facebookmetapixel
Sun Pharma Q2FY26 results: मुनाफा 3% बढ़कर ₹3,118 करोड़ पर, रेवेन्यू भी बढ़ाGold silver price today: सोने चांदी की कीमतों में तेजी, गोल्ड फिर ₹1.20 लाख के पारसड़क से लेकर रक्षा तक निवेश की रफ्तार तेज, FY26 में कैपेक्स 52% तक पंहुचाICICI Pru Life ने उतारा BSE 500 एन्हांस्ड वैल्यू 50 इंडेक्स फंड, इस नए ULIP प्लान में क्या है खास?BEML Q2 results: सितंबर तिमाही में मुनाफा 6% घटकर ₹48 करोड़, कमाई में भी आई कमीFTA में डेयरी, MSMEs के हितों का लगातार ध्यान रखता रहा है भारतः पीयूष गोयलसरकार ने ‘QuantumAI’ नाम की फर्जी निवेश स्कीम पर दी चेतावनी, हर महीने ₹3.5 लाख तक की कमाई का वादा झूठाStocks To Buy: खरीद लो ये 2 Jewellery Stock! ब्रोकरेज का दावा, मिल सकता है 45% तक मुनाफाEPF नियमों पर दिल्ली हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: विदेशी कर्मचारियों को भी देना होगा योगदानSectoral ETFs: हाई रिटर्न का मौका, लेकिन टाइमिंग और जोखिम की समझ जरूरी

NBFC को ऋण के कई स्रोत बनाना जरूरी

बैंकों पर NBFC की निर्भरता में मामूली गिरावट, लेकिन ऋण जुटाने का मुख्य स्रोत अब भी बैंक

Last Updated- December 26, 2024 | 10:26 PM IST
Lending from banks to NBFCs slowed down, service and vehicle loans also affected बैंकों से एनबीएफसी को ऋण हुआ सुस्त, सेवा और वाहन ऋण पर भी असर

गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को जोखिम कम करने की रणनीति के तहत धन जुटाने के स्रोतों का और विविधीकरण करने की आवश्यकता है। भारतीय रिजर्व बैंक ने रुझान और प्रगति रिपोर्ट में कहा कि एनबीएफसी की धन जुटाने के लिए बैंकों पर हालिया समय में निर्भरता कुछ कम हुई है लेकिन यह अभी भी उच्च स्तर पर है।

बैंक एनबीएफसी को सीधे ऋण मुहैया कराने के अलावा उन्हें डिबेंचर व वाणिज्यिक पत्र (सीपी) जारी करते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, ‘बैंकों के डिबेंचर जारी करने में गिरावट से एनबीएफसी की बैंकों पर निर्भरता कुछ कम हुई है। एनबीएफसी के ऋण जुटाने में बैंकों पर निर्भरता की हिस्सेदारी मार्च 2024 के अंत में गिरकर 42.7 प्रतिशत हो गई जबकि यह हिस्सेदारी मार्च 2023 में 43.1 प्रतिशत थी।’

रिजर्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘एनबीएफसी का धन जुटाने के लिए बैंकों पर निर्भरता कम होना पूरी अर्थव्यवस्था के लिए शुभ संकेत है।’ इसके बावजूद एनबीएफसी के लिए ऋण जुटाने का बुनियादी स्रोत बैंक ही है। इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग ऐंड फाइनैंशियल सर्विसिज (आईएलऐंडएफएस) संकट के कारण एनबीएफसी क्षेत्र को नकदी की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। इससे एनबीएफसी का भरोसा और रेटिंग के स्तर में गिरावट आई है। इसके परिणामस्वरूप एनबीएफसी की बाजार से धन जुटाने की क्षमता सीमित हुई है और उनकी बैंकों पर निर्भरता बढ़ी है। यह स्थिति महामारी के दौरान और खराब हो गई।

First Published - December 26, 2024 | 10:26 PM IST

संबंधित पोस्ट