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उम्र कम तो मिले फायदा घर खरीदने के लिए कर्ज ज्यादा

Last Updated- December 05, 2022 | 10:42 PM IST

राजेश सिन्हा, उम्र 25 वर्ष, ने पिछले साल मुंबई में अपना घर खरीदा है। लगभग 23 लाख रुपये की संपत्ति का सौदा पक्का करने के बाद, राजेश ने होम लोन के लिए बैंक का रुख किया।


राजेश जिस इमारत में घर खरीदना चाहता था, वह 30 साल से भी अधिक पुरानी थी, इसलिए ज्यादातर बैंकों ने उसे 70 प्रतिशत से अधिक कर्ज देने से मना कर दिया। सिन्हा ने हाल ही में नौकरी करना शुरू किया था, इसलिए उसके पास बाकि बची हुई रकम के लिए कोई जोड़-तोड़ भी नहीं था।


इसलिए जब वह तीन बैंकों के पास पहुंचा और उन्होंने उसे 70-75 प्रतिशत तक ऋण की राशि देने की बात की तो उसने बैंकों का प्रस्ताव ठुकरा दिया। ऐसे में दो बैंक तो पीछे हट गए, लेकिन एक बैंक उसे कर्ज के लिए जरूरी 90 प्रतिशत राशि देने को तैयार हो गया और वह भी 10.25 प्रतिशत (.5 प्रतिशत की रियायत) की रियायत दर पर। बाद में यह लगभग 20 लाख रुपये से कुछ ही कम था, जो राजेश को मिला।


यह भारतीय रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देशों के अनुसार हुआ, जिसमें 20 लाख रुपये से कम के होम लोन प्राथमिक क्षेत्रों के अंतर्गत आते हैं। इसलिए बैंक ब्याज पर कम दरें चार्ज करते हैं।


लेकिन अब एक सवाल दिमाग आता है कि आखिर बैंक इतनी मुश्किलें क्यों उठा रहे हैं? इसका कारण है: सिन्हा की अभी उम्र कम है और औसत आयु के हिसाब से जीने के लिए उसके पास अभी बहुत साल है। सिन्हा का कहना है, ‘कर्ज के लिए मोल-भाव लगभग तीन महीनों तक चलता रहा, लेकिन मैं अपनी बात पर अडिग था।’


सिर्फ इतना ही नहीं। राजेश ने बाकि की रकम का इंतजाम किसी दूसरे बैंक से निजी ऋण ले कर कर लिया। और वह भी तब जब वह बैंक जानता था कि वह पहले ही एक होम लोन ले चुका है।


यहां सिन्हां जैसे और भी लोग हैं, जिन्हें अपनी जरूरत के हिसाब से बैंकों से ऋण मिल गया है। एचडीएफसी की संयुक्त प्रबंध निर्देशक, रेनु सूद करनाड का कहना है, ‘जब भी हम किसी भावी ग्राहक को ऋण देने पर विवचार करते हैं, उनकी कम उम्र उन्हें कर्ज प्राप्त करने में मुनाफा देती है, जिससे वे अधिक राशि कर्ज के रूप में प्राप्त करने के योग्य होते हैं।’


उम्र एक बड़ा कारण है क्योंकि इससे बैंकों को अपनी नीतियों में लचीला होने का मौका मिलता है। इसलिए, अगर आप युवा हैं और कर्ज लेने के बारे में सोच रहे हैं, तो आपके सामने कई अच्छे विकल्प मौजूद हैं। आईडीबीआई बैंक के उप प्रबंध निदेशक जितेंद्र बालकृष्णन का कहन है, ‘अगर ग्राहक बैंक के आधारभूत योग्यता मानदंडों को पूरा कर लेता है तो बैंक के पास उसके लिए कई उत्पाद हैं, जिनका इस्तेमाल वे अपनी ऋण एकत्र करने की क्षमताओं को बेहतर बनाने के लिए किया जा सकता है।’


हालांकि जब-कभी युवा अपना खुद का मकान खरीदने के लिए निकलते हैं तो उन्हें कई मुसीबतों का सामना करना पड़ता है, जैसे कि शुरुआती एकमुश्त रकम की अदायगी के लिए पैसा इकट्ठा करने में मुश्किल और कर्ज लेने के लि जरूरी योग्यताओं की कमी आदि।


शुरुआती एकमुश्त रकम के भुगतान की समस्या के लिए कुछ आसान हल:


निजी ऋण : अगर आप ऋण के पुनर्भुगतान करने पाने में खुद को सक्षम समझते हैं, तो आप उस रकम के बराबर का निजी ऋण ले सकते हैं। लेकिन वित्तीय विशेषज्ञ की सलाह है कि अगर आपमें पुनर्भुगतान की क्षमता है और इससे आपके मासिक वेतन पर बहुत ज्यादा दबाव नहीं बने, तभी आपको निजी ऋण के बारे में सोचना चाहिए। आमतौर पर हाथ में आने वाले मासिक वेतन का लगभग 40-50 प्रतिशत भाग ऋण सेवाओं में लग जा सकता है।


वित्तीय परिसंपत्तियों को गिरवी रखकर : अगर आपके पास शेयर, सावधि जमाखाते या बीमा पॉलिसियां हैं तो आप इन्हें बैंक के पास गिरवी रख सकते हैं। आप गिरवी रखी गई जीवन बीमा कंपनियों या बैंक से ली गई, बीमा पॉलिसी के मूल्य के बारबर की राशि पा सकते हैं।


कर्मचारी भविष्य निधि से ऋण: अगर आप अपने कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) खाते से ऋण ले सकते हैं तो आपको इस विकल्प पर ध्यान जरूर देना चाहिए।अगर एक बड़ा सवाल आकर यह खड़ा होता है कि आखिर आप ऋण के लिए अपनी योग्यताओं को कैसे बढ़ाएं। इसके लिए यहां कुछ तरीके बताए जा रहे हैं।


जिन्होंने अभी-अभी अपनी शुरुआत की है, वे एक सह-आवेदनकर्ता के लिए आवेदन करें। करनाड का कहना है, ‘ऋण राशि के लिए सह-आवेदनकर्ता की आय को ध्यान में रखा जा सकता है। यह सह-आवेदनकर्ता शादीशुदा होने पर पति-पत्नी या फिर माता-पिता हो सकते हैं, लेकिन यह कुछ ही परिस्थितियों में लागू होता है। अगर आपके भाई-बहन हैं तो माता-पिता को सह-आवेदनकर्ता बनाने के लिए आपको उनसे अनापत्ति प्रमाण पत्र लाकर देना होगा।’


अगर ग्राहक कोई युवा पेशावर है, तो उसके लिए ढांचागत पुनर्भुगतान का विकल्प भी उपलब्ध है जिससे भुगतान करने में लचीलापन मिलता है और उससे वे अधिक ऋण राशि के योग्य बनते हैं। उदाहरण के लिए, सर्फ और स्टेप-अप रीपेमेंट जैसे विकल्प भी मौजूद हैं, जिनमें पुनर्भुगतान सूची ग्राहक की आय के अनुमानित विकास के अनुसार बनाई जाती है।


इसके तहत ग्राहक अधिक राशि के कर्ज के योग्य हो जाता है और उसे शुरुआती सालों में कम राशि वाली मासिक किस्तों का भुगतान करना होगा, जिससे पूरे कर्ज के पुनर्भुगतान में उसे राहत मिलेगी।


जैसे कि अगर आप 20 वर्षों के लिए 11 प्रतिशत की ब्याज दर पर 30 लाख रुपये का कर्ज लेते हैं, इसके लिए आपकी मासिक किस्त लगभग 30,900 रुपये बैठेगी। अब आप बैंक के साथ ऐसे ताल-मेल बिठा सकते हैं, जिसमें शुरुआती 5 वर्षों में आपको सिर्फ 20 हजार रुपये की मासिक किस्त और बाकि वर्षों में मासिक किस्त में 50 प्रतिशत वृध्दि के साथ कर्ज का पुनर्भुगतान किय जा सके।


साथ ही, कर्ज की लंबी अवधि से आप अधिक राशि का ऋण ले सकते हैं। इसलिए, कई बैंक हैं जो यहां तक कि 30 वर्ष की अवधि के लिए होम लोन देते हैं।आप युवा हैं और बैंकों को इसमें फायदा है, इसलिए जरूरी नहीं कि आपको हर बार कर्ज मिल जाए। भारत में, ज्यादातर कर्ज देने वाली संस्थाएं, कर्ज को पुनर्भुगतान की क्षमता और सभी के लिए एक समान ब्याज दर के आधार पर कर्ज देती हैं। लेकिन इसी के साथ एक खुशखबरी भी है।


करनाड का कहना है, ‘वित्तीय संस्थाएं ग्राहकों की कर्ज के इतिहास के आधार पर अब ब्याज लगाने का विचार कर रही हैं। कर्ज के पुनर्भुगतान करने में सक्षम ग्राहकों को विशेष ब्याज दरों और शर्तों पर कर्ज मुहैया करवाया जाएगा।’ इसका मतलब है कि युवा कर्ज लेने वालों के लिए अच्छी खबर है, जिनके बही-खातों में अभी तक कर्ज शुमार नहीं हुआ है।


एक नजर


ऋण की रकम को बढ़ाने केलिए एक सह-आवेदक की तलाश करें
कर्मचारी भविष्य निधि से ऋण लें
अपनी वित्तीय परिसंपत्तियों को गिरवी रखें
स्टेप-अप पुनर्भुगतान की सुविधा चुनें

First Published - April 20, 2008 | 11:48 PM IST

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