facebookmetapixel
Vijay Rally Stampede: तमिलनाडु में एक्टर विजय की रैली में भगदड़, 36 लोगों की मौत, कई घायलPowergrid ने बिजली आपूर्ति मजबूत करने के लिए 705 करोड़ रुपये के दो बड़े प्रोजेक्ट को दी मंजूरीन्यूयॉर्क में ब्रिक्स देशों ने व्यापार पर टैरिफ पाबंदियों को बताया गलत, संयुक्त बयान में आतंकवाद की भी निंदाPM मोदी ने ओडिशा से ‘स्वदेशी’ BSNL 4G किया लॉन्च, 97,500 से ज्यादा टावरों का किया उद्घाटनUNGA में एस जयशंकर ने ब्रिक्स मंत्रियों के साथ की बैठक, वैश्विक व्यापार और शांति को लेकर हुई चर्चाUpcoming IPOs next week: अगले हफ्ते मार्केट में IPO और लिस्टिंग की बौछार, निवेशकों के लिए खुलेंगे अवसरHDFC बैंक की दुबई शाखा पर DFSA का प्रतिबंध, नए ग्राहकों की ऑनबोर्डिंग पर रोकडिफेंस PSU को सेना से मिला ₹30,000 करोड़ का तगड़ा आर्डर, मिसाइल सिस्टम ‘अनंत शस्त्र’ बनाएगी कंपनीशादी के बाद 46% महिलाएं छोड़ती हैं काम, 42% पुरुषों ने लिया तलाक के लिए लोन; सर्वे में हुआ चौंकाने वाला खुलासाStock Split: अगले हफ्ते दो कंपनियां अपने शेयरों का करेंगी स्प्लिट, निवेशकों के लिए शेयर खरीदना होगा आसान

महंगे बीमा की मांग घटी

छोटे शहरों में पांच लाख रुपये से कम की पॉलिसियों में तेजी

Last Updated- November 20, 2023 | 10:46 PM IST
In a first, micro insurance premium in life segment tops Rs 10k cr in FY24 माइक्रो बीमा सेगमेंट ने FY24 में रचा इतिहास, पहली बार न्यू बिजनेस प्रीमियम 10,000 करोड़ के पार निकला

इस वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में उच्च मूल्य की बीमा पॉलिसियों की वृद्धि की दर सुस्त रही। इस बजट में उच्च मूल्य की बीमा पॉलिसियों को कर के दायरे में लाया गया था। हालांकि इस अवधि के दौरान ‘पांच लाख रुपये से कम’ प्रीमियम वाली पॉलिसियों की खरीद में वृद्धि हुई है। यह वृद्धि मुख्य तौर पर छोटे शहरों से हुई है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बजट में घोषणा की थी कि जिन बीमा पॉलिसियों (यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान या यूलिप के अलावा) का कुल प्रीमियम पांच लाख रुपये से अधिक है, उनके परिपक्व होने पर कर से छूट नहीं दी जाएगी। यह नियम 1 अप्रैल, 2023 की पॉलिसियों पर लागू हुआ था।

एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस के ईडी व सीएफओ नीरज शाह ने कमाई के बाद की विश्लेषण बैठक में कहा, ‘पांच लाख रुपये से अधिक का कारोबार सुस्त हुआ लेकिन इसका अभी भी खासा योगदान है।’ एचडीएफसी के जीवन बीमा खंड में सालाना पांच लाख रुपये से अधिक प्रीमियम वाले खंड की हिस्सेदारी करीब 6 फीसदी है।

दूसरी तरफ ‘पांच लाख से कम वाली पॉलिसियों’ का योगदान 90 प्रतिशत है और इसमें 18 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस खंड की वृद्धि ने बड़े आकार की पॉलिसियों के प्रतिकूल प्रभाव को नहीं पड़ने दिया।

मैक्स लाइफ इंश्योरेंस के सीएफओ अमृत सिंह ने कहा, ‘पांच लाख से कम वाली पॉलिसियों की वृद्धि 21 प्रतिशत रही। पांच लाख रुपये के कुल प्रीमियम वाली पॉलिसियों में वृद्धि हो रही है लेकिन बीते साल की तुलना में कम है।’

हालांकि कुछ कंपनियों ने यह अनुमान भी जताया कि इन पॉलिसियों से यूलिप प्लान आधारित पॉलिसियों की तरफ बदलाव हो सकता है। इसका कारण यह है कि यूलिप प्लान आधारित पॉलिसियों को कर में छूट दी गई है। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस प्रबंधन के अनुसार वित्त वर्ष 23 में गैर लिंक्ड एपीई मिक्स 28.8 प्रतिशत थी और वित्त वर्ष 24 की इसी अवधि में यह गिरकर 25.8 प्रतिशत पर आ गई। कंपनी के सीएफओ धीरेन सालियान ने बताया, ‘एक स्तर पर बदलाव यूनिट लिंक्ड प्लान की ओर हुआ। दूसरा स्तर पर बदलाव सहयोगी योजनाओं की ओर हुआ।’

पांच लाख रुपये से अधिक प्रीमियम की पॉलिसियों पर कर लगाए जाने के कारण बड़े शहरों में इनका कारोबार घट रहा है लेकिन मझोले और छोटे शहरों में तेजी से वृद्धि हुई है। एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस के उप प्रबंध निदेशक सुरेश बादामी ने बताया, ‘हम मझोले और छोटे मार्केट में तेजी से बदलाव देख रहे हैं। इस साल बड़े शहरों के कारोबार पर प्रतिकूल असर है।’

First Published - November 20, 2023 | 10:46 PM IST

संबंधित पोस्ट