बीएस बातचीत
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी के कार्यकारी निदेशक एवं निवेश अधिकारी एस नरेन ने पुनीत वाधवा के साथ बातचीत में बाजार की आगामी राह, इक्विटी और डेट सेगमेंट में निवेश रणनीतियों आदि के बारे में विस्तार से बताया। पेश हैं उनसे हुई बातचीत के मुख्य अंश:
बाजारों ने मार्च में दीर्घावधि निवेश के लिए अच्छा मौका पेश किया था। प्रमुख सूचकांक तब से तेजी से चढ़े हैं। निवेशकों के लिए अब आपकी क्या सलाह है?
बाजार में गिरावट के बाद मार्च में निवेशक धारणा प्रभावित हुई थी। साथ ही, इक्विटी मूल्यांकन सस्ता था और उसने 2008 और 2001 की तरह दशक में एक बार जैसा अवसर पेश किया। अल्पावधि से मध्यावधि में, भू-राजनीतिक और कोविड-19 से संबंधित घटनाक्रम की वजह से बाजार में अनिश्चितता से इनकार नहीं किया जा सकता। निवेश का श्रेष्ठ दृष्टिकोण मल्टी-ऐसेट, डायनेमिक ऐसेट फंडों/बैलेंस्ड एडवांटेज कैटिगरी फंडों के जरिये पैसा लगाना है, जो सभी परिसंपत्ति वर्गों में मौजूदा ज्यादातर अवसरों के लिहाज से उपयुक्त होगा। इसके अलावा आपको मौजूदा एसआईपी के साथ बने रहना चाहिए।
मौजूदा बाजार में आप अवसर कहां देख रहे हैं?
भारत में- और वैश्विक रूप से कुछ शेयरों ने शानदार प्रतिफल दिया है। हमारा मानना है कि ये शेयर बाजार के मुकाबले ज्यादा वैल्यू वाले हैं। चक्रीय तौर पर, ऐसा लग रहा है कि ये शेयर अंतिम चक्र में हैं जबकि शेष बाजार के मामले में ऐसा नहीं है। वैल्यू, स्मॉल, और मिड-कैप चक्रीयता के शुरुआती चरण में हैं। बुनियादी आधार पर मजबूत शेयर अभी भी महंगे मूल्यांकन पर मौजूद हैं और अच्छा लाभांश प्रतिफल तथा मजबूत आय संभावना मुहैया करा रहे हैं। एकमुश्त निवेश अवसरों पर विचार करने वाले दीर्घावधि निवेशक वैल्यू फंडों पर ध्यान दे सकते हैं।
क्या वैश्विक केंद्रीय बैंक अपनी ‘आसान पूंजी’ नीति पर कायम रहेंगे?
वैश्विक रूप से इक्विटी बाजारों ने पिछले 12 वर्षों के दौरान अच्छा प्रदर्शन किया है और इसमें केंद्रीय बैंकों का बड़ा योगदान रहा है। भविष्य में, पूंजी बाजार की गिरावट को नियंत्रित करने की इनकी विफलता का जोखिम बना हुआ है। इस जोखिम से बचने का एकमात्र रास्ता सोने और इक्विटी निवेश के साथ साथ डेट म्युचुअल फंडों के लिए पर्याप्त निवेश करना है। हालांकि फंड प्रबंधन इसका अनुमान नहीं लगा सकते कि अगले दशक के दौरान यह जोखिम कब दूर हो सकता है।
आपके पसंदीदा क्षेत्र कौन से हैं?
सॉफ्टवेयर, फार्मास्युटिकल्स, बिजली, दूरसंचार, धातु और खनन ऐसे कुछ प्रमुख क्षेत्र हैं जिन पर हम सकारात्मक बने हुए हैं।