बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण(आईआरडीए) जल्द ही भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को नोटिस जारी कर उसे पॉलिसीधारकों को किस अंजान व्यक्ति (जो उनका नजदीकी रिश्तेदार नहीं है) या धार्मिक संस्था को पॉलिसी क्लेम का वारिस यानी नॉमिनी बनाए जाने से रोकेगा।
उल्लेखनीय है कि बीते सप्ताह एलआईसी ने यह तय किया था कि पालिसीधारको किसी दूसरे व्यक्ति या फिर धार्मिक संस्था को क्लेम के लिए वारिस बनाए जाने की छूट मिलेगी। इस वारिस को ही एलआईसी पॉलिसी का पैसा लेने के लिए पात्र मानेगी।
एलआईसी के एक वरिष्ठ कार्यकारी के अनुसार अब तक बीमा निगम किसी दूसरे व्यक्ति या फिर संस्था को नामिनी बनाए जाने की छूट नहीं देती थी। लेकिन बीते दिनों ऐसे पॉलिसीधारकों की संख्या बढ़ गई है जो किसी दूसरे व्यक्ति को, जो उनका नजदीकी रिश्तेदार नहीं है और किसी धार्मिक संस्था को वारिस बनाना चाहते था। इसकी चलते एलआईसी ने इस बंदिश में ढील देने का मन बनाया था।
इस बंदिश को उठाए जाने पर विशेषज्ञों और खुद आईआरडीए का मानना है कि यह काफी खतरनाक हो सकता है। एक वरिष्ठ आईआरडीए अधिकारी ने बताया कि बीमा निगम का यह कदम फाइल एंड यूज पोसिजर का उल्लंघन है। इसी के मद्देनजर उसने नोटिस देने का निश्चय किया है। उद्योग से जुड़े एक वरिष्ठ प्रतिनिधि के अनुसार यह एक अच्छा कदम नहीं है।
सबसे बड़ा खतरा पॉलिसीधारक की जान को है दूसरा इससे मनी लाँड्रिंग को बढ़ावा मिल सकता है। दूसरी ओर एलआईसी के प्रतिनिधियों का मनाना है कि किसी दूसरे व्यक्ति को नामित करने में कुछ शर्तें रखीं जाएंगी, ताकि मनी लांड्रिंग न हो सके।