बैंकों के गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को ऋण मुहैया कराने की वृद्धि दर में अक्टूबर में जबरदस्त गिरावट हुई। भारतीय रिजर्व बैंक की क्षेत्रवार उधारी के आंकड़ों के अनुसार बैंकों की एनबीएफसी को अक्टूबर 2024 में ऋण वृद्धि सालाना आधार पर गिरकर 6.4 फीसदी थी जबकि यह वृद्धि दर बीते साल की इस अवधि में 18.3 फीसदी थी। एनबीएफसी की ऋण वृद्धि में गिरावट आने से सेवा क्षेत्र को ऋण वितरण की कुल वृद्धि में गिरावट आई।
अक्टूबर 2024 में सेवा क्षेत्र को दी गई कुल ऋण वृद्धि गिरकर 14.1 फीसदी हो गई जबकि यह वृद्धि बीते साल के इसी माह में 20.4 फीसदी थी। सेवा क्षेत्र को ऋण की कुल वृद्धि में गिरावट प्रमुख तौर पर एनबीएफसी और व्यापार खंड के कारण आई।
अक्टूबर 2024 में बैंकों की एनबीएफसी को कुल उधारी 15.36 लाख करोड़ रुपये थी जबकि यह अक्टूबर 2023 में यह 14.44 लाख करोड़ रुपये थी। हालांकि सितंबर, 2024 के 15.29 लाख करोड़ रुपये की तुलना में अक्टूबर 2024 में मामूली इजाफा हुआ था। यह मई 2024 में 15.48 लाख करोड़ रुपये था।
भारतीय रिजर्व बैंक ने सितंबर के अपने बुलेटिन में कहा था कि वित्तीय कंपनियां धन जुटाने के तरीके में विविधता ला रही हैं। इसके अलावा रिजर्व बैंक द्वारा बैंकों की उधारी पर जोखिम भारांश बढ़ाए जाने के बाद बैंकों से एनबीएफसी को दी जाने वाली उधारी भी गिरी है। दरअसल, आरबीआई ने नवंबर 2023 में जोखिम बढ़ने की आशंका को रोकने के लिए एनबीएफसी पर जोखिम भारांश 25 फीसदी बढ़ा दिया था।
सेवा क्षेत्र में व्यापार खंड को ऋण की वद्धि सालाना आधार पर गिरकर 12.4 फीसदी हो गई जबकि यह वृद्धि अक्टूबर 2023 में 20.7 फीसदी थी। हालांकि ‘कॉमर्शल रियल एस्टेट’ के लिए ऋण की वृद्धि सालाना आधार पर 14.8 फीसदी से बढ़कर 26 फीसदी हो गई।
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार अन्य पर्सनल लोन श्रेणी में उधारी वृद्धि में जबरदस्त गिरावट आई। आमतौर पर असुरक्षित ऋण में आने वाले अन्य व्यक्तिगत ऋण श्रेणी में अक्टूबर 2024 में वृद्धि गिरकर 15.8 फीसदी हो गई जबकि यह वृद्धि अक्टूबर 2023 में 18.3 प्रतिशत थी। अन्य व्यक्तिगत ऋण, वाहन ऋण और क्रेडिट कार्ड के बकाए में कमी आने की वजह यह गिरावट आई।
क्रेडिट कार्ड के बकाए में वृद्धि भी इस अवधि में 28 फीसदी से गिरकर 16.9 फीसदी रह गई। इस अवधि के दौरान वाहन ऋण की वृद्धि भी 20 फीसदी से गिरकर 11.4 फीसदी हो गई। हालांकि ऋण के सबसे बड़े खंड – आवास में सालाना आधार पर वृद्धि 14.3 फीसदी से बढ़कर 17.8 प्रतिशत हो गई। इस उधारी वृद्धि में एचडीएफसी के एचडीएफसी बैंक के साथ विलय के प्रभाव को शामिल नहीं किया गया है।
भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार गैर खाद्य श्रेणी में अक्टूबर 2024 में ऋण वृद्धि 12.8 फीसदी थी जबकि यह एक साल पहले की अवधि में 15.5 फीसदी थी। अक्टूबर में उद्योग को ऋण बढ़कर 8 फीसदी हो गया जबकि यह एक साल पहले की अवधि में 4.8 फीसदी था। अक्टूबर 2024 में कृषि और उससे जुड़ी गतिविधियों को सालाना ऋण वृद्धि 15.5 फीसदी दर्ज की गई जबकि यह बीते साल की इस अवधि में 17.4 फीसदी थी।