बीमा कंपनियों के लिए किसी भी कंपनी में अधिकतम 10 फीसदी हिस्सेदारी के नियम का सरकारी क्षेत्र की जीवन बीमा निगम(एलआईसी) पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है जिसकी 39 कंपनियों में हिस्सेदारी इस नियम के विपरीत है।
बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीए) के अधिकारी के अनुसार वह एलआईसी के साथ इस बारे में चर्चा करेगी ताकि यह नया नियम बीमा क्षेत्र की व्यवस्था को अधिक प्रभावित न कर सके। शेयर कारोबार से जुड़े लोगों को डर है कि अगर इस तरह एलआईसी ने अपने शेयर बेचे तो संबंधित कंपनियों के शेयरों के दाम गिर सकते हैं।
एलआईसी का इस बारे में कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में शेयर खरीददारों को तलाशना खासा मुश्किल होगा। आईआरडीए के एक अधिकारी के अनुसार यह नियम बीमा कंपनियों की जोखिम को कम करने के लिए उठाया गया है। अगर इसमें एलआईसी को कोई परेशानी है तो इसका हल उनसे अलग चर्चा करके ढूंढ़ने का प्रयास किया जाएगा।
वह तत्काल अपनी हिस्सेदारी को घटाकर 10 फीसदी करे इसकी कोई जल्दी नहीं है। हालांकि आईआरडीए का यह नई निवेश सीमा शुक्रवार से लागू हो जाएगी। पर यह देश की इस सबसे बड़ी सरकारी बीमा कंपनी द्वारा पहले किए गए निवेश पर लागू नहीं होगा। एलआईसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कंपनी आईआरडीए के नए दिशा निर्देशों का अवलोकन और उस पर चर्चा कर रही है।