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Budget 2024-25, AB-PMJAY: आयुष्मान भारत योजना का दायरा बढ़ा; आशा, आंगनवाड़ी को भी मिलेगा स्वास्थ्य बीमा का लाभ

Interim Budget में फार्मास्युटिकल विभाग के लिए 4,089 करोड़ रुपये का आवंटन बढ़ाया गया है। जनधन औष​धि योजना के लिए आवंटन 149 फीसदी बढ़ाकर 1,000 करोड़ रुपये किया गया है।

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सोहिनी दास   
Last Updated- February 01, 2024 | 11:23 PM IST

करीब 30 लाख से अ​धिक मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (आशा-ASHA) और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (Ayushman Bharat Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana-AB-PMJAY) के तहत स्वास्थ्य बीमा के दायरे में लाया जाएगा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट 2024-25 (Interim Budget 2024-25 ) में इसकी घोषणा की है। उनके अनुसार सभी आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायकों को भी आयुष्मान भारत योजना के दायरे में लाया जाएगा।

बढ़ाया गया आवंटन

इसके लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के बजट को वित्त वर्ष 2023-24 के संशोधित अनुमान (Revised Estimates ) से 12.59 फीसदी बढ़ाकर 90,675 करोड़ रुपये किया गया है। हालांकि 2023-24 के बजट अनुमान की तुलना में स्वास्थ्य क्षेत्र का आवंटन (1.7 फीसदी ज्यादा) लगभग सपाट रहा है।

फार्मा और जनधन औष​धि योजना के लिए भी बढ़ा आवंटन

फार्मास्युटिकल विभाग के लिए 4,089 करोड़ रुपये का आवंटन बढ़ाया गया है। इसी तरह जनधन औष​धि योजना के लिए आवंटन 149 फीसदी बढ़ाकर 1,000 करोड़ रुपये किया गया है। इसके तहत बल्क दवाओं को प्रोत्साहित किया जाएगा।

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए 9 से 14 आयु वर्ग की लड़कियों में टीकाकरण को बढ़ावा देगी। इसके साथ ही मौजूदा अस्पतालों के बुनियादी ढांचे का उपयोग करने के लिए ज्यादा से ज्यादा मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे और मातृ एवं शिशु देखभाल की वि​भिन्न योजनाओं को समग्र कार्यक्रम के तहत लाया जाएगा। आंगनवाड़ी केंद्रों को उन्नत बनाकर पोषण की आपूर्ति में सुधार लाया जाएगा।

ग्रामीण और शहरी इलाकों में 10 लाख से ज्यादा आशा कार्यकर्ता हैं, वहीं 13 लाख आंगनवाड़ी और करीब 11 लाख सहायक कार्यकर्ता हैं। आयुष्मान भारत के तहत लाभार्थी परिवारों को 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराया जाता है।

एसोसिएशन​ ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स के संस्थापक निदेशक गिरिधर ज्ञानी ने कहा कि अगर मरीजों को भी कुछ लागत वहन करन की अनुमति दी जाए तो ज्यादा संख्या में अस्पताल इस योजना के साथ जुड़ सकते हैं। अभी देश भर के करीब 24,000 अस्पताल इस योजना के लाभा​​र्थियों का उपचार कर रहे हैं।

First Published : February 1, 2024 | 7:53 PM IST