वित्तीय साल 2007-08 का आखिरी हफ्ता चल रहा है और यह समय टैक्स अदा करने और रिटर्न फाइल करने का है।
हालांकि टैक्स प्लानिंग के लिए आदर्श समय अप्रैल का पहला हफ्ता होता है, लेकिन अब भी कुछ ऐसे विकल्प बचे हैं, जिनके जरिये अंतिम कुछ दिनों में टैक्स बचाया जा सकता है।अगर आप इक्विटी बाजार के सक्रिय खिलाड़ी हैं, तो कैपिटल गेन टैक्स से नहीं बच सकते। लेकिन अगर आपके पोर्टफोलियो में कुछ बेकार शेयर पड़े हैं तो इसके चढ़ने का इंतजार किए बगैर फटाफट बेच डालें।
ऐसा इसलिए क्योंकि बीते दिसंबर तक इस पर मिलने वाला लाभ काफी अच्छा होता, लेकिन जनवरी से शेयर बाजार में शुरू हुई गिरावट से कई शेयरों के भाव में काफी कमी देखने को मिली है। टैक्स विशेषज्ञ कनु दोषी के मुताबिक, 31 मार्च से पहले शेयरों में हानि को दिखाकर निवेशक अपने कैपिटल गेन दायित्वों को कम करने में सक्षम होंगे। किसी निवेशक द्वारा एक साल में शेयरों से कमाए गए लाभ पर 10 फीसदी कैपिटल गेन टैक्स लगता है।
हालांकि वैसे शेयरों पर यह टैक्स नहीं लगता है, जो एक साल से पहले खरीदे गए हों या रखे गए हों। इसके मद्देनजर अगर किसी निवेशक को 3 लाख का नुकसान हुआ है और उसने 10 लाख का मुनाफा कमाया है, तो उसे 30 हजार तक कैपिटल गेन टैक्स बचा सकता है।
वित्तीय प्लानर मुकेश देधिया के मुताबिक, इस साल के बजट में कैपिटल गेन टैक्स बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया गया है और निवेशकों को इसे ध्यान में रखकर योजना तैयार करनी चाहिए। उनका कहना है कि अगर नकदी प्रवाह मुद्दा नहीं है तो इस नुकसान को अगले वित्तीय वर्ष में दिखाया जा सकता है। उस वक्त टैक्स में राहत ज्यादा मिल सकेगी।
टैक्स बचाने का दूसरा उपाय धारा 80 सी के तहत विकल्पों पर बारीक निगाह डालने के जरिये प्राप्त हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि ज्यादातर करदाता पब्लिक प्रॉविडेंट फंड में महज 70 हजार रुपये (छूट की अधिकतम सीमा) ही निवेश करते हैं और बाकी 30 हजार के बारे में भूल जाते हैं। इस रकम को अन्य सरकारी इंस्ट्रूमेंटों में निवेश कर छूट का लाभ पाया जा सकता है।