भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को सरकारी बॉन्डों की तीसरी पुनर्खरीद की घोषणा की है। केंद्रीय बैंक ने गुरुवार को 40,000 करोड़ रुपये की प्रतिभूतियों के पुनर्खरीद की योजना बनाई है।
बॉन्ड बाजार के हिस्सेदारों ने कहा कि इस नीलामी में मांग सुस्त रहने की आशंका है क्योंकि बैंक घाटे में अपने बॉन्ड नहीं बेचेंगे। उनका कहना है कि अधिसूचित राशि की तुलना में बैंक 5,000 से लेकर 10,000 रुपये के बॉन्डों की बिक्री सरकार को कर सकते हैं।
करूर वैश्य बैंक के कोषागार के प्रमुख वीआरसी रेड्डी ने कहा, ‘रिजर्व बैंक ने इतनी ही प्रतिभूतियों की पेशकश पहले की नीलामी में भी की थी। जिस कीमत में बैंकों से प्रतिभूतियां खरीदी गईं, उसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। ऐसे में हिस्सेदारी कम रहेगी, जब तक कि पेशकश में 2-3 आधार अंक (यील्ड) का बदलाव नहीं किया जाता है।’
उन्होंने कहा कि वे 5,000 करोड़ से 10,000 करोड़ रुपये के बॉन्डों की खरीद कर सकते हैं। कीमत और यील्ड विपरीत दिशा में चलते हैं। सरकार ने 22 जून को परिपक्व हो रहे 7.25 प्रतिशत 2024 बॉन्ड, 28 जुलाई को परिपक्व (मैच्योर) हो रहे 8.40 प्रतिशत 2024 बॉन्ड, 7 नवंबर को परिपक्व हो रहे एफआरबी 2024 बॉन्ड और 14 नवंबर को परिपक्व हो रहे 9.15 प्रतिशत 2024 बॉन्ड की पेशकश की है। इसके पहले 16 मई और 21 मई को केंद्रीय बैंक द्वारा की गई नीलामी में हिस्सेदारी कम रही थी।