प्राइवेट सेक्टर की सामान्य बीमा कंपनी फ्यूचर जेनराली इंडिया इंश्योरेंस (Future Generali India Insurance) ने अपनी बढ़ोतरी में मदद के लिए कम पैठ वाले गैर-मोटर, गैर-स्वास्थ्य सेक्टर पर ध्यान केंद्रित करने की योजना बनाई है। कंपनी के प्रबंध निदेशक (MD) और मुख्य कार्याधिकारी (CEO) अनूप राऊ (Anup Rau) ने आतिरा वारियर के साथ बातचीत में कंपनी की विस्तार योजनाओं पर चर्चा की। प्रमुख अंश …
फ्यूचर जेनराली में हमने अप्रैल से वित्त वर्ष 24 (FY24) की फरवरी तक पिछले साल के मुकाबले अपना कुल कारोबार 11 प्रतिशत तक बढ़ाया है। हम वित्त वर्ष 2023-24 की क्लोजिंग लगभग 5,000 करोड़ रुपये के ग्रॉस रिटन प्रीमियम (gross written premium-GWP) के साथ कर रहे हैं और हमारी योजना FY25 में 20 प्रतिशत तक की वृद्धि करना और 6,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की है। अगर आप हमारी ग्रोथ को देखें, तो यह कई सेगमेंट में काफी डाइवर्सिफाइड है। कोई भी एक सेगमेंट हमारे कारोबार पर हावी नहीं है।
यह संभावना वाला समय है और इंश्योरेंस इंडस्ट्री विकास के लिए तैयार है। जनरल इंश्योरेंस सेक्टर की प्राइवेट कंपनियां अगले पांच से सात साल में 17 से 18 प्रतिशत की दर से बढ़ने वाली हैं और हम तेजी से बढ़ेंगे। अगले कुछ साल में हम लगभग 20 प्रतिशत की दर से वृद्धि करेंगे।
कम पैठ और मांग में लगातार वृद्धि के कारण खुदरा स्वास्थ्य (retail health ) जैसे कुछ सेगमेंट नए कारोबार के लिहाज से कुछ तेजी से बढ़ सकते हैं। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हम गैर-मोटर कारोबार (non-motor business) से जुड़ें रहें। इसलिए हम देखेंगे कि यह श्रेणी अच्छी-खासी ग्रोथ करे। गैर-मोटर, गैर-स्वास्थ्य क्षेत्र के अलावा हम वास्तव में जिस दूसरे सेगमेंट को देख रहे हैं, वह कमर्शियल साइड है जिसमें दुकानदार का बीमा, पांच करोड़ रुपये के आसपास वाला छोटा कवर, अग्नि और इंजीनियरिंग बीमा (fire and engineering insurance) शामिल हैं।
हम अपने एजेंसी चैनल का लगातार विस्तार कर रहे हैं जो पिछले पांच वर्षों में तीन गुना से भी ज्यादा हो गया है। इसलिए हम डिस्ट्रीब्यूशन का विस्तार करने को उत्सुक हैं। हम मार्केटिंग पर लगातार काम कर रहे हैं और इसका ज्यादातर हिस्सा डिस्ट्रीब्यूशन निर्भर है। डिस्ट्रीब्यूशन बढ़ाने की हमारी योजना आगे चलकर 20 प्रतिशत की ग्रोथ हासिल करने की हमारी महत्वाकांक्षा के मुताबिक होगी।
ग्रामीण और सामाजिक दायित्व (rural and social obligations) के लिहाज से बीमा की पैठ बढ़ाने पर चर्चा होती रही है। रेगुलेटर चाहता है कि ज्यादा ग्रामीण और सामाजिक दायित्वों को पूरा करने के लिए कंपनियां ज्यादा जिम्मेदारी लें। यह सही दिशा में उठाया गया कदम है। शुरुआती वर्षों में यह महंगा रह सकता है। हालांकि लंबी अवधि में इससे बाजार ज्यादा व्यापक होगा।