वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने जब 29 फरवरी को अपना बजट भाषण पूरा किया, ज्यादातर करदाता बेहद खुश थे, क्योंकि आयकर के स्लैब को बढ़ा दिया गया था और इस वजह से सभी करदाताओं पर कर का बोझ काफी कम हो चला था।
लेकिन आज चार महीने बाद, मुद्रास्फीति दहाई के आंकड़े में पहुंच चुकी है, जिसकी वजह से भोजन सामग्री और ईंधन दोनों की कीमतों में तेज उछाल देखा गया है। ज्यादातर बैंकों ने कर्ज पर ब्याज दर लगभग 0.75 प्रतिशत अंक बढ़ा दी है।
एनसीडीईएक्स के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस का कमोडिटी एक्सचेंज के बारे में कहना है, ‘बेशक वित्त मंत्री को भी महंगाई के बढ़ने की उम्मीद थी, लेकिन वे भी सही आंकड़ों की कल्पना नहीं कर पाए।’ कर में लाभ काफी अहम थे।
पुरुष कर दाता के लिए जिसकी सकल आय प्रति वर्ष 5 लाख रुपये है, आयकर कानून की धारा 80 सी के तहत छूट (1 लाख रुपये) और 80 डी के तहत छूट (15 हजार रुपये) और कर स्लैब में समायोजन के साथ-साथ अधिक कर छूट का लाभ लेने के बाद, वार्षिक कर देनदारी 74,160 रुपये से घटकर 32,960 रुपये या 55 प्रतिशत हो गई है, जिससे हर महीने कर दाताओं की जेब में 3,500 रुपये अतिरिक्त जाएंगे।
वहीं दूसरी तरह पिछले तीन महीनों में महंगाई दर लगभग 5 प्रतिशत बढ़ चुकी है। उसके ऊपर से होम लोन की दरें 0.75 प्रतिशत अंकों तक बढा दी गई हैं। ऐसे में जिस करदाता ने 12 लाख रुपये के करीब करीब होम लोन ले रखा था, उसे अब हर महीने अपनी मासिक किश्त में 500 रुपये का इजाफा देख रहे हैं। इन तमाम चीजों के बावजूद 5 लाख रुपये सालाना कमाने वाले करदाता का 2,000 रुपये प्रति माह या फिर उससे कुछ अधिक (तालिका देखें) शुध्द लाभ हो रहा है, जबकि यह भी सही है कि उसकी परिसंपत्तियों (घर, म्युचुअल फंड आदि) की कीमत घट रही है और उसका हाथ धीरे-धीरे खाली होता जा रहा है।
हालांकि, आय के मामले में आगे चल कर लाभ का यह खेल थोड़ा अलग हो जाता है- मुख्यतौर पर कर लाभ की वजह से जो प्रति माह 3,500 रुपये से कम हो सकता है, जबकि जीवनयापन की लागत बढ़ जाती है। अगर कम राशि के लिए होम लोन लिया गया हो तो इसका बराबर मासिक किश्तों पर असर भी थोड़ा सा ही होगा।
कम आय स्तर वाले लोगों के लिए बजट और उसके बाद की घटनाओं का असर व्यापक स्तर पर न के बराबर ही रहने की उम्मीद है या फिर कुछ मामलों में मामूली-सा नुकसान देखने को मिलेगा। इसलिए वास्तव में जिन्हें नुकसान होगा, वे होंगे जिन्हें कर लाभ नहीं मिल पाएगा (क्योंकि वे कर भुगतान के दायरे में ही नहीं आते) और वे कर दाता जिन्हें हर तरह की बढ़ती लागत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ना होगा।
कर का कारनामा
सकल आय 5,00,000
80 सी में बचत 1,00,000
कर से पहले खर्च योग्य आय 4,00,000
नई कर देनदारी 32,960
एक वर्ष की शुध्द आय 3,67,040
आय प्रति माह 30,500
12 लाख रुपये के ऋण पर मासिक किश्त 12,500
घरेलू खर्च के लिए आय 18,000
महंगाई दर के 5 प्रतिशत बढ़ने से असर 900
कर में लाभ (प्रति माह) 3,500
मासिक किश्त पर अतिरिक्त खर्च और
घरेलू खर्च (प्रति माह) 1,400
शुध्द लाभ (प्रति माह) 2,100
रुपये में