क्रेडिट और डेबिट कार्डों का इस्तेमाल बढ़ने के साथ ही इनसे जुड़े धोखाधड़ी के मामलों में भी रोज ब रोज काफी इजाफा हो रहा है।
भारतीय रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों के अनुसार पिछले साल अप्रैल और दिसंबर के बीच बैंकों ने क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी के कुल 12,959 मामले दर्ज किए थे। इन सभी मामलों में कुल 36.54 करोड़ रुपये शामिल हैं।
अगर इनमें डेबिट कार्ड संबंधी मामलों में हुई अनियमितता को भी जोडा जाए तो आंकडा और ज्यादा भयावह हो सकता है। उस परिस्थिति की कल्पना कीजिए जब आपका कार्ड खो जाए या फिर इसकी चोरी हो जाए। ऐसी स्थिति में आपको सबसे पहले जो काम करना है वह यह कि कार्ड को बिना समय गवांए बंद करा देना।
हालांकि किसी भी ऊंचे खर्च के मामले में इस बात की ज्यादा संभावना होती है कि बैंक इसका जुर्माना आप पर ठोक सकता है।
कारण: जब कभी भी कार्ड के खो जाने सबंधी मामले आते हैं तो इसे ग्राहकों की लापरवाही का नतीजा माना जाता है। इस लिहाज से कार्डधारक को कंपनी को इसके बदले भरपाई करनी होती है।
हालांकि इस स्थिति से भी बचा जा सकता है लेकिन इसके लिए एक लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। कार्ड खो जाने के बाद निश्चित तौर पर अनचाही परेशानियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन इससे बचने के भी उपाय हैं।
इसका साधारण उपाय है क्रेडिट कार्ड सुरक्षा योजना (सीसीपी)। मौजूदा समय में दो कंपनियां इस तरह की सुविधा दे रही हैं जो आपका कार्ड खो जाने या चोरी हो जाने की स्थिति में इससे उत्पन्न होनेवाली परेशानियों से सुरक्षा प्रदान करती हैं। कार्ड सुरक्षा योजना क्षेत्र में सीपीपी असिस्टेंस सर्विसेस अग्रणी है।
इसके मुख्य कार्याधिकारी गगन मैनी बताते हैं कि उनकी कंपनी द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं में कार्ड सुरक्षा भी है। कहने का मतलब यह कि कंपनी न सिर्फ आपके क्रेडिट और डेबिट कार्ड को सुरक्षा की सुविधा प्रदान करती है बल्कि पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस और अन्य मेंबरशिप कार्ड खो जाने की स्थिति में भी पर्याप्त कागजातों की सुविधा मुहैया कराती है।
कंपनी अपने पास सभी आवश्यक जानकारियां रखती हैं। किसी भी तरह के नुकसान या खो जाने की सूरत में ग्राहकों को नए पासपोर्ट और मेंबरशिप के लिए आवदेन करते समय जरूरत लायक जानकारियां मुहैया कराती है। टाटा एआईजी एक अन्य कंपनी है जो कार्ड सुरक्षा योजना की सुविधा प्रदान करती है।
हालांकि कंपनी यह सुविधा सिर्फ स्टैंडर्ड चार्टर्ड ग्राहकों को ही उपलब्ध कराती है। टाटा एआईजी अपनी इस योजना को समूह रणनीति के तहत अपने साझेदारों के जरिये ऑफर कर रही थी। लेकिन कंपनी ने अपनी इस नीति में बदलाव किया है और अब उसने खुदरा ग्राहकों को भी इस योजना को बेचना शुरू कर दिया है। फिलहाल चार बैंक सीपीपी सेवा प्रदान कर रहे हैं।
इनमें सिटीबैंक, एचएसबीसी, स्टैंडर्ड चार्टर्ड और कोटक महिंद्रा बैंक शामिल हैं। एक बार जब कोई ग्राहक यह सुविधा ले ले तो वह अन्य कार्डों के लिए भी पंजीकरण करा सकता है। पंजीकृत कार्डों की संख्या को लेकर कोई सीमा निर्धारित नहीं की गई है। कार्ड खो जाने या चोरी हो जाने की स्थिति में मात्र एक फोन कॉल के जरिये सभी कार्ड जाम कराए जा सकते हैं।
आइए, इन सभी उत्पादों पर विस्तार से नजर डालते हैं।
सीसीपी असिस्टेंस सर्विसेस दो योजनाएं क्लासिक और प्रीमियम की पेशकश करती है। कार्ड खो जाने की सूचना देने से पहले धोखाधड़ी से सुरक्षा के लिए क्लासिक योजना के तहत 50,000 रुपये का कवर मिलता है जबकि प्रीमियम योजना के तहत 1,00000 लाख रुपये का कवर मिलता है।
लेकिन क्लासिक योजना के तहत प्रत्येक कार्ड पर अधिकतम सुरक्षा 20,000 रुपये है जबकि प्रीमियम प्लान में यह 40,000 रुपये है। ग्राहक एक बार जैसे ही कंपनी को कार्ड खो जाने या चोरी हो जाने की सूचना देते हैं, धोखाधड़ी से बचने संबंधी राशि क्लसिक और प्रीमियम योजनाओं में बढ़कर क्रमश: 15 लाख रुपये और 20 लाख रुपये तक पहुंच जाती है।
क्लासिक योजना में अकेले और संयुक्त सदस्यता शुल्क क्रमश: 995 और 1,495 रुपये हैं। प्रीमियम योजना में अकेले और संयुक्त सदस्यता शुल्क क्रमश: 1,295 और 1,945 रुपये है। अगर ग्राहक अपने क्रेडिट कार्ड के पहली बार गलत इस्तेमाल होने के सात दिनों के भीतर कंपनी को इसकी सूचना मुहैया कराता है तो सीसीपी सभी तरह की परेशानियों से सुरक्षा प्रदान करती है।
यही एक प्रमुख बिंदु है जहां सीसीपी टाटा एआईजी को मात देती है। टाटा एआईजी कार्ड के गलत इस्तेमाल की सूचना 12 घंटों के अंदर मिल जाए तो वह उस सूचना पर ही सुरक्षा प्रदान करती है। टाटा एआईजी अधिकतम 1 लाख रुपये तक की सुरक्षा प्रदान करती है, लेकिन प्रत्येक घटना पर इसका 50 फीसदी का ही फायदा उठाया जा सकता है।
प्रीमियम इस पर निर्भर करता है कि ग्राहक कौनसा किए विकल्प चुनते हैं और यह प्रति वर्ष 1,500 रुपये से शुरू होता है। हालांकि टाटा एआईजी कई प्रकार के फायदे देती है जिनमें बटुआ खो जाने,लूटपाट और एटीएम का दुरुपयोग भी शामिल है। सीसीपी असिस्टेंस सर्विेसेस होटल सहायता, यात्रा टिकट को बदलना, आपात नकदी और डॉक्यूमेंटेशन की सुरक्षा प्रदान करती है।
हालांकि इसमें भी कुछ शर्तें जुड़ी हुई हैं। इन सुविधाओं का लाभ आपको तभी मिल सकता है जब कार्ड खो गया हो या फिर इसकी चोरी हो गई हो। अगर कार्ड कार्डधारक के पास मौजूद है और उस समय भी इसके गलत इस्तेमाल की बात सामने आती है तो ऐसी स्थिति में कार्डधारक ही जिम्मेदार होता है।
इन फायदों के बावजूद प्रमाणित वित्तीय सलाहकारों का मानना है कि इस तरह की सुरक्षा काफी नहीं है। इस बारे में एक वित्तीय सलाहकार का कहना है, ‘चाहे जिस तरह की भी सुविधा ऑफर की जा रही हो, दोनो योजनाएं आकर्षक नहीं हैं। कार्डधारक के पास कार्ड रहने की स्थिति में हुई धोखाधड़ी से ये योजनाएं सुरक्षा प्र्रदान नहीं करती हैं। और शायद यही इनकी सबसे बड़ी खामी है।’
