निजी क्षेत्र के भारत के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक के पेमेंट्स, कंज्यूमर फाइनैंस, डिजिटल बैंकिंग और आईटी के ग्रुप हेड पराग राव ने कहा है कि डिजिटल बदलावों पर आने वाली लागत उससे होने वाली आमदनी के मामले में बैंक ठहराव की स्थिति में है।
एक नई पेशकश के मौके पर अलग से बात करते हुए गुरुवार को राव ने कहा कि एचडीएफसी बैंक को रिजर्व बैंक के टोकनाइजेशन मानकों के पालन में किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा है, जो 1 अक्टूबर से लागू है। राव ने कहा कि टोकनाइजेशन संबंधी 70 से 80 प्रतिशत काम इस बदलाव के पहले ही बैंक ने पूरा कर लिया था।
डिजिटल बदलाव की लागत और उससे होने वाली आमदनी के बारे में राव ने कहा कि इसका सकारात्मक असर अगले 2 से 3 साल में दिखना शुरू होगा।
उन्होंने कहा, ‘डिजिटल पेश किए जाने के साथ आप परंपरागत तरीके की तुलना में ऊपर के स्तर पर तेजी से काम कर सकेंगे। लेकिन यह 2 से 3 साल की यात्रा है।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि हम एक निश्चित स्तर पर पहुंच रहे हैं। यह कुल स्तर का 50 प्रतिशत है। समग्र स्तर पर हम साफतौर पर देख रहे हैं कि लागत में ठहराव आ रहा है।’
गुरुवार को बैंक ने व्यापारियों के लिए नया वन स्टॉप सॉल्यूशन ऐप्लिकेशन पेश किया है, जिसे ‘स्मार्टहब व्यापार मर्चेंट ऐप’ नाम दिया गया है। राव ने कहा कि इस ऐप्लिकेशन का मकसद डिजिटल ऑनबोर्डिंग में सक्षम बनाना है, जिससे यूपीआई, क्यूआर कोड सहित भुगतान के सभी तरीकों से भुगतान प्राप्त किया जा सकता है।
