भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के चेयरमैन सिद्धार्थ मोहंती ने गुरुवार को कहा कि बीमा कंपनियों को नए संपत्ति वर्ग जैसे सॉवरिन गोल्ड बॉन्डों और इक्विटी डेरिवेटिव में निवेश की अनुमति दी जानी चाहिए, जिससे वे अपनी कमाई बढ़ा सकें। उन्होंने कहा कि बीमा कंपनियों के लिए निवेश के नियम बहुत विनियमित हैं।
दसवें एसबीआई बैंकिंग और इकनॉमिक कॉन्क्लेव में बोलते हुए मोहंती ने कहा, ‘जहां तक निवेश की बात है, बीमा कंपनियों के लिए यह बहुत ही विनियमित हैं। ऐसे में सॉवरिन गोल्ड बॉन्डों, इक्विटी डेरिवेटिव जैसे निवेश के नए वर्ग में भी बीमा कंपनियों को निवेश की अनुमति मिली चाहिए, जिससे उनके पास ज्यादा नकदी आ सकेगी।’
उन्होंने बीमाकर्ताओं के सेंट्रल रिपॉजिटरी आफ इन्फॉर्मेशन आन लार्ज क्रेडिट्स (सीआरआईएलसी) के आंकड़ों तक पहुंच की भी वकालत की।
मोहंती ने कहा कि ऋण बाजार में व्यापक हिस्सेदारी के बावजूद एलआईसी की पहुंच सीआरआईएलसी आंकड़ों तक नहीं है, इसकी वजह से समग्र आकलन और अप्रेजल की क्षमता पर असर पड़ता है।
उन्होंने कहा, ‘मैं ऋण बाजार में सबसे बड़ा हिस्सेदार हूं (लेकिन) मेरी पहुंच (सीआरआईएलसी तक) नहीं है। मेरा आकलन और अप्रेजल सार्वजनिक रूप से उपलब्ध रिपोर्ट और वित्तीयआंकड़ों पर आधारित है। इसी के आधार पर मैं यह करता हूं। ऐसे में मुझे खुशी होगी, अगर हमें सीआरआईएलसी तक पहुंच की सुविधा दी जाए।’