इस वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में उच्च मूल्य की बीमा पॉलिसियों की वृद्धि की दर सुस्त रही। इस बजट में उच्च मूल्य की बीमा पॉलिसियों को कर के दायरे में लाया गया था। हालांकि इस अवधि के दौरान ‘पांच लाख रुपये से कम’ प्रीमियम वाली पॉलिसियों की खरीद में वृद्धि हुई है। यह वृद्धि मुख्य तौर पर छोटे शहरों से हुई है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बजट में घोषणा की थी कि जिन बीमा पॉलिसियों (यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान या यूलिप के अलावा) का कुल प्रीमियम पांच लाख रुपये से अधिक है, उनके परिपक्व होने पर कर से छूट नहीं दी जाएगी। यह नियम 1 अप्रैल, 2023 की पॉलिसियों पर लागू हुआ था।
एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस के ईडी व सीएफओ नीरज शाह ने कमाई के बाद की विश्लेषण बैठक में कहा, ‘पांच लाख रुपये से अधिक का कारोबार सुस्त हुआ लेकिन इसका अभी भी खासा योगदान है।’ एचडीएफसी के जीवन बीमा खंड में सालाना पांच लाख रुपये से अधिक प्रीमियम वाले खंड की हिस्सेदारी करीब 6 फीसदी है।
दूसरी तरफ ‘पांच लाख से कम वाली पॉलिसियों’ का योगदान 90 प्रतिशत है और इसमें 18 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस खंड की वृद्धि ने बड़े आकार की पॉलिसियों के प्रतिकूल प्रभाव को नहीं पड़ने दिया।
मैक्स लाइफ इंश्योरेंस के सीएफओ अमृत सिंह ने कहा, ‘पांच लाख से कम वाली पॉलिसियों की वृद्धि 21 प्रतिशत रही। पांच लाख रुपये के कुल प्रीमियम वाली पॉलिसियों में वृद्धि हो रही है लेकिन बीते साल की तुलना में कम है।’
हालांकि कुछ कंपनियों ने यह अनुमान भी जताया कि इन पॉलिसियों से यूलिप प्लान आधारित पॉलिसियों की तरफ बदलाव हो सकता है। इसका कारण यह है कि यूलिप प्लान आधारित पॉलिसियों को कर में छूट दी गई है। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस प्रबंधन के अनुसार वित्त वर्ष 23 में गैर लिंक्ड एपीई मिक्स 28.8 प्रतिशत थी और वित्त वर्ष 24 की इसी अवधि में यह गिरकर 25.8 प्रतिशत पर आ गई। कंपनी के सीएफओ धीरेन सालियान ने बताया, ‘एक स्तर पर बदलाव यूनिट लिंक्ड प्लान की ओर हुआ। दूसरा स्तर पर बदलाव सहयोगी योजनाओं की ओर हुआ।’
पांच लाख रुपये से अधिक प्रीमियम की पॉलिसियों पर कर लगाए जाने के कारण बड़े शहरों में इनका कारोबार घट रहा है लेकिन मझोले और छोटे शहरों में तेजी से वृद्धि हुई है। एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस के उप प्रबंध निदेशक सुरेश बादामी ने बताया, ‘हम मझोले और छोटे मार्केट में तेजी से बदलाव देख रहे हैं। इस साल बड़े शहरों के कारोबार पर प्रतिकूल असर है।’