बीएस बातचीत
आदित्य बिड़ला सनलाइफ ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी इसी सप्ताह आईपीओ पेश करेगी। फंड हाउस के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी ए बालासुब्रमण्यन ने चिराग मडिया के साथ साक्षात्कार में कहा कि एमएफ क्षेत्र में फिनटेक कंपनियों के प्रवेश से बाजार को बढऩे में मदद मिलेगी। पेश हैं उनसे हुई बातचीत के मुख्य अंश:
क्या आपने आईपीओ का मूल्य तय कर लिया है? यह सूचीबद्घ प्रतिस्पर्धियों की तुलना में कैसा है?
हमें पूरे देश और दुनिया में आयोजित किए गए अपने रोड शो के दौरान इस संबंध में प्रतिक्रियाएं मिलीं। इससे हमें वृद्घि की संभावनाओं के बारे में भी पता चला है। मूल्य निवेशकों के हित को ध्यान में रखकर तय किया गया है। आईपीओ की कीमत कुछ भी हो, लेकिन प्रतिस्पर्धा के मुकाबले बाजार में हमारी सिथति के आधार पर सूचीबद्घता के बाद इसमें बदलाव आएगा।
नियामक का ध्यान लागत को तर्कसंगत बनाने पर रहा है, क्या आप मानते हैं कि इससे मुनाफा प्रभावित होगा?
जहां संपूर्ण लागत ढांचे में कमी आई है, वहीं खर्च की संरचना में भी बदलाव आया है। हमने जहां एक तरफ इक्विटी तैयार की है, वहीं एसआईपी के मजबूत बहीखाते के साथ ज्यादा ग्राहक भी जोड़े हैं। इसका लाभ हमें यह मिला कि हम अतिरिक्त लागत वृद्घि के बगैर दायरा बढ़ाने में सफल रहे हैं। इसलिए परिचालन दक्षता से संपूर्ण मुनाफे और राजस्व में सुधार लाने में मदद मिलती है।
क्या बाजार भागीदारी बढ़ाने के लिए आप विलय-अधिग्रहण और बाहरी स्रोतों पर विचार कर रहे हैं?
मौजूदा समय में ऐसी कोई योजना नहीं है। फंड हाउस के तौर पर फंड हाउसों के अधिग्रहण का हमारा अच्छा रिकॉर्ड रहा है। हमने पिछले कुछ वर्षों के दौरान एपल एमएफ और अलायंस एमएफ तथा आईएनजी एमएफ का अधिग्रहण किया। भविष्य में, यदि मूल्यांकन, शेयरधारक मंजूरी के आधार पर कोई अवसर मिलता है तो हम उस पर विचार करने के लिए स्वतंत्र हैं। इसके अलावा, समय समय पर हम आंतरिक विकास पर भी ध्यान केंद्रित करते रहे हैं।
आपने नई फिनटेक कंपनियों से प्रतिस्पर्धा का सामना करने की क्या योजना बनाई है?
ज्यादा कंपनियों की वजह से उद्योग को आकार बढ़ाने में मदद मिलेगी, ग्राहक जोडऩे के साथ साथ पहुंच बढ़ाने, दोनों के संदर्भ में। फंड हाउस के तौर पर हम 23 वर्षों के शानदार रिकॉर्ड के साथ प्रतिष्ठित कंपनियों में से एक हैं, जिससे हम मजबूत स्थिति में होंगे। मैं नहीं मानता कि यह कोई खतरा है, क्योंकि फंड हाउस के तौर पर हम अपना आकार और परिसंपत्तियां लगातार बढ़ाएंगे।
पैसिव योजनाओं में निवेशक दिलचस्पी बढ़ी है। इस संबंध में आपकी क्या रणनीति है?
वैश्विक तौर पर, एक्सचेंज ट्रेटेड फंड (ईटीएफ) कुछ लागत वसूल सकते हैं, इसलिए हम यह नहीं कह सकते कि यह पूरी तरह सस्ते उत्पाद हैं। फिर भी ये लाभकारी योजनाएं हो सकती हैं। फंड हाउस के तौर पर हमारा मानना है कि ऐक्टिव और पैसिव, दोनों का सह-अस्तित्व होगा और वे ग्राहक नजरिये से पूरक बने रहेंगे। इसलिए, दोनों परिसंपत्ति वर्गों में उपस्थिति बनाना बेहद जरूरी है। निवेशक नजरिये से, पोर्टफोलियो निर्माण पैसिव बनाम ऐक्टिव पर ध्यान देने के बजाय ज्यादा महत्वपूर्ण होता है।
फंड हाउस की बाजार भागीदारी 8-10 प्रतिशत के दायरे में बनी हुई है, क्या आपने इसमें सुधार लाने की योजना बनाई है?
पिछले 10 साल में, हमारी बाजार भागीदारी 5 प्रतिशत से सुधरकर 9.1 प्रतिशत पर पहुंची है। हमारा ध्यान बी-30 शहरों से आगे भी उपस्थिति बढ़ाने और सभी बाजारों में अपना ग्राहक आधार बढ़ाने पर रहेगा। मुख्य ध्यान अपने शाखा नेटवर्क का विस्तार करने के साथ साथ वितरण नेटवर्क बढ़ाने पर लगा रहेगा। एसआईपी के जरिये ग्राहकों के विभिन्न लक्ष्य पूरे करने के लिए उन्हें कमाई के अवसर प्रदान करना भी हमारा मुख्य मकसद होगा। हमारा मानना है कि अब हमारा लक्ष्य ग्राहक आधार में वृद्घि करना होगा। हमारा दृष्टिकोण उत्पादों के साथ साथ ग्राहकों के स्वामित्व, दोनों में समायोजित होगा।