पिछले दो महीनों में बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखते हुए सभी निवेशक काफी चिंतित हैं। जहां एक तरफ बाजार में उतार-चढाव ने लोगों की जेब को नुकसान पहुंचाया है, वहीं दूसरी तरफ ऐसे लोगों के लिए कई मौके पैदा कर दिए हैं जो इस बाजार रूपी समंदर में गोता लगाना चाहते हैं।
कुछ व्यापारी अपनी नाव को वायदा बाजारों में विकल्प के साथ बने हुए हैं तो कुछ अपने खरीदे हुए शेयरों में ही विश्वास की लौ जलाए हुए हैं। हालांकि अक्सर हम बाजार उतार-चढ़ाव की बात करते हैं तब हमारा अर्थ सूचकांक में उतार-चढ़ाव से होता है। इस कारण हम उतार-चढ़ाव के दौर में भी सूचकांक आधारित एक्सचेंज ट्रेडेट फंड की मदद ले सकते हैं, जिससे मुनाफा कमाया जा सकता है।
आखिर ईटीएफ व्यापारियों के लिए बेहतर विकल्प क्यूं होते हैं:
इन्हें आसानी से खरीदा और बेचा जा सकता है, जैसे आप एक्सचेंज में किसी अन्य शेयर को खरीद-बेच सकते हैं। इन्हें आप बाजार की अवधि के बीच कभी भी खरीद और बेच सकते हैं। इन्हें आप योजना के कुल परिसंपत्ति मूल्य (एनएवी) के बेहद करीब दामों में खरीद और बेच सकते हैं।
इसका मतलब यह है कि इसमें आप अपने अनुमानों को जल्द ही कारोबार में तबदील कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, अगर किसी भी कारोबार के दिन, एनएसई निफ्टी सुबह के 10 बजे 5100 पर है और दोपहर के 12.30 मिनट पर गिर कर 4,950 पर आ जाता है, और किसी को विश्वास है कि बाजार खुले रहने तक निफ्टी दोबारा उस अंक को छू लेगा तो दोपहर 12.30 मिनट पर ईटीएफ के जरिये बाजार में प्रवेश संभव है।
इंडेक्स फंड से भिन्न, जिसमें बेशक आपने कोई ऑर्डर दोपहर 12.30 मिनट पर दिया हो, आपको सिर्फ उस प्रवेश के एनएवी (दोपहर 3.30 मिनट सूचकांक बंद होने के समय पर आधारित) की जानकारी मिलेगी। और अगर आपकी किस्मत इतनी बढ़िया नहीं निकली और निफ्टी 5050 अंक पर ही आ कर बंद हो गया तो इससे आपके मुनाफे पर हल्की-सी कैंची भी चल जाएगी। इस संदर्भ में ईटीएफ को परिसंपत्ति आवंटन को कुशल औजार माना जा सकता है।
बेशक यह बेहद कम समय में ईटीएफ के फायदे का बखान है, लेकिन ऐसा नहीं है कि इसका हमेशा कम समय में ही फायद उठाया जा सकता है। ईटीएफी से आप तब भी फायदा उठा सकते हैं, जब किसी निश्चित दिन में बाजार में तेजी से गिरावट दर्ज की जा रही हो और आपको यकीन हो कि आने वाले सप्ताहों में बाजार वापस इतने अंक तक चढ़ जाएगा। ऐसे में ईटीएफ के निवेशक भारी गिरावट वाले दिन के साथ बाजार में प्रवेश कर सकते हैं और उसके बाद जब उन्हें लगे कि वे सूचकांक स्तर से संतुष्ट हैं तब उन्हें ईटीएफ से निकल आना चाहिए।
इसके अलावा भी बाजार में निवेश के चलते इंडेक्स फंड की ही तरह ईटीएफ में भी निवेशकों कें लिए कई विकल्प मौजूद हैं, लेकिन इसका सबसे बड़ा नुकसान यह है कि इन्हें सिर्फ कारोबारी दिन के अंतिम समय पर एनएवी आधार पर ही खरीदा जा सकता है। ईटीएफ में एक ऐसी प्रणाली काम करती है, जो कि आपके बाजार में प्रवेश के समय और ईटीएफ के सौदे को बाजार में उतारने और निकालने का समय भी नोट करती है, इससे निवेश को ईटीएफ बाजार मूल्य और उसके एनएवी में अंतर के चलते महत्त्वपूर्ण प्रीमियम और डिस्काउंट का फायदा मिलता है।
इसके अलावा वायदा सूचकांक जैसे बाजार प्रतिभागियों को उनके अनुमानों को जल्द ही बदलने का मौका देता है, लेकिन इसमें लेन-देन से फायदा उठाने में जोखिम का स्तर काफी बढ़ जाता है। वहीं दूसरी तरफ ईटीएफ में पूंजी का पूरा साथ चाहिए, क्योंकि इसमें एक ही दिन के कारोबार में अपनी जेब भरना मुश्किल है।
कारोबारी लागत की दृष्टि से, ईटीएफ पर ब्रोकरेज लगता है, जबकि इंडेक्स फंड में प्रवेश और निकलने पर चार्ज लगाया जाता है। आज की तारीख में अधिकतर भारतीय इंडेक्स फंड किसी तरह का कोई प्रवेश चार्ज नहीं लगता, लेकिन अगर कोई 6 महीने से पहले निकलना चाहे तो बाहर निकलने पर 50 बेसिस पॉइंट जरूर चार्ज करते हैं।
ईटीएफ में एक दिन के निवेश में, लाभ को सट्टे पर लाभ की तरह माना जाता है और उस पर कर भी लगाया जाता है। इसके अलावा ईटीएफ और इंडेक्स फंड दोनों में ही एक ही तरीके से कर लगाया जाता है।
अमेरिका में, कुछ विशेष क्षेत्रों के ईटीएफ में भी काफी सक्रिय रूप से कारोबार होता है। भारत में बेंचमार्क कंपनियों के म्युचुअल फंड ने सेबी से दर्जनभर विशेष क्षेत्रों के ईटीएफ को एनएसई में कारोबार करने के लिए अनुमति मांगी गई है। ये इस साल चरणबध्द तरीके से लॉन्च किए जा सकते हैं। वर्तमान में सिर्फ बेंकिंग क्षेत्र के पास कुछ गिने-चुने ईटीएफ हैं।
बेशक सक्रिया कारोबार की चमक-दमक को अनदेखा करना बेहद मुश्किल है, और आपका हर अनुमान मुनाफे का सौदा हो यह भी जरूरी नहीं है। इसके साथ ही किसी भी निवेशक को उसकी निवेश योग्य अतिरिक्त पूंजी को ही इस तरह के निवेशों में लगाना चाहिए।
ईटीएफ एक नजर में एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) इंडेक्स फंड होते हैं, जो एक्सचेंज में सूचीबध्द होते हैं और उनका शेयरों की तरह व्यापार होता। ईटीएफ शेयरों के गुलदस्ते की तरह है, जिसमें आपको किसी सूचकांक की रचना देखने को मिलती है, जैसे कि एसऐंडपी सीएनएक्स निफ्टी या बम्बई स्टॉक एक्सचेंज संवेदी सूचकांक
ईटीएफ निवेश के अन्य प्रकारों से काफी सस्ते होते हैं।
कम समय के लिए निवेश करने वाले, ईटीएफ का दिन में एनएवी के करीब दामों में कारोबार कर मुनाफा कमा सकते हैं।