भारतीय रिजर्व बैंक ने अस्पतालों और शिक्षण संस्थानों में UPI के जरिए भुगतान को प्रोत्साहित करने के लिए इन जगहों पर UPI भुगतान की सीमा प्रति लेनदेन एक लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी।
अभी कुछ श्रेणियों के लिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) लेनदेन की सीमा एक लाख रुपये तक सीमित है, जिसमें पूंजी बाजार व कुछ संग्रह मसलन क्रेडिट कार्ड भुगतान, कर्ज का पुनर्भुगतान और बीमा आदि शामिल नहीं हैं, जहां लेनदेन की सीमा 2 लाख रुपये रखी गई है।
नियामक ने एक बयान में कहा, चिकित्सा व शिक्षण सेवाओं में UPI के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने के लिए इन जगहों पर भुगतान की सीमा प्रति लेनदेन एक लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का प्रस्ताव है। अलग से निर्देश जल्द ही जारी किए जाएंगे। UPI के जरिए लेनदेन की सीमा बढ़ाए जाने के नियामक के कदम पर अस्पताल और शिक्षण उद्योग ने खुशी जताई है।
फोर्टिस हेल्थकेयर लिमिटेड के मुख्य वित्तीय अधिकारी विवेक कुमार गोयल ने कहा, अग्रणी स्वास्थ्य सेवा प्रदाता होने के नाते फोर्टिस हेल्थकेय इसे सकारात्मक प्रगति के तौर पर देख रहा है, जो भुगतान की प्रक्रियाओं को बेहतर बनाएगा और पारदर्शिता भी सुनिश्चित करेगा। भुगतान की सीमा में खासी बढ़ोतरी बड़े लेनदेन को लेकर प्रगतिवाद कदम है, खास तौर से स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में।
वित्तीय क्षेत्र की कंपनियों का मानना है कि लेनदेन की सीमा में बढ़ोतरी से इस्तेमाल करने वालों को उस तरह से बड़े भुगतान में मदद मिलेगी, जो वक्त के प्रति संवेदी हो।
भुगतान व बैंकिंग समाधान प्रदाता सर्वत्र टेक्नोलॉजिज के संस्थापक व प्रबंध निदेशक मंदर अगाशे ने कहा, आसान भुगतान की पेशकश के चलते UPI न सिर्फ छोटी कीमत वाले लेनदेन के लिए भुगतान के तरजीही जरिये के तौर पर उभर रहा है बल्कि बड़े लेनदेन के लिए भी।
लेनदेन की सीमा अब अवरोध नहीं रह जाएगी, जो UPI के इस्तेमाल से यूजर को रोकता है, खास तौर से जब भुगतान की प्रकृति आपात स्थिति वाली हो।
इसी तरह एडटेक सेक्टर के प्रतिभागियों को उम्मीद है कि यह घोषणा डिजिटल अपस्किलिंग व ऑनलाइन एजुकेशन के क्षेत्र पर भी लागू होगी।