सरकारी बॉन्ड की शुक्रवार को हुई साप्ताहिक नीलामी में प्रतिफल का कटऑफ (cut-off yield ) बाजार की उम्मीदों से कम रहा। डीलरों ने यह जानकारी दी। भारतीय रिजर्व बैंक ने 5 साल, 10 साल और 30 साल वाले सरकारी बॉन्ड का कटऑफ प्रतिफल क्रमश: 7.19 फीसदी, 7.18 फीसदी और 7.37 फीसदी तय किया है।
एक सरकारी बैंक के डीलर ने कहा, बाजार उम्मीद कर रहा था कि 10 वर्षीय बॉन्ड के प्रतिफल का कटऑफ ज्यादा होगा क्योंकि यहां शॉर्ट दांव की इजाजत नहीं है। हालांकि लोग 10 वर्षीय बॉन्ड लेकर रखना चाहते हैं।
कुछ ट्रेडरों ने बेंचमार्क 10 वर्षीय बॉन्ड पर शॉर्ट दांव लगाया और नया 10 वर्षीय बॉन्ड खरीदा ताकि अपना पोजीशन लॉक कर सके। डीलरों ने यह जानकारी दी। 10 वर्षीय बेंचमार्क बॉन्ड और नए 10 वर्षीय बॉन्ड के प्रतिफल का अंतर शुक्रवार को 2 आधार अंक रहा।
बेंचमार्क 10 वर्षीय बॉन्ड का प्रतिफल 7.20 फीसदी रहा जबकि नए 10 वर्षीय बॉन्ड का प्रतिफल 7.18 फीसदी पर टिका। नीलामी में उम्मीद से कम कटऑफ प्रतिफल के बावजूद द्वितीयक बाजार की कीमत के लिहाज से बाजार में सीमित प्रतिक्रिया देखने को मिली क्योंकि ट्रेडरों ने जीरोम पॉवेल के भाषण से पहले बड़ा दांव लगाने से परहेज किया।
इस बीच, 14 दिन वाला वेरिएबल रेट रिवर्स रीपो (वीआरआरआर) नीलामी में बैंकों की प्रतिक्रिया सीमित रही। आरबीआई ने शुक्रवार को 14 दिन की वीआरआरआर नीलामी की जबकि बैंकिंग व्यवस्था में नकदी कम है।
बैंकों ने अधिसूचित रकम 1 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 22,419 करोड़ रुपये 6.49 फीसदी के भारांकित औसत दर पर जमा किए।
एक अन्य सरकारी बैंक के डीलर ने कहा, जब नकदी कम है तो आरबीआई की तरफ से वीआरआरआर लाने का मतलब नहीं बनता। पिछला 14 दिन वाला वीआरआरआर आज (शुक्रवार) परिपक्व हो रहा है, इसी वजह से उन्होंने आज एक बार फिर नीलामी की। यही एकमात्र व्यावहारिक वजह दिख रही है।