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बैंकों की कर्ज वृद्धि चालू वित्त वर्ष में नरम पड़कर 13.2 प्रतिशत रहने का अनुमान: ICRA

कर्ज की राशि भी घटकर 16.5 से 18 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जो एक साल पहले 18.2 लाख करोड़ रुपये थी।

Last Updated- September 14, 2023 | 7:36 PM IST
Indian Banks- भारतीय बैंक

बैंकों में चालू वित्त वर्ष में कर्ज वृद्धि नरम पड़कर 12.1 से 13.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। एक साल पहले इसमें 15.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। घरेलू रेटिंग एजेंसी इक्रा ने एक रिपोर्ट में यह भी कहा कि बैंकों की संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार जारी रहेगा। गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (GNPA) अनुपात मार्च, 2024 तक कम होकर 2.8 से तीन प्रतिशत रहने का अनुमान है। जबकि जून तिमाही में यह 3.7 प्रतिशत था।

बिना किसी गारंटी के दिये गये कर्ज को लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं

बिना किसी गारंटी के दिये गये कर्ज में वृद्धि के बीच रेटिंग एजेंसी ने कहा कि इस बारे में चिंतित होने की जरूरत नहीं है। इस प्रकार के कर्ज कम हैं और प्रबंधन के स्तर पर हैं। इक्रा के सह-समूह प्रमुख अनिल गुप्ता ने प्रतिशत के हिसाब से कर्ज वृद्धि में नरमी के बावजूद इसे मजबूत बताया। उन्होंने कहा कि कर्ज की राशि भी घटकर 16.5 से 18 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जो एक साल पहले 18.2 लाख करोड़ रुपये थी।

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बैंक इस वर्ष अधिक जमा प्राप्त करने का प्रयास करेंगे और वित्त वर्ष 2023-24 में कुल जमा वृद्धि नौ प्रतिशत से अधिक रहने की संभावना है। एजेंसी ने कहा कि इससे जमा पर मिलने वाला ब्याज बढ़ेगा और शुद्ध ब्याज मार्जिन पर 0.20 प्रतिशत से अधिक का प्रभाव पड़ेगा।

बही-खातों की गुणवत्ता काफी बेहतर होगी

गुप्ता ने कहा कि इससे बैंकों के लाभ पर असर पड़ेगा और परिसंपत्तियों पर रिटर्न में मामूली कमी आएगी। उन्होंने कहा कि कुछ बैंक लाभ बनाये रखने का प्रयास कर सकते हैं और शुद्ध एनपीए (फंसे कर्ज) की स्थिति में सुधार जीएनपीए जितना तेज नहीं होगा। गुप्ता ने कहा कि कुल मिलाकर बैंकों की कर्ज लागत कम होगी क्योंकि नये फंसे कर्ज में कमी आएगी। फलत: बही-खातों की गुणवत्ता काफी बेहतर होगी।

First Published - September 14, 2023 | 7:36 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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