मांग में सुधार की मदद से दिसंबर तिमाही में शानदार बुकिंग, बाजार भागीदारी में अच्छी तेजी, परियोजनाओं के लिए मजबूत प्रवाह और कर्ज से संबंधित चिंताएं घटने से देश की सबसे बड़ी रियल एस्टेट डेवलपर कंपनियों के लिए हाल के वर्षों में इतना ज्यादा अच्छा प्रदर्शन कभी नहीं रहा। मांग सुधरने से लंबी मंदी से जूझ चुका यह क्षेत्र वित्त वर्ष 2021 के अंत तक बेहतर स्थिति में आ सकता है। बाजार समेकन और ऋण उपलब्धता की वजह से इस तरह की मांग बड़ी कंपनियों के लिए बेहद अनुकूल है, क्योंकि वित्त वर्ष 2021 की पहली दो तिमाहियों में 5-25 प्रतिशत की सालाना वृद्घि दर्ज की गई, जबकि शीर्ष-10 सूचीबद्घ कंपनियों ने दिसंबर तिमाही में 61 प्रतिशत की वृद्घि दर्ज की। इससे न सिर्फ वर्ष की पहली छमाही के घाटे की भरपाई हुई है बल्कि इन कंपनियों को दिसंबर में समाप्त 9 महीने में 13 प्रतिशत की वृद्घि दर्ज करने में भी मदद मिली।
कई सूचीबद्घ डेवलपरों ने मजबूत तेजी दर्ज की है। बेंगलूरु स्थित डेवलपरों ब्रिगेड एंटरप्राइजेज, और शोभा ने आवासीय खंड में अपनी शानदार बिक्री दर्ज की, ओबेरॉय रियल्टी के लिए भी यह तिमाही अच्छी रही और उसे कम आवास ऋण दरों, मांग में सुधार, ब्याज माफी योजनाओं और स्टांप शुल्क कटौती से मदद मिली।
रियल्टी बाजार को सुधार दर्ज करने में मदद मिल रही है। वहीं प्रमुख कंपनियों के लिए बाजार भागीदारी बढ़ाने के लिए संघर्ष का सामना करना पड़ा है। प्रमुख-10 सूचीबद्घ रियल्टी कंपनियों की बाजार भागीदारी वित्त वर्ष 2020 में 11 प्रतिशत की बिक्री से बढ़कर वित्त वर्ष 2021 में अब तक दोगुनी हुई है। प्रख्यात डेवलपरों (गैर-सूचीबद्घ भी शामिल) की भागीदारी चालू वर्ष 2017 के 17 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2020 में 44 प्रतिशत पर पहुंच गई। विश्लेषकों का मानना है कि बाजार समेकन में मजबूती आएगी, क्योंकि मौजूदा परिवेश बड़ी संगठित कंपनियों के लिए भूखंडों में निवेश करने, कम मूल्यांकन पर परियोजनाएं हासिल करने और अपनी उपस्थिति बढ़ाने में मददगार साबित हो रहा है।
इक्रा में सहायक उपाध्यक्ष एवं सहायक प्रमुख माही अग्रवाल का कहना है, ‘समेकन में यह तेजी बरकरार रहने की संभावना है और कई बड़ी संगठित कंपनियां मजबूत ब्रांडों, कम कर्ज वाली बैलेंस शीट और पर्याप्त तरलता से संपन्न हैं जिससे उन्हें बाजार भागीदारी बढ़ाने में मदद मिल रही है।’
बिक्री में तेजी के बावजूद विश्लेषकों को इस क्षेत्र में बिक्री वित्त वर्ष 2021 में 35-40 प्रतिशत घटने की संभावना है, हालांकि रिकवरी 25-40 प्रतिशत के दायरे में रहने का अनुमान है। इससे कुल बिक्री वित्त वर्ष 2020 के स्तरों के 85-90 प्रतिशत पर रहने की संभावना है। क्रिसिल रिसर्च में निदेशक ईशा चौधरी का कहना है, ‘कमजोर कीमत गिरावट के अलावा, कम ब्याज दरों और महाराष्ट्र में स्टांप शुल्क में कमी, घर खरीदारों की किफायत 3-10 प्रतिशत के दायरे में डिस्काउंट और छूट की वजह से बढ़ी है।’
किसी शहर में मकान खरीदने के लिए क्रिसिल द्वारा न्यूननम सालाना पारिवारिक आय की गणना से पता चलता है कि पांच साल में प्रमुख 10 शहरों में घर खरीदारों के लिए घर खरीदने की क्षमता सुधरकर 30 प्रतिशत तक हुई है। इसकी मुख्य वजह कम ब्याज दरें और नरम पूंजीगत वैल्यू है।
बढ़ती बिक्री की रफ्तार से संग्रह भी सुधरा है और परियोजना खर्च में नरमी तथा ऊपरी खर्च में कमी से परिचालन प्रवाह में सुधार आने और इसके वित्त वर्ष 2022 में कोविड से पहले जैसी स्थिति में लौटने की संभावना है। जहां प्रमुख सूचीबद्घ डेवलपरों के लिए ग्राहक संग्रह वित्त वर्ष 2021 के 9 महीनों में 20 प्रतिशत घटा, वहीं उन्हें तीसरी तिमाही में वृद्घि के रुझान और सालाना आधार पर 13 प्रतिशत की तेजी की संभावना है। डेवलपरों के परियोजना प्रवाह को देखते हुए अल्पावधि में यह रफ्तार बरकरार रहने की संभावना है। उदाहरण के लिए, गोदरेज प्रॉपर्टीज का मानना है कि 12 नई पेशकशों के साथ मौजूदा मार्च तिमाही मजबूत रहेगी। मुंबई स्थित इस डेवलपर द्वारा वित्त वर्ष 2022 में 1 अरब डॉलर की बुकिंग किए जाने की संभावना है।
सबसे बड़ी सूचीबद्घ डेवपलर डीएलएफ का 1.45 करोड़ वर्ग फुट का मजबूत ऑर्डर प्रवाह है जो दो वर्षों की अवधि से जुड़ा हुआ है जिसमें 57 लाख वर्ग फुट मिड-इनकम कैटेगरी में है। 70 प्रतिशत से ज्यादा व्यवसाय बेंगलूरु के बाजार से हासिल करने वाली शोभा ने 1.4 करोड़ वर्ग फुट से ज्यादा की परियोजनाएं पेश करने का लक्ष्य रखा है। इसमें से, 1 करोड़ वर्ग फुट वित्त वर्ष 2022 की पहली छमाही तक लॉन्च किया जाएगा। नई बुकिंग में शानदार तेजी दर्ज करने वाली ओबेरॉय रियल्टी भी अगले कुछ महीनों में गोरेगांव, बोरीवली और ठाणे में 50 लाख वर्ग फुट की परियोजनाएं पेश करने की योजना बना रही है। बुकिंग और नए लॉन्च की रफ्तार, कर्ज से संबंधित चिंताओं में कमी को देखते हुए इस सूचीबद्घ रियल्टी कंपनी ने कुल बाजार के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है। बीएसई रियल्टी सूचकांक तीन महीनों के दौरान 39 प्रतिशत तक चढ़ा, जबकि सेंसेक्स में इस अवधि में 11 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई।
सूचीबद्घ श्रेणी में, फीनिक्स मिल्स विभिन्न ब्रोकरों का पसंदीदा शेयर है, जिसके बाद प्रेस्टीज एस्टेट प्रोजेक्ट्स और ब्रिगेड एंटरप्राइजेज शामिल हैं।
