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स्पष्टता उभरने तक निवेशकों को करना चाहिए इंतजार

Last Updated- December 15, 2022 | 2:00 AM IST

बीएस बातचीत
मल्टीकैप योजनाओं पर सेबी के आदेश ने उद्योग के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है। कई को डर है कि मल्टीकैप उच्च मूल्यांकन पर स्मॉल व मिडकैप शेयरों की खरीद के लिए बाध्य हो जाएंगी। कोटक महिंद्रा म्युचुअल फंड के प्रबंध निदेशक और एम्फी के चेयरमैन नीलेश शाह ने समी मोडक के साथ बातचीत में कहा कि और स्पष्टता उभरने तक निवेशकों को इंतजार करना चाहिए।  मुख्य अंश…

क्या मल्टीकैप योजनाओं को नए ढांचे के हिसाब से तत्काल दुरुस्त किया जाएगा?
हम सबसे बड़े मल्टीकैप फंड में से एक का परिचालन करते हैं। हमारा मकसद निवेशकों के लिए रिटर्न में बढ़ोतरी और सभी नियमों के अनुपालन के साथ फंड का प्रबंधन करने का है। ऐसे दोहरे लक्ष्य के साथ हम रकम का प्रबंधन करते हैं। मैं उच्च कीमत पर स्मॉल व मिडकैप शेयर नहीं खरीदने जा रहा क्योंंकि निवेशकों के लिए इसका कोई मतलब नहीं बनता। इसलिए हम यूनिटधारकों के हितोंं को ध्यान में रखते हुए सभी विकल्प खुले रखेंगे। हमारे पास इस समायोजन के लिए फरवरी 2021 तक का समय है।

घबराने वाले निवेशकों के लिए आपका क्या संदेश है?
निवेशकों को हमारी सलाह है कि वे सोमवार को तत्काल कोई कदम न उठाएं। किसी तरह का फैसला लेने से पहले अगले कुछ महीने में चीजें स्पष्ट होने का इंतजार करें।

क्या एम्फी सेबी से जल्द संपर्क करेगा?
एम्फी फंड उद्योग का नजरिया सेबी तक पहुंचाने पर विचार करेगा। हमें आज उन्हें पत्र भेजने की जरूरत नहीं है। सबसे पहले हम अपनोंं के बीच इस पर विचार करेंगे, किसी नतीजे पर पहुंचेंगे और फिर इस पर बाजार नियामक सेबी का ध्यान आकृष्ट करेंगे।
इस कदम की क्या वजह हो सकती है?
सेबी का नजरिया यह है कि अगर आप मल्टीकैप योजनाओं का परिचालन कर रहे हैं तो लार्ज, मीडियम और स्मॉलकैप शेयरों में निवेश होना चाहिए। मुझे नहीं लगता कि इसमें हम गलतियां खोज सकते हैं। इसके साथ ही नियामक होने के नाते सेबी नहीं चाहता कि हम चीजों का आंख मूंदकर पालन करें। और इसमें मूल्यांकन चढऩे के बाद शेयरों की खरीद शामिल है। ऐसे में मुझे नहीं लगता कि सेबी का इरादा फंड मैनेजरों को किसी भी कीमत पर शेयर खरीदने का निर्देश देने का है।

इस पर चिंता जताई जा रही है कि स्मॉलकैप इस तरह की मांग को समाहित नहीं कर पाएगा?
हर चीज मूल्यांकन से जुड़ी होती है। फ्लोटिंग स्टॉक पर कही गई बातें वैध है। लेकिन अगर आपूर्ति कम रहती है औक ज्यादा खरीदारी होती है तो कीमत बढऩे के साथ मूल्यांकन में इजाफा होगा। 

First Published - September 13, 2020 | 11:49 PM IST

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