनता और निरंतर वित्तीय साक्षरता की दिशा में की गई पहल को दर्शाता है।’

एफआईएनडीआई के एमडी और सीईओ दीपक वर्मा ने कहा, ‘वित्तीय समावेशन सूचकांक में निरंतर वृद्धि और 67 तक इसके पहुंचने से संकेत मिलता है कि भारत वित्तीय सेवाओं पर विश्वास और उपयोग की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इससे  पता चलता है कि वंचित समुदाय न सिर्फ डिजिडल रूप से, बल्कि सार्थक तरीके से औपचारिक रूप से वित्तीय दायरे में आ रहा है और इस दिशा में पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करने की कोशिशें कामयाब हुई हैं।’

वित्तीय समावेशन सूचकांक पहली बार अगस्त 2021 में प्रकाशित हुआ था।  एफआई इंडेक्स एक समग्र सूचकांक है, जिसमें सरकार व संबंधित क्षेत्र के नियामकों के परामर्श से बैंकिंग, निवेश, बीमा, पोस्टल के साथ पेंशन को शामिल किया गया है। यह सूचकांक वित्तीय समावेशन के विभिन्न पहलुओं पर सूचना को 0 से 100 के बीच अंक दिया जाता है। इसमें 0 अंक पूर्ण वित्तीय बहिष्करण और 100 अंक पूर्ण वित्तीय समावेशन को दर्शाता है। एफआई इंडेक्स में 3 व्यापक पैरामीटर होते हैं, जिसमें पहुंच का अधिभार 35, उपयोग का अधिभार 45 और गुणवत्ता का अधिभार 20 रखा गया है। भारत में जनधन योजना से वित्तीय समावेशन बहुत तेजी से हुआ है। इस योजना के तहत 55.83 करोड़ खाते खोले गए हैं।

First Published - July 22, 2025 | 10:24 PM IST

संबंधित पोस्ट